INTERNATIONAL NEWS: राष्ट्रपति ने स्वीकार किए पांच देशों के राजदूतों के परिचय पत्र

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calendar30 Nov 2025 11:48 AM
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INTERNATIONAL NEWS: नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को ओमान, दक्षिण सूडान, पेरू, सेशेल्स और कंबोडिया के राजदूत/उच्चायुक्त के परिचय पत्र स्वीकार किए। राष्ट्रपति भवन ने यह जानकारी दी।

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राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, ओमान के राजदूत इस्सा सालेह अब्दुल्ला सालेह अल शिबनी, दक्षिण सूडान की राजदूत विक्टोरिया सैमुअल अरु, पेरू के राजदूत जेवियर मैनुअल पॉलिनिच वेलार्डे, सेशेल्स की उच्चायुक्त ललटियाना एकौचे और कंबोडिया के राजदूत कोय कुओंग ने राष्ट्रपति को अपना परिचय पत्र प्रस्तुत किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में इन पांच देशों के राजदूतों /उच्चायुक्तों के परिचय पत्र स्वीकार किए। दक्षिण सूडान की राजदूत विक्टोरिया सैमुअल अरु और सेशेल्स की उच्चायुक्त ललटियाना एकौचे के परिचय पत्र स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह देखना आनंददायक है कि अनुभवी महिला राजनयिक ऐसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां उठा रही हैं।

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Madhya Pradesh : क्या हुआ खंडवा के राजू के साथ पाकिस्तान में?

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locationभारत
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calendar01 Dec 2025 05:01 PM
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में खांडवा के रहने वाले राजू पिंडारे ने जब लगभग पांच साल के बाद अपने माँ -बाप और घरवालों को देखा तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। बताया जा रहा है कि राजू भटकते हुए पाकिस्तान की सीमा के पास पहुंच गया था और वहीं पर उसे पाकिस्तानी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर पड़ोसी मुल्क के द्वारा जासूसी करने के आरोप लगाए गए थे। करीब डेढ़ साल तक कानूनी कार्यवाही के चलने और साढ़े तीन साल के बाद रिहा किये जाने पर एक बार तो राजू और उसके घर वालों को यकीन ही नहीं हुआ कि वह वापस अपने देश आ सकता है। राजू को बुधवार रात अपने खंडवा (Madhya Pradesh) स्थित घर पहुँच गया।

मानसिक रूप से अस्वस्थ है राजू पिंडारे

बताया जा रहा कि जिस राजू पर जासूसी करने के आरोप पाकिस्तानी मुल्क के द्वारा लगाए जा रहें हैं वह दिमागी रूप से ठीक नहीं है। Madhya Pradesh के खंडवा क्षेत्र में रहने वाले राजू पिंडारे एक भील वर्ग से आते हैं। उनकी दिमागी स्थिति ठीक न होने के कारण उनकी पत्नी भी काफी समय पहले उन्हें छोड़ कर चली गयी थीं। ऐसे में जासूसी के आरोप लगाने पर गंभीर सवाल उठते हैं।

Madhya Pradesh

शुरू के तीन महीनों में जब राजू अपने घर से भटक कर गायब हुआ तो उनके घरवालों को कोई खबर नहीं मिल सकी। उन्हें बाद में इंटेल मिली की वो बॉर्डर क्रॉस करके पाकिस्तान पहुंच गया है। पाकिस्तानी पुलिस ने राजू पिंडारे को पहले राजस्थान का रहने वाला समझा। राजू ने बताया कि पाकिस्तान में उसे बेहद दर्दनाक तरीके से प्रताड़ित किया गया। गर्म पानी में डाल देना, जमीन पर पटक देना, ज़ख्म वाले स्थानों पर मारना, इन सब की उसे कुछ दिन बाद आदत हो गयी थी। पर जब रिहायी की खबर मिली तो उसके साथ रहने वाले सभी कैदी बहुत ख़ुश हुए।

