Monday, 16 December 2024

जल्द ही बदल जाएगा उत्तर प्रदेश का चर्चित कानून

UP News : उत्तर प्रदेश का एक चर्चित कानून जल्दी ही बदल जाएगा। उत्तर प्रदेश के इस चर्चित कानून को…

जल्द ही बदल जाएगा उत्तर प्रदेश का चर्चित कानून

UP News : उत्तर प्रदेश का एक चर्चित कानून जल्दी ही बदल जाएगा। उत्तर प्रदेश के इस चर्चित कानून को बदले जाने का संकेत भारत की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट से मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के इस चर्चित कानून को संविधान के अनुसार उचित नहीं माना है। एक नहीं बल्कि दो-दो मामलों में सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश के इस चर्चित कानून के विरूद्ध टिप्पणी कर चुका है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गलत है उत्तर प्रदेश का कानून

बुधवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर एक्ट को गलत बताया है। उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर एक्ट का पूरा नाम उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम है। उत्तर प्रदेश का गैंगस्टर एक्ट वर्ष-1986 में बनाया गया था। इस एक्ट के तहत उत्तर प्रदेश में दो या उससे अधिक लोग एक साथ मिलकर गंभीर अपराध करते हैं तो ऐसे अपराधियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत निरूद्ध किया जाता है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के इस कानून को गलत बताया है।

उत्तर प्रदेश के कानून पर क्या बोले सुप्रीम कोर्ट

आपको बता दें कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम कठोर है। शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट के पिछले साल मई में दिए आदेश को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दी। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की अधिनियम के तहत दर्ज मामले में कासगंज की जिला अदालत में उसके खिलाफ लंबित कार्यवाही रद्द करने की मांग खारिज कर दी थी। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने अपील  स्वीकार करते हुए कहा, हम इस पर विचार करेंगे। पिछले नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य से याचिका पर जवाब मांगा था। शीर्ष अदालत ने तब अंतरिम आदेश के तहत याचिकाकर्ता के विरुद्ध गैंगस्टर अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई से रोक दिया था। बुधवार को याची के वकील ने कहा कि गंगा में अवैध खनन के आरोप में 1986 के अधिनियम के तहत उन पर मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले अवैध खनन में एक और एफआईआर दर्ज की गई थी। एक ही आरोप में दो बार मामले दर्ज किए गए। राज्य के वकील ने 1986 के अधिनियम के प्रावधानों का हवाला दिया। पीठ ने कहा, इस पर विचार की जरूरत है। अधिनियम के कुछ प्रावधानों की सांविधानिक वैधता को चुनौती वाली अलग याचिका भी हमारे समक्ष लंबित है। शीर्ष अदालत ने उस मामले में 29 नवंबर को नोटिस जारी कर यूपी सरकार से जवाब मांगा था। इससे पहले भी भारत का सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर एक्ट को असंवैधानिक बताते हुए तीखी टिप्पणी कर चुका है। लगता तो यही है कि उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट के समाप्त होने का समय आ गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जल्दी ही अंतिम फैसला सुनाना वाला है। UP News

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