कौन थे वह बिस्कुट किंग जिन्होंने पारले तक को पछाड़ा

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B.P. Agarwal Priya Gold
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Jun 2024 10:08 PM
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B.P. Agarwal Priya Gold : आपने प्रिया गोल्ड बिस्किुट का नाम जरूर सुना होगा। प्रिया गोल्ड बिस्किुट के मालिक बी.पी. अग्रवाल (B.P. Agarwal ) केवल 15 साल में पूरी दुनिया में बिस्किुट किंग बन गए थे। 1 जून 2024 को भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति बी.पी. अग्रवाल की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर हम आपको बता रहे हैं कि कैसे एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाला व्यापारी बेटा सबसे बड़ा बिस्किुट किंग बन गया था। बिस्किुट किंग बी.पी. अग्रवाल के जीवन के पहलू पढक़र आप भी जरूर कहेंगे कि वास्तव में ही प्रिया गोल्ड बिस्किुट (Priya Gold Biscuit) के मालिक बी.पी. अग्रवाल बिस्किुट किंग थे

उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में बने बी.पी. अग्रवाल बिस्किुट किंग

प्रिया गोल्ड तथा बीपी अग्रवाल का नाम हर नागरिक की जुबान पर है। जी हां, वही प्रिया गोल्ड वाले बीपी अग्रवाल जिनके बिस्किट भारत ही नहीं अपितु दुनिया भर में खाए जाते हैं। कोई सामाजिक कार्यकर्ता हो, राजनेता हो, उद्योगपति हो अथवा व्यापारी शायद ही कोई ऐसा हो जो बीपी अग्रवाल को न जानता रहा हो।

नोएडा के प्रसिद्ध उद्योगपति बीपी अग्रवाल को विनम्र श्रद्धांजलि B.P. Agarwal Priya Gold

बिस्किुट किंग बीपी अग्रवाल का पूरा नाम बल्लभ प्रसाद अग्रवाल था। बीपी अग्रवाल का खानदान मूल रूप से राजस्थान प्रदेश के कोठपुतली क्षेत्र का रहने वाला था। कोठपुतली में ही वर्ष 1949 में बीपी अग्रवाल का जन्म हुआ था। बीपी अग्रवाल के पिता का नाम कालीचरण अग्रवाल था। कालीचरण अग्रवाल व्यापार के सिलसिले में अपने पूरे परिवार के साथ कलकत्ता चले गए थे। वर्ष-1991 में एक बड़ा सपना लेकर बीपी अग्रवाल उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में आए थे। नोएडा शहर बीपी अग्रवाल को इस प्रकार रास आया कि वे नोएडा के ही होकर रह गए। नोएडा में आकर बीपी अग्रवाल ने सबसे पहले नोएडा शहर के सेक्टर-4 में कोकोनट ऑयल बनाने की फैक्टरी शुरू की। उनकी कोकोनट फैक्टरी कुछ दिन ठीकठाक चलती रही। लेकिन ऑयल फैक्टरी का संचालन बीपी अग्रवाल के सपने से काफी छोटा था। वर्ष-1994 में बीपी अग्रवाल ने सूर्या फूड एंड एग्रो लिमिटेड कंपनी बनाकर प्रिया गोल्ड के नाम से बिस्किुट बनाने शुरू किए। देखते ही देखते बीपी अग्रवाल की कंपनी द्वारा बनाए गए प्रिया गोल्ड बिस्किट पूरी दुनिया में छा गए। जिस दिन 1 जून 2021 को बीपी अग्रवाल यह दुनिया छोडक़र गए उस दिन प्रिया गोल्ड बनाने वाली उनकी कंपनी सूर्या फूड एंड एग्रो लिमिटेड का टर्न ओवर 2 हजार करोड़ रूपये का था। किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत का लाड़ला बेटा बन चुके बीपी अग्रवाल इतनी जल्दी दुनिया छोडक़र चले जाएंगे।

