चमत्कारी शिव मंदिर जिसके शिखर पर लगा त्रिशूल सूर्य के सापेक्ष परिवर्तित होता है
एक ऐसा चमत्कारी शिव मंदिर जिसके गुंबद पर लगा त्रिशूल अपने आप सूर्य के सापेक्ष परिवर्तित होता हैं ।


एक ऐसा चमत्कारी शिव मंदिर जिसके गुंबद पर लगा त्रिशूल अपने आप सूर्य के सापेक्ष परिवर्तित होता हैं ।


UP News : लखनऊ : केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही 100 नए बायोगैस प्लांट स्थापित होंगे। उन्होंने कहा है "आज जनपद बदायूं में कम्प्रेस्ड बायो गैस के नए प्लांट का उद्घाटन होने जा रहा है और राज्य के 8 अन्य जनपदों में कम्प्रेस्ड बायो गैस के नए संयंत्र का शिलान्यास भी किया जाएगा। अब तक 37 प्लांट की स्थापना के लिए भूमि चयन आदि की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बड़ा सहयोग मिल रहा है।
बदायूं में कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट के लोकार्पण समारोह से पूर्व लखनऊ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले सात साल में मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने बीमारू स्टेट की श्रेणी से आगे बढ़कर हर सेक्टर में शानदार काम किया है। बदायूं में लोकार्पित होने जा रहे प्लांट की विशेषताओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि करीब 135 करोड़ रुपयों के निवेश से 50 एकड़ में विकसित इस प्लांट में हर दिन लगभग 14 टन कम्प्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन होगा। यह बायो गैस पराली के निदान के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वेस्ट टू वेल्थ की परिकल्पना के अनुसार बायो गैस बेहतरीन विकल्प है। यह एनसीआर में स्मॉग की समस्या का समाधान तो है ही किसानों की आमदनी बढ़ाने का माध्यम भी है। पत्रकार वार्ता में भारत सरकार के पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन ने कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट की स्थापना के लिए भारत सरकार द्वारा दिये जा रहे प्रोत्साहन की जानकारी दी।
यूपी सरकार की बायो फ्यूल पॉलिसी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी की जैव ईंधन नीति के तहत बायो एनर्जी प्लांट की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है। यूपी में इस सेक्टर में बेहतर करने के लिए अनुकूल अवसर है। यहां पराली भी है, सरकार की प्रतिबद्धता भी है और पोटेंशियल भी है। इससे युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर भी सृजित होंगे।
UP News : लखनऊ : केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही 100 नए बायोगैस प्लांट स्थापित होंगे। उन्होंने कहा है "आज जनपद बदायूं में कम्प्रेस्ड बायो गैस के नए प्लांट का उद्घाटन होने जा रहा है और राज्य के 8 अन्य जनपदों में कम्प्रेस्ड बायो गैस के नए संयंत्र का शिलान्यास भी किया जाएगा। अब तक 37 प्लांट की स्थापना के लिए भूमि चयन आदि की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बड़ा सहयोग मिल रहा है।
बदायूं में कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट के लोकार्पण समारोह से पूर्व लखनऊ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले सात साल में मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने बीमारू स्टेट की श्रेणी से आगे बढ़कर हर सेक्टर में शानदार काम किया है। बदायूं में लोकार्पित होने जा रहे प्लांट की विशेषताओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि करीब 135 करोड़ रुपयों के निवेश से 50 एकड़ में विकसित इस प्लांट में हर दिन लगभग 14 टन कम्प्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन होगा। यह बायो गैस पराली के निदान के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वेस्ट टू वेल्थ की परिकल्पना के अनुसार बायो गैस बेहतरीन विकल्प है। यह एनसीआर में स्मॉग की समस्या का समाधान तो है ही किसानों की आमदनी बढ़ाने का माध्यम भी है। पत्रकार वार्ता में भारत सरकार के पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन ने कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट की स्थापना के लिए भारत सरकार द्वारा दिये जा रहे प्रोत्साहन की जानकारी दी।
यूपी सरकार की बायो फ्यूल पॉलिसी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी की जैव ईंधन नीति के तहत बायो एनर्जी प्लांट की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है। यूपी में इस सेक्टर में बेहतर करने के लिए अनुकूल अवसर है। यहां पराली भी है, सरकार की प्रतिबद्धता भी है और पोटेंशियल भी है। इससे युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर भी सृजित होंगे।

Gyanvapi Survey Report : उत्तर प्रदेश के काशी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अयोध्या के श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने एक बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या और ज्ञानवापी दोनों एक जैसे ही मामले हैं। उन्होंने दावा किया कि ASI की रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो गया कि ज्ञानवापी मस्जिद से पहले वहां पर एक बड़ा मंदिर था।
आपको बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एएसआई की सर्वे रिपोर्ट धीरे धीरे खुल रही है। इस रिपोर्ट के आधार पर हिन्दूवादी नेता अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी क्रम में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट ने अयोध्या विवाद के मुकदमे में अहम भूमिका निभाई है। ठीक इसी तरह ज्ञानवापी मामले में भी होने वाला है।
आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि काशी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एएसआई की रिपोर्ट सामने आ रही है। आचार्य सतेंद्र दास के अनुसार, जीआरपी सर्वे पर ASI ने कहा है कि यहां पर एक भव्य हिन्दू मंदिर था और इस बारे में 32 से ज्यादा प्रमाण मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि 32 से ज्यादा ऐसे पौराणिक साक्ष्य मिले हैं, जो यह साबित करते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद से पहले वहां पर भव्य मंदिर था और बाद में बदलाव करके मस्जिद बना दी गई।
एक मीडिया हाउस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट अकाट्य है। जो सबूत मिले है उन्हें कोई नकार नहीं सकता है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि कोर्ट को अब इस बारे में आदेश देना चाहिए। जैसा अयोध्या मामले में हुआ ऐसा ही यहां पर भी होना चाहिए।
Gyanvapi Survey Report : उत्तर प्रदेश के काशी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अयोध्या के श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने एक बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या और ज्ञानवापी दोनों एक जैसे ही मामले हैं। उन्होंने दावा किया कि ASI की रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो गया कि ज्ञानवापी मस्जिद से पहले वहां पर एक बड़ा मंदिर था।
आपको बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एएसआई की सर्वे रिपोर्ट धीरे धीरे खुल रही है। इस रिपोर्ट के आधार पर हिन्दूवादी नेता अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी क्रम में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट ने अयोध्या विवाद के मुकदमे में अहम भूमिका निभाई है। ठीक इसी तरह ज्ञानवापी मामले में भी होने वाला है।
आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि काशी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एएसआई की रिपोर्ट सामने आ रही है। आचार्य सतेंद्र दास के अनुसार, जीआरपी सर्वे पर ASI ने कहा है कि यहां पर एक भव्य हिन्दू मंदिर था और इस बारे में 32 से ज्यादा प्रमाण मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि 32 से ज्यादा ऐसे पौराणिक साक्ष्य मिले हैं, जो यह साबित करते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद से पहले वहां पर भव्य मंदिर था और बाद में बदलाव करके मस्जिद बना दी गई।
एक मीडिया हाउस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट अकाट्य है। जो सबूत मिले है उन्हें कोई नकार नहीं सकता है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि कोर्ट को अब इस बारे में आदेश देना चाहिए। जैसा अयोध्या मामले में हुआ ऐसा ही यहां पर भी होना चाहिए।