UP NEWS : गाजियाबाद पुलिस ने हाल ही में एक हैरान कर देने वाला फर्जीवाड़ा उजागर किया है, जिसमें एक गिरोह ने 700 से ज़्यादा अपराधियों को फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए ज़मानत दिलवा दी। चौंकाने वाली बात ये है कि इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड कोई प्रोफेशनल अपराधी नहीं, बल्कि एक LLB का छात्र निकला।
जेल में बंद अपराधियों को मिल रही थी फर्जी बेल
पुलिस की क्राइम ब्रांच और कविनगर थाने की टीम ने कार्रवाई करते हुए इस संगठित गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर आरोप है कि वे जेल में बंद अपराधियों के लिए फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर फर्जी ज़मानती बनकर अदालत में पेश होते थे और आसानी से उन्हें बेल दिलवा देते थे। UP NEWS :
खतौनी, आधार और मोहर – सबकुछ था फर्जी
गिरोह सबसे पहले फर्जी खतौनी तैयार करता, फिर उसी नाम और पते पर फोटो लगाकर फर्जी आधार कार्ड बनाता था। इसके बाद नकली CSC सेवा केंद्र की मोहर लगाकर इन्हें असली दस्तावेज़ की तरह इस्तेमाल किया जाता था। ये दस्तावेज अदालत में पेश कर दिए जाते और आरोपी बेल पर बाहर आ जाते। UP NEWS :
सिर्फ 700 रुपये में ‘फेक ज़मानती‘!
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में अनोज यादव, इसरार, बबलू, लोकेन्द्र, राहुल शर्मा, सुनील कुमार और विकास राजपूत उर्फ सम्राट शामिल हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये लोग महज 500 से 700 रुपये लेकर फर्जी ज़मानती मुहैया कराते थे। गिरोह का सरगना विकास खुद कानून का छात्र है, जिसने यह जाल खुद तैयार किया और साथियों को सिखाया।
पुलिस के हाथ लगे दस्तावेज़, और गिरफ्तारियां संभावित
ADCP क्राइम पीयूष सिंह के अनुसार पुलिस ने 21 फर्जी आधार कार्ड, 18 नकली खतौनी, स्टाम्प, लैपटॉप, बेल बॉन्ड जैसे कई अहम दस्तावेज़ जब्त किए हैं। पुलिस अब गिरोह के फरार सदस्यों की तलाश कर रही है और जल्द ही इस रैकेट से जुड़ी और गिरफ्तारियों की उम्मीद जताई जा रही है।
यह खुलासा ना सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि इस बात का भी संकेत है कि अपराध अब कितनी योजनाबद्ध और तकनीकी तरीके से किया जा रहा है। UP NEWS :