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UPI Payment : यूपीआई भारत की सबसे पसंदीदा भुगतान प्रणाली, जल्द ही नकद लेनदेन को पीछे छोड़ देगी: मोदी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 11:38 AM
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UPI Payment : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को भारत की सबसे पसंदीदा भुगतान प्रणाली बताया और कहा कि यह जल्द ही नकद लेनदेन को पीछे छोड़ देगी।मोदी ने सिंगापुर के अपने समकक्ष ली सियन लूंग की मौजूदगी में ‘यूपीआई’ (UPI) और सिंगापुर की ‘पे नाऊ’ (Pay Now ) प्रणाली के बीच संपर्क सुविधा की शुरुआत के मौके पर कहा कि भारत की भुगतान सेवा यूपीआई और सिंगापुर की ‘पे नाउ’ प्रणाली के बीच संपर्क सुविधा की शुरुआत दोनों देशों के संबंधों के लिए एक नया मील का पत्थर है।

UPI Payment :

  प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में यूपीआई के जरिए 12,6,000 अरब रूपये से अधिक के 74 अरब लेनदेन हुए हैं। उन्होंने कहा कि यूपीआई अब अन्य देशों में भी अपने कदम बढ़ा रही है।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक रवि मेनन ने इस सुविधा को शुरू किया। दास ने इस सुविधा के जरिए पहला लेनदेन भी किया। मोदी ने कहा, ‘‘कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत का डिजिटल वॉलेट से होने वाला लेनदेन जल्द ही नकद लेनदेन को पीछे छोड़ देगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच हुई इस शुरुआत ने ‘सीमा-पार वित्तीय प्रौद्योगिकी संपर्क (क्रॉस बॉर्डर फिनटेक कनेक्टिविटी)’ का एक नया अध्याय शुरू किया है।प्रधानंत्री ने कहा कि इस सुविधा से प्रवासी भारतीयों, छात्रों, पेशेवरों और उनके परिवारों को विशेष रूप से लाभ होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आज के बाद सिंगापुर और भारत के लोग अपने मोबाइल फोन से उसी प्रकार धन का हस्तांतरण कर पाएंगे जैसे वे अपने-अपने देशों में करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यूपीआई के जरिए इतनी अधिक संख्या में होने वाला लेनदेन यह दिखाता है कि स्वदेशी स्तर पर तैयार यह भुगतान प्रणाली बहुत सुरक्षित है।’’ आरबीआई ने एक बयान में कहा कि यूपीआई-पे नाउ संपर्क सुविधा दोनों देशों की त्वरित भुगतान प्रणाली के उपयोगकर्ताओं को अपने-अपने मोबाइल ऐप के जरिए सुविधाजनक, सुरक्षित, त्वरित और किफायती सीमा पार धन हस्तांतरण करने में सक्षम बनाएगा। इसमें बताया गया कि धन को बैंक खातों या ई-वॉलेट के जरिए यूपीआई-आईडी, मोबाइल नंबर या वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग करके भारत से या भारत में स्थानांतरित किया जा सकता है। बयान में कहा गया है कि शुरुआत में भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक और आईसीआईसीआई बैंक लेनदेन (आवक और प्रेषण) दोनों सुविधा प्रदान करेंगे, जबकि एक्सिस बैंक और डीबीएस इंडिया सिर्फ धन आवक की सुविधा प्रदान करेंगे।सिंगापुर के उपयोगकर्ताओं के लिए, यह सेवा डीबीएस-सिंगापुर और लिक्विड ग्रुप (एक गैर-बैंक वित्तीय संस्थान) के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। आने वाले समय में इस लिंकेज में वहां के और बैंकों को शामिल किया जाएगा। सिंगापुर स्थित ग्राहक भी बैंक के मोबाइल बैंकिंग ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। शुरुआत में, एक भारतीय उपयोगकर्ता एक दिन में 60,000 रुपये तक (लगभग 1,000 सिंगापुरी डॉलर के बराबर) धन भेज सकता है। इसमें बताया गया कि लेनदेन करते समय प्रणाली उपयोगकर्ता की सुविधा के लिए दोनों मुद्राओं में राशि प्रदर्शित करेगी। ‘यूपीआई-पे नाउ लिंकेज’ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस) और दोनों देशों के भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों जैसे एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) और बैंकिंग कंप्यूटर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (बीसीएस) और इसमें शामिल बैंकों/ गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों के बीच व्यापक सहयोग से संभव हो सका है। बयान में कहा गया कि यह अंतर-संपर्क तेज, सस्ते तथा अधिक पारदर्शी सीमा-पार भुगतान के लिए जी-20 की वित्तीय समावेशन प्राथमिकताओं के अनुरूप है। इसके अलावा, यह संपर्क सुविधा भारत और सिंगापुर के बीच सीमा पार भुगतान के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी।