10 करोड़ की ड्रग्स, एक महिला तस्कर और राजधानी में छुपा जाल, लखनऊ में बड़ा खुलासा

Drugs racket
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calendar30 Nov 2025 09:41 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नशे के काले कारोबार का बड़ा खुलासा हुआ है। लखनऊ में एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने रविवार देर रात एक अहम ऑपरेशन को अंजाम देते हुए 10 करोड़ से ज्यादा की नशीली दवाओं के जखीरे का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में एक महिला समेत चार अंतरराज्यीय ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।

ठाकुरगंज में चला ऑपरेशन

जानकारी के मुताबिक, DGP राजीव कृष्ण और ANTF के IG अब्दुल हमीद के निर्देश पर इस विशेष ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। पुलिस ने लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के गौघाट इलाके से गिरोह के चार सदस्यों को धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों में आयुष निषाद (20), श्रवण कुमार निषाद (65), सुफियान (20) और नेहा निषाद (24) शामिल हैं। सभी आरोपी लखनऊ के गौघाट और वजीरबाग क्षेत्रों के निवासी बताए जा रहे हैं।

बरामद हुए ये नशीले पदार्थ

ANTF टीम ने आरोपियों के पास से जो नशीले पदार्थ जब्त किए हैं उसमें 1 किलो मॉर्फीन, 252 ग्राम चरस, 5.5 किलो गांजा, 6 ग्राम एमडीएमए (MD), 79,530 रुपये नकद, 100 यूरो का नोट, चार मोबाइल फोन और एक कार शामिल हैं। पूछताछ के दौरान सभी आरोपियों ने कबूल किया कि वे लंबे समय से मॉर्फीन, चरस, गांजा और एमडीएमए जैसी महंगी नशीली दवाओं की तस्करी कर रहे थे। वे इन पदार्थों को ऊंचे दामों पर बेचते थे और इससे बड़ा मुनाफा कमाते थे।

NDPS एक्ट में मुकदमा दर्ज

फिलहाल सभी आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुलिस अब इस गिरोह की सप्लाई चेन, नेटवर्क और ड्रग्स के स्रोतों की गहन जांच में जुटी है। गौरतलब है कि हाल ही में नारकोटिक्स विभाग ने लखनऊ में 5,000 से अधिक नशीली सीरप की बोतलें जब्त की थीं। वहीं, गाजीपुर जिले में एक कार की सीट के भीतर छुपाकर रखे गए 43 किलो गांजा को भी पकड़ा गया था। यह ताजा कार्रवाई उसी सिलसिले की अगली कड़ी मानी जा रही है।  
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चिकित्सा परंपरा और राष्ट्र सेवा की प्रेरणा का प्रतीक है उत्तर प्रदेश का यह अस्पताल

Yogi ji 1
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calendar14 Jul 2025 07:12 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) ने अपने 120 वर्षों की गौरवशाली यात्रा में एक और ऐतिहासिक अध्याय जोड़ते हुए चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को केजीएमयू परिसर में 941 करोड़ की लागत से निर्मित 7 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने वॉर्ड में जाकर न सिर्फ मरीजों का हालचाल लिया, बल्कि डॉक्टरों से संवाद करते हुए भावी स्वास्थ्य विस्तार की योजनाओं पर भी चर्चा की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यह सिर्फ एक संस्थान नहीं, बल्कि एक युग की चिकित्सा परंपरा और राष्ट्र सेवा की प्रेरणा का प्रतीक है। 120 वर्ष की अपनी इस शानदार यात्रा में KGMU ने अनेक मील के पत्थर गढ़े हैं। यह यात्रा सामान्य नहीं रही इसने पिछली सदी की महामारी से लेकर कोविड-19 जैसी वैश्विक त्रासदी का मुकाबला कर प्रदेश और देश का मार्गदर्शन किया।

