यूट्यूबर का 'हॉन्टेड एयरपोर्ट' दावा पड़ा भारी, गोवा पुलिस ने दिल्ली से उठाया!

कोलकाता के सबसे पुराने और सबसे लोकप्रिय ट्राम रूटों में से एक, ट्राम 36, को हाल ही में बंद कर दिया गया है और इसे बस रूट में बदल दिया गया है।




कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के चेहरे राहुल गांधी इन दिनों "वोट चोरी" को लेकर सियासी अखाड़े में सबसे तेज तर्रार खिलाड़ी की तरह नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग और बीजेपी पर सीधी चोट करने वाले राहुल ने हाल ही में जिस ‘हाइड्रोजन बम’ की धमकी दी थी, अब उस पर से गुरुवार को परदा उठने की चर्चा जोर पकड़ चुकी है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, बल्कि ठोस दस्तावेज़ों और आंकड़ों के साथ सामने आ सकते हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा पहले ही इस प्रेस वार्ता की पुष्टि कर चुके हैं। अब सबकी नजरें इस बात पर टिक गई हैं कि राहुल का यह कथित ‘हाइड्रोजन बम’ हरियाणा की चुनावी गड़बड़ियों को उजागर करेगा या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ वाराणसी से जुड़े किसी चौंकाने वाले राज को बेनकाब करेगा। Rahul Gandhi
राहुल गांधी पहले भी कई बार चुनाव आयोग और बीजेपी पर मिलीभगत का संगीन आरोप लगा चुके हैं। अगस्त में दिल्ली की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक की वोटर लिस्ट सामने रखकर दावा किया कि लाखों फर्जी नाम जोड़े गए हैं। यहां तक कि कर्नाटक की महादेवपुरा सीट पर उन्होंने एक लाख से अधिक नकली वोट दर्ज होने का आरोप ठोक दिया। इसके बाद सितंबर में पटना में 'वोटर अधिकार यात्रा' के समापन पर राहुल ने बयानबाज़ी को और तीखा करते हुए कहा—"एटम बम तो छोटा है, असली धमाका हाइड्रोजन बम करेगा। जब यह फूटेगा, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता के सामने नज़र उठाकर भी नहीं खड़े हो पाएंगे।" इस बयान ने सियासी हलचल मचा दी और अब सबकी नज़रें इसी ‘हाइड्रोजन बम’ पर टिक गई हैं कि इसमें आखिर कौन सा विस्फोटक सच छिपा है। Rahul Gandhi
राहुल गांधी की टीम फिलहाल देशभर की 48 संवेदनशील सीटों की गहन जांच में जुटी है। इनमें हरियाणा की कई अहम सीटें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गढ़ वाराणसी भी शामिल है। हरियाणा में कांग्रेस का आरोप है कि मामूली अंतर से हुई हार के पीछे सुनियोजित वोट चोरी की साज़िश थी। वहीं, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का दावा और भी विस्फोटक है—उनके मुताबिक वाराणसी में कांग्रेस प्रत्याशी सातवें राउंड तक आगे चल रहे थे, लेकिन अचानक आंकड़े पलट गए और प्रधानमंत्री मोदी की जीत सुनिश्चित कर दी गई। अब सवाल यह है कि राहुल गांधी की टीम इन सीटों से जुड़े कौन से आंकड़े और दस्तावेज़ सामने रखेगी, जो सियासी हलचल को और तेज कर सकते हैं।
सियासी हलकों में कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि राहुल गांधी अपने कथित ‘हाइड्रोजन बम’ का धमाका बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कर सकते हैं। तेजस्वी यादव के साथ मिलकर उन्होंने बिहार की सड़कों पर "वोटर अधिकार यात्रा" निकालकर चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया था। अब माना जा रहा है कि राहुल इस विस्फोटक मुद्दे को चुनावी रणभूमि में कांग्रेस का सबसे बड़ा हथियार बनाने की तैयारी में हैं, ताकि विपक्ष की एकजुटता को धार मिले और बिहार के मैदान में सत्ता समीकरण बदलने का मौका पैदा हो सके। Rahul Gandhi
सबसे बड़ा सवाल अब यही है कि राहुल गांधी के ‘हाइड्रोजन बम’ में आखिर छिपा क्या है? क्या यह सिर्फ सियासी शोर है या सचमुच ऐसे विस्फोटक दस्तावेज़ और आंकड़े हैं जो वोट चोरी की परतें खोल देंगे? गुरुवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस इस रहस्य से पर्दा उठाएगी। लेकिन इतना तो साफ है कि राहुल गांधी ने अपने बयानों से सत्ता और चुनाव आयोग—दोनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है और इसके साथ ही देश की राजनीति का तापमान अभी से उबाल पर पहुंच चुका है। Rahul Gandhi