बड़े दानदाता थे बीपी अग्रवाल

B.P. Agarwal Priya Gold

सामाजिक संगठनों को दान देने के मामले में बीपी अग्रवाल का कोई मुकाबला नहीं था। नोएडा के नागरिक बीपी अग्रवाल को सबसे बड़ा दानदाता यहां तक कि भामाशाह भी कहते थे। बीपी अग्रवाल राजनीतिक क्षेत्र में भी हाथ आजमाना चाहते थे। नोएडा शहरी क्षेत्र से उनके चुनाव लडऩे को लेकर कई बार योजनाएं बनीं, घोषणाएं भी हुईं, किन्तु परिवार के विरोध के कारण बीपी अग्रवाल नोएडा से कभी चुनाव नहीं लड़ पाए। उनके निधन से कुछ दिन पूर्व उन्हें उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। राजनीति में आगे न बढ़ पाने के कारण उन्होंने एक न्यूज चैनल खोलकर अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास किया। नोएडा के फिल्म सिटी में एक विशाल भवन बनाकर बीपी अग्रवाल ने सूर्या समाचार के नाम से न्यूज चैनल शुरू किया। दुर्भाग्य से वह चैनल चल नहीं पाया और बीपी अग्रवाल को चैनल बंद करना पड़ा। बीपी अग्रवाल को नजदीक से जानने वालों का कहना है कि चैनल में मोटी पूंजी लगाकर उसे चला न पाने का गम बीपी अग्रवाल के लिए किसी सदमे से कम नहीं था। कुछ प्रबुद्घ नागरिक तो यहां तक मानते हैं कि न्यूज चैनल न चल पाने के गम के कारण ही बीपी अग्रवाल बीमार रहने लगे थे। यह बीमारी ही उनकी दु:खद मृत्यु का कारण बनी थी। प्रिया गोल्ड बिस्किुट कंपनी के मालिक बीपी अग्रवाल के निधन से देश भर के उद्योग जगत में शोक की लहर दौड़ गई थी। 01 जून 2021 को कोलकाता में फ्लाइट से उतरते ही ब्लड प्रेशर का स्तर काफी नीचे जाने से हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई थी। बता दें कि बीपी अग्रवाल 1994 में छोटी सी पूंजी से बिस्किुट का बिजनेस शुरू किया और जाते-जाते वह सलाना दो हजार करोड़ का टर्नओवर देने वाली सूर्या फूड एंड एग्रो लिमिटेड छोड़ गए थे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था नोएडा के लाल का सम्मान

1994 में B.P. Agarwal Priya Gold  ने छोटी सी पूंजी से नोएडा शहर के सेक्टर-2 में सूर्या फूड एंड एग्रो लिमिटेड में प्रिया गोल्ड बिस्किुट ब्रांड की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा और सफलता के सौपान चढ़ते चले गए। नोएडा के बाद उन्होंने ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर तथा बाद में लखनऊ, हरिद्वार, ग्वालियर, जगदीशपुर, जम्मू और सूरत में फैक्ट्रियां लगाईं और कारोबार को विस्तार देते चले गए। बीपी अग्रवाल की कंपनी ने 2004 में इंटरनेशनल क्वालिटी क्राउन अवॉर्ड हासिल किया। इसके बाद उद्यमिता कौशल में उत्तर प्रदेश सरकार ने 2006 में यूपी रत्न से नवाजा। बीपी अग्रवाल समाजसेवा में हमेशा अग्रणी रहे। उन्होंने नोएडा के इस्कॉन मंदिर के लिए भी काफी काम किया। इसके साथ ही नोएडा शहर के अग्रवाल मित्र मंडल से जुड़ी गतिविधियों में वह संरक्षक के तौर पर काम करते थे।

B.P. Agarwal Priya Gold

बता दें कि बीपी अग्रवाल इतने जिद्दी किस्म के इंसान थे कि जो कह दिया वह पत्थर की लकीर होती थी। बताया जाता है कि जब उन्होंने पहली फैक्ट्री के लिए बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया तो उनसे कुछ अधिकारियों ने रिश्वत की मांग कर डाली। इस पर उन्होंने रिश्वत देने से साफ-साफ इनकार कर दिया। बताया जाता है कि इसके बाद लंबे समय तक उन्होंने जेनरेटर से ही फैक्ट्री संचालित की। यही वजह है कि उन्होंने बिस्किुट के दो महारथियों ब्रिटानिया और पारले समूह के सामने अपना अंपायर खड़ा किया। प्रिया गोल्ड ने ब्रिटानिया बिस्किुट तथा पारले जी बिस्किुट के व्यापार को पछाड़ दिया था। आज बीपी अग्रवाल की तीसरी पुण्यतिथि पर नोएडा शहर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दे रहा है।

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शाम को सही 6:15 बजे पढ़ें सबसे पहला एग्जिट पोल

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Exit Poll
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 12:16 AM
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Exit Poll : लोकसभा चुनाव-2024 मतदान शनिवार (आज) शाम को 6 बजे पूरा हो जाएगा। मतदान पूरा होते ही शाम को ठीक 6:15 बजे चेतना मंच आपके लिए प्रकाशित करेगा सबसे पहला एग्जिट पोल। पूरे देश से एकत्र किए गए आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर यह Exit Poll प्रकाशित किया जाएगा। जरूर पढ़ें चेतना मंच का विश्वसनीय तथा भरोसेमंद एग्जिट पोल। यह एग्जिट पोल चेतना मंच की न्यूज की न्यूज पोर्टल chetnamanch.com  पर आज शाम को ठीक 6:15 बजे तक प्रकाशित किया जाएगा।