महामारी से मोर्चा लेने में अग्रणी रहा KGMU- सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह संस्थान महामारी में अग्रणी रहा, चिकित्सा शिक्षा के विस्तार में सहायक बना और अब टेक्नोलॉजी के साथ भविष्य के लिए तैयार हो रहा है। आज जब 941 करोड़ की परियोजनाएं धरातल पर उतर रही हैं, तो यह महज निर्माण नहीं, बल्कि स्वस्थ उत्तर प्रदेश, समर्थ भारत" की दिशा में एक नए युग की शुरुआत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब कोविड-19 का प्रकोप प्रारंभ हुआ था, उस समय केजीएमयू प्रदेश का पहला संस्थान था, जहां कोविड जांच की सुविधा शुरू की गई। पहले 100 कोविड संदिग्ध मरीजों की जांच यहीं से प्रारंभ हुई थी। इसी साहसिक और त्वरित पहल से यूपी ने समय रहते महामारी से मुकाबले की रणनीति विकसित की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक और न्यू कार्डियोलॉजी विंग का लोकार्पण किया। साथ ही 500 बेड वाले ट्रॉमा सेंटर, जनरल सर्जरी विभाग के नवीन भवन, प्रशासनिक परिसर और पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स का शिलान्यास किया। सीएम योगी ने कहा कि यह अपने आप में किसी भी चिकित्सा संस्थान के लिए बड़ी उपलब्धि है। एक साथ करीब 1,000 करोड़ की लागत से परियोजनाएं शुरू होना इस बात का प्रमाण है कि डबल इंजन की सरकार प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को विश्वस्तरीय बनाने के लिए कितनी गंभीर हैं।

बदलते भारत के साथ उत्तर प्रदेश में आई चिकित्सा क्रांति- मुख्यमंत्री

सीएम योगी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने हर क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है। स्वास्थ्य क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। देश में एम्स जैसी संस्थाएं जो कभी गिनी-चुनी थीं, आज उनकी संख्या 23 हो गई है। उत्तर प्रदेश भी पीछे नहीं है, 75 जिलों में 75 मेडिकल कॉलेज की परिकल्पना अब साकार हो रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2024 में ही 17 नए मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हुई है, जिनमें से 13 शासकीय हैं। यह उस परिवर्तन का संकेत है जो प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र में आमजन को राहत देने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार उल्लेखनीय रहा है। पहले डेंगू व इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों का इलाज लखनऊ तक ही सीमित था, लेकिन अब हर जनपद में प्लेटलेट्स और डायलिसिस की सुविधाएं उपलब्ध हैं।

बलरामपुर में स्थापित किया जा रहा है केजीएमयू का सेटेलाइट केंद्र

सीएम योगी ने जानकारी दी कि बलरामपुर में केजीएमयू का सेटेलाइट सेंटर स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि महानगरीय चिकित्सा सेवाएं छोटे शहरों तक पहुंचे। इससे लखनऊ स्थित स्वास्थ्य संस्थानों पर दबाव कम होगा और मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही उपचार मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने आईआईटी कानपुर के साथ मेडिकल टेक्नोलॉजी पर केंद्रित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की पहल की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास हैं कि केजीएमयू और एसजीपीजीआई इस सेंटर से जुड़कर नई रिसर्च करें और भारत को हेल्थ टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाएं।

जनसामान्य की आस्था का केंद्र बना केजीएमयू

सीएम योगी ने मरीजों से संवाद के दौरान उनकी संतुष्टि पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह सामान्य बात नहीं है कि एक मरीज का आत्मविश्वास उसका इलाज कर रहा होता है। केजीएमयू में भर्ती मरीजों की आंखों में यह विश्वास मैंने खुद देखा है। यही इस संस्थान की सबसे बड़ी पूंजी है। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों और अधिकारियों से आह्वान किया कि वे नकारात्मकता को दूर रखें और समय के साथ स्वयं को अपडेट करें। सीएम योगी ने कहा कि व्यक्ति हो या संस्थान, अगर समय की गति के साथ नहीं चलते, तो कालचक्र उन्हें भुला देता है। लेकिन जो आगे बढ़ते हैं, वही प्रेरणा बनते हैं।

विधिवत पूजन-अर्चन के साथ की परियोजनाओं की शुरुआत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केजीएमयू में विधिवत पूजन-अर्चन और मंत्रोच्चार के साथ सभी 7 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने लोकार्पित परियोजनाओं का निरीक्षण किया व डॉक्टरों से बातचीत कर जानकारी ली। सीएम योगी ने एक-एक वॉर्ड में जाकर भर्ती मरीजों का हालचाल जाना और उनको मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली।

केजीएमयू में इन परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण व शिलान्यास...