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के चेहरे राहुल गांधी इन दिनों "वोट चोरी" को लेकर सियासी अखाड़े में सबसे तेज तर्रार खिलाड़ी की तरह नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग और बीजेपी पर सीधी चोट करने वाले राहुल ने हाल ही में जिस ‘हाइड्रोजन बम’ की धमकी दी थी, अब उस पर से गुरुवार को परदा उठने की चर्चा जोर पकड़ चुकी है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, बल्कि ठोस दस्तावेज़ों और आंकड़ों के साथ सामने आ सकते हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा पहले ही इस प्रेस वार्ता की पुष्टि कर चुके हैं। अब सबकी नजरें इस बात पर टिक गई हैं कि राहुल का यह कथित ‘हाइड्रोजन बम’ हरियाणा की चुनावी गड़बड़ियों को उजागर करेगा या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ वाराणसी से जुड़े किसी चौंकाने वाले राज को बेनकाब करेगा। Rahul Gandhi
राहुल गांधी पहले भी कई बार चुनाव आयोग और बीजेपी पर मिलीभगत का संगीन आरोप लगा चुके हैं। अगस्त में दिल्ली की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक की वोटर लिस्ट सामने रखकर दावा किया कि लाखों फर्जी नाम जोड़े गए हैं। यहां तक कि कर्नाटक की महादेवपुरा सीट पर उन्होंने एक लाख से अधिक नकली वोट दर्ज होने का आरोप ठोक दिया। इसके बाद सितंबर में पटना में 'वोटर अधिकार यात्रा' के समापन पर राहुल ने बयानबाज़ी को और तीखा करते हुए कहा—"एटम बम तो छोटा है, असली धमाका हाइड्रोजन बम करेगा। जब यह फूटेगा, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता के सामने नज़र उठाकर भी नहीं खड़े हो पाएंगे।" इस बयान ने सियासी हलचल मचा दी और अब सबकी नज़रें इसी ‘हाइड्रोजन बम’ पर टिक गई हैं कि इसमें आखिर कौन सा विस्फोटक सच छिपा है। Rahul Gandhi
राहुल गांधी की टीम फिलहाल देशभर की 48 संवेदनशील सीटों की गहन जांच में जुटी है। इनमें हरियाणा की कई अहम सीटें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गढ़ वाराणसी भी शामिल है। हरियाणा में कांग्रेस का आरोप है कि मामूली अंतर से हुई हार के पीछे सुनियोजित वोट चोरी की साज़िश थी। वहीं, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का दावा और भी विस्फोटक है—उनके मुताबिक वाराणसी में कांग्रेस प्रत्याशी सातवें राउंड तक आगे चल रहे थे, लेकिन अचानक आंकड़े पलट गए और प्रधानमंत्री मोदी की जीत सुनिश्चित कर दी गई। अब सवाल यह है कि राहुल गांधी की टीम इन सीटों से जुड़े कौन से आंकड़े और दस्तावेज़ सामने रखेगी, जो सियासी हलचल को और तेज कर सकते हैं।
सियासी हलकों में कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि राहुल गांधी अपने कथित ‘हाइड्रोजन बम’ का धमाका बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कर सकते हैं। तेजस्वी यादव के साथ मिलकर उन्होंने बिहार की सड़कों पर "वोटर अधिकार यात्रा" निकालकर चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया था। अब माना जा रहा है कि राहुल इस विस्फोटक मुद्दे को चुनावी रणभूमि में कांग्रेस का सबसे बड़ा हथियार बनाने की तैयारी में हैं, ताकि विपक्ष की एकजुटता को धार मिले और बिहार के मैदान में सत्ता समीकरण बदलने का मौका पैदा हो सके। Rahul Gandhi
सबसे बड़ा सवाल अब यही है कि राहुल गांधी के ‘हाइड्रोजन बम’ में आखिर छिपा क्या है? क्या यह सिर्फ सियासी शोर है या सचमुच ऐसे विस्फोटक दस्तावेज़ और आंकड़े हैं जो वोट चोरी की परतें खोल देंगे? गुरुवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस इस रहस्य से पर्दा उठाएगी। लेकिन इतना तो साफ है कि राहुल गांधी ने अपने बयानों से सत्ता और चुनाव आयोग—दोनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है और इसके साथ ही देश की राजनीति का तापमान अभी से उबाल पर पहुंच चुका है। Rahul Gandhi