मध्यप्रदेश के विदिशा में गिरे आठ साल के मासूम से जुड़ी हुई घटना (Vidisha Borewell Case) का दुःखद अंत हुआ। लगभग 24 घण्टे तक चले रेस्क्यू कार्य के बावजूद भी लोकेश को बचाया नहीं जा सका। बता दें कि इस बचाव कार्य में NDRF की तीन और SDRF की एक टीम बीते 24 घण्टे से लगातार मशक्क्त कर रही थी। लम्बे समय के बाद बोरवेल से बाहर निकले लोकेश को तुरंत ही एम्बुलेंस के द्वारा अस्पताल पहुँचाया गया किन्तु प्रारम्भिक जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया।
Vidisha Borewell Case
संबंधित जिले के कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने लोकेश की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि यह दुःखद है और जाँच के बाद दोषी पाए जाने वाले लोगों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृत बच्चे के परिवार को मुआवजे के तौर पर चार लाख की आर्थिक मदद करने का ऐलान किया है।
60 फीट गहरा था बोरवेल
विदिशा जिले की लटेरी तहसील के खेरखेरी पठार गांव का रहने वाला आठ वर्षीय लोकेश बंदरों का पीछा करते हुए 60 फीट गहरे कच्चे बोरवेल में गिर गया था। हालांकि वह 43 फीट गहराई में जाकर फंस गया था। मंगलवार के दिन सूचना प्राप्त होते ही NDRF की टीम सुबह 11:30 बजे घटनास्थल (Vidisha Borewell Case) पर पहुँच गयी। टीम के द्वारा गड्ढे के समांतर ही एक अन्य गड्ढा खोदा गया और सुरंग बनाई गयी। टीम के सदस्य ज़ब बच्चे के पास पहुंचे तब उसे ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया और मेडिकल स्टाफ के लोगों को भी सुरंग में ही बुला लिया गया।
बाहर निकालते ही लोकेश को 15 किलोमीटर दूर स्थित लटेरी के एक अस्पताल में ले जाया गया जहाँ पहुंचने पर डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मौके पर मौजूद रहे अधिकारी
मंगलवार के दिन सुबह ग्यारह बजे इस घटना की सूचना मिलने के बाद विदिशा के एसपी समीर यादव एवं कलेक्टर उमाशंकर भार्गव घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे समय वहाँ बने रहकर बचाव कार्य की जानकारी लेते रहे। किन्तु लोकेश की मृत्यु के कारण 24 घण्टे की इस मेहनत पर पानी फिर गया।