सीएम योगी ने केजीएमयू में 105 करोड़ की लागत से न्यू कॉर्डियोलॉजी विंग की शुरुआत की। वहीं 375 करोड़ की लागत से जनरल सर्जरी विभाग का 6 मंजिला नवीन भवन, 7 मंजिला ट्रॉमा सेंटर विस्तार एवं पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स, सेंटर फॉर ऑर्थोपेडिक सुपरस्पेशियलिटी, डायग्रोस्टिक लैब एवं पेशेंट रिलेटिव एकमोडेशन फैसिलिटी ब्लॉक, नवीन प्रशासनिक भवन, न्यू गेस्ट हाउस का विस्तार का लोकार्पण व शिलान्यास किया।इस दौरान उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, स्वास्थ्य एंव चिकित्सा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा, केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद समेत कई गणमान्य, केजीएमयू प्रशासन से जुड़े अधिकारीगण व चिकित्सक मौजूद रहे।
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नगीना से सांसद चंद्रशेखर के खिलाफ महिला आयोग में शिकायत, रोहिणी घावरी ने लगाए गंभीर आरोप

Chandrashekhar 1
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calendar14 Jul 2025 06:39 PM
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UP News : आजाद समाज पार्टी (काशीराम) के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के नगीना से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। इंदौर निवासी रोहिणी घावरी ने सांसद के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए धोखाधड़ी, भावनात्मक और शारीरिक शोषण तथा विवाह का झांसा देकर संबंध बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला आयोग ने इस शिकायत को गंभीरता से संज्ञान में लिया है और मामले की प्रारंभिक जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

पुराना विवाद, लेकिन अब संस्थागत कार्रवाई की शुरुआत

गौरतलब है कि रोहिणी घावरी इससे पहले भी कई मंचों पर, विशेषकर सोशल मीडिया और टेलीविजन इंटरव्यू के माध्यम से, चंद्रशेखर के खिलाफ आरोपों की सार्वजनिक अभिव्यक्ति कर चुकी हैं। उनका कहना है कि वे करीब पांच वर्षों तक सांसद चंद्रशेखर के संपर्क में रहीं और इस दौरान उन्हें बार-बार भावनात्मक रूप से ठगा गया।

कई महिलाएं हुई चंद्रशेखर की शिकार

रोहिणी का यह भी दावा है कि चंद्रशेखर ने अपनी वैवाहिक स्थिति उन्हें और अन्य कई महिलाओं से जानबूझकर छिपाई, जिससे वे मानसिक और सामाजिक रूप से आहत हुईं। उन्होंने खुद को विक्टिम नंबर 3 बताया है और आरोप लगाया है कि ऐसी कई महिलाएं हैं जो इसी तरह की परिस्थितियों का सामना कर चुकी हैं।

क्या बोले आयोग और अगली प्रक्रिया क्या होगी?

राष्ट्रीय महिला आयोग ने शिकायत प्राप्त होने की पुष्टि करते हुए कहा है कि मामले की विधिवत जांच कराई जाएगी और यदि आरोपों में प्रथमदृष्टया सत्यता पाई जाती है, तो संबंधित संस्थानों और कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। सांसद चंद्रशेखर की ओर से अब तक इस मामले पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है। एक जनप्रतिनिधि पर यदि निजी जीवन से जुड़े गंभीर आरोप बार-बार सामने आते हैं, तो यह न केवल उनके व्यक्तिगत आचरण पर प्रश्नचिन्ह लगाता है, बल्कि राजनीतिक नैतिकता और जवाबदेही की भावना पर भी बहस को जन्म देता है। यह मामला अब जब संवैधानिक संस्था महिला आयोग तक पहुंच गया है, तो इसकी प्रकृति और अधिक गंभीर हो गई है। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि आगे कानूनी प्रक्रिया और राजनीतिक प्रतिक्रिया किस दिशा में जाती है।