एग्जिट पोल का इतिहास

एग्जिट पोल का इतिहास काफी पुराना है। भारत ही नहीं कई अन्य देशों में चुनाव के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका से लेकर अफ्रीका और एशिया के कई देशों में पोल कराए जा चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि पहली बार एग्जिट पोल 1936 में अमेरिका में लगाए गए थे। तब जॉर्ज गैलप और क्लॉड रॉबिनसन ने न्यूयॉर्क में सर्वे किया था। तब जैसे ही लोग वोट देकर बूथ से बाहर निकले तो उनसे पूछा गया कि उन्होंने किसे वोट दिया है। इसके बाद नतीजे जारी किए गए। अधिकांश वोटर्स ने फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की नाम लिया। एग्जिट पोल में फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट के चुनाव जीतने की भविष्यवाणी की गई। इसके कुछ दिन बाद जब नतीजे आए तो उसमें भी फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की जीत हुई। इसके बाद 1937 में ब्रिटेन और 1938 में फ्रांस में पहले एग्जिट पोल हुए। भारत में दूसरे आम चुनाव 1957 में कराए गए। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने तब एक पोल कराया था। हालांकि इसे पूरी तरह से एग्जिट पोल नहीं कहा गया लेकिन भारत में पोल की शुरूआत इसे ही माना जाता है। इसके बाद 1980 में डॉ. प्रणय रॉय ने पहला एग्जिट पोल कराया। हालांकि 1996 के चुनाव एग्जिट पोल के लिहाज से काफी अहम साबित हुए। तब सर्वे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (ष्टस्ष्ठस्) ने एक सर्वे किया था। इसके प्रसारण दूरदर्शन पर भी किया गया। ये पहला मौका था जब टीवी पर एग्जिट पोल दिखाए गए। उस दौरान सर्वे के नजीते खंडित जनादेश को लेकर आए थे। चुनाव नतीजे जब आए तो बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन उसे बहुमत नहीं मिला। इसके बाद से देश में लगातार ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल कराए जा रहे हैं।  

क्या होता है एग्जिट पोल? जान लेना बहुत जरूरी है

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बड़ा अंतर है एग्जिट पोल तथा ओपिनियन पोल में

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Exit Poll
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:31 PM
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Exit Poll : आज एक जून 2024 है। आज ही के दिन लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी दौर का मतदान हो रहा है। शाम को 6 बजे मतदान खत्म होते ही एग्जिट पोल आना शुरू हो जाएंगे। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि एग्जिट पोल (Exit Poll) क्या होता है? साथ ही यह भी जान लेना चाहिए कि एग्जिट पोल (Exit Poll)  तथा ओपिनियन पोल में क्या अंतर होता है ?

होता क्या है एग्जिट पोल?

पहले जान लेते हैं कि आखिर यह एक्जिट पोल (Exit Poll) क्या होता है? एग्जिट पोल की इतनी चर्चा क्यों हो रही है? दरअसल एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे है जो मतदान के दिन किया जाता है। एग्जिट पोल में वोटिंग करके मतदान केन्द्र से बाहर आने वाले मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया है। इस तरह से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण करके यह अनुमान लगाया जाता है कि चुनावी नतीजे क्या होंगे। भारत में चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल के परिणामों को मतदान के दिन प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगा रखा है। हालांकि यह बैन सभी फेज की वोटिंग पूरी होने के बाद प्रसारित किए जा सकते हैं।

किसे कहा जाता है ओपिनियन पोल?

ओपिनियन पोल (Opinion Poll) चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले किए जाते हैं। इसमें वोटिंग से पहले लोगों के मूड को परखा जाता है। एग्जिट पोल में चुनाव के दौरान वोट करने आए मतदाताओं से उनकी राय ली जाती है और चुनाव संपन्न होने के बाद इसे जारी किया जाता है। हालांकि ओपिनियन पोल चुनाव की घोषणा से पहले किया जाता है, जिसमें आम लोगों की राय से देश का मूड समझा जाता है। ओपिनियन पोल एक प्री पोल सर्वे होता है। चुनाव ऐलान से पहले इसे दिखाया जा सकता है। चुनाव घोषित होने और आदर्श आचार संहिता लागू होते ही ओपिनियन पोल पर बैन लग जाता है।

क्या अंतर है एग्जिट पोल  तथा ओपिनियन पोल में?

एग्जिट पोल (Exit Poll) मतदान के दिन किए जाते हैं। मतदान करके बाहर निकले मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया है। इन्ही आंकड़ों का एनालिसिस करके यह अनुमान लगाया जाता है कि चुनाव नतीजे क्या होंगे। ओपिनियन पोल (Opinion Poll) चुनाव से पहले किए जाते हैं। इनमें सभी लोगों को शामिल किया जा सकता है, भले ही वो वोटर हों या नहीं। इनमें आमतौर पर यह पूछा जाता है कि लोग किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट देने की योजना बना रहे हैं। एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल दोनों ही बेहद अहम हैं, लेकिन इनकी कुछ लिमिट भी है। एग्जिट पोल हमेशा सटीक नहीं होते, क्योंकि मतदाता वोटिंग के बाद बताते समय अपनी राय बदल सकते हैं। ओपिनियन पोल भी हमेशा सटीक नहीं होते हैं, क्योंकि मतदाता चुनाव से पहले अपनी राय बदल सकते हैं।

क्या होता है एग्जिट पोल? जान लेना बहुत जरूरी है

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