तकनीक नहीं, अफवाहों का खेल है ई20 विवाद – नितिन गडकरी

तकनीक नहीं, अफवाहों का खेल है ई20 विवाद – नितिन गडकरी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:10 AM
bookmark

ई20 फ्यूल को लेकर उठे बवाल पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने साफ कहा कि यह विवाद किसी तकनीकी खामी का परिणाम नहीं, बल्कि ताकतवर पेट्रोल लॉबी का सुनियोजित खेल है। गडकरी का आरोप है कि उनके खिलाफ पेड कैंपेन तक चलाए जा रहे हैं ताकि लोगों के बीच भ्रम फैलाया जा सके। ई20 फ्यूल—यानी 80% पेट्रोल और 20% इथेनॉल का यह मिश्रण—दरअसल भारत की ग्रीन एनर्जी क्रांति का अहम पड़ाव है। बावजूद इसके, सोशल मीडिया पर यह नैरेटिव गढ़ा जा रहा है कि इससे गाड़ियों का माइलेज गिरेगा और इंजन पर दबाव बढ़ेगा। गडकरी के मुताबिक, यह सब महज़ अफवाहें हैं, जिनका मकसद साफ-सुथरे बदलाव को रोकना है।    Nitin Gadkari

पेट्रोल लॉबी की भूमिका

FADA के ऑटो रिटेल कॉन्क्लेव में बोलते हुए नितिन गडकरी ने दो टूक कहा कि हर क्षेत्र में लॉबी काम करती है, लेकिन ई20 फ्यूल को लेकर जो झूठ फैलाया जा रहा है, उसके पीछे साफ तौर पर पेट्रोल लॉबी का हाथ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह नई तकनीक भारत को न सिर्फ ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि प्रदूषण कम करने की दिशा में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। गडकरी का संदेश साफ था—ई20 भविष्य का ईंधन है और इसे रोकने की कोशिश करने वाले भारत की प्रगति के रास्ते में रोड़े अटका रहे हैं।  Nitin Gadkari

मंत्रालय की प्रतिक्रिया

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि ई20 फ्यूल को लेकर माइलेज पर असर पड़ने की चर्चाएं हकीकत से ज्यादा अफवाह हैं। मंत्रालय का तर्क है कि इन दावों को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उनका कहना है कि अगर भारत फिर से ई0 फ्यूल पर लौटेगा, तो यह न केवल प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में हुए अब तक के अहम कदमों को बेअसर कर देगा, बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता की यात्रा को भी वर्षों पीछे धकेल देगा।

वैकल्पिक ईंधन और बैटरी टेक्नोलॉजी पर जोर

गडकरी ने जोर देकर कहा कि भारत बैटरी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। देश के स्टार्टअप्स सोडियम-आयन, लिथियम-आयन, जिंक-आयन और एल्युमिनियम-आयन जैसी अगली पीढ़ी की बैटरियों पर रिसर्च कर रहे हैं। वहीं, पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग से रेयर अर्थ मेटल्स और अन्य बहुमूल्य धातुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने याद दिलाया कि कुछ साल पहले तक भारत सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए पूरी तरह चीन पर निर्भर था और ऑटोमोबाइल उद्योग को इसका खामियाजा उठाना पड़ा। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है—देश में ही चिप निर्माण शुरू हो गया है। गडकरी का संदेश साफ था, “जो आत्मनिर्भरता आज चिप्स के क्षेत्र में दिख रही है, वही कल ईंधन और बैटरी सेक्टर में भी भारत को नई ताकत देगी।

यह भी पढ़े: उत्तर प्रदेश के इस जिले में पीएम मोदी का दौरा : अजय राय सहित 100 कांग्रेसी हाउस अरेस्ट

पेट्रोल-डीजल वाहनों का भविष्य

गडकरी ने साफ किया कि फिलहाल पेट्रोल और डीजल वाहनों की मांग थमी नहीं है। हर साल ऑटोमोबाइल प्रोडक्शन 15 से 20 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है और अंतरराष्ट्रीय बाजार भी भारत के लिए अपार संभावनाएं रखता है। यानी आने वाले वर्षों तक पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की बिक्री जारी रहेगी, लेकिन धीरे-धीरे वैकल्पिक ईंधन और नई तकनीक अपनी पैठ बनाएंगी और ऑटो सेक्टर का भविष्य तय करेंगी।    Nitin Gadkari

भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का विकास

गडकरी ने आंकड़ों के जरिये बताया कि मंत्रालय संभालते वक्त भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का आकार करीब ₹14 लाख करोड़ था, जो अब बढ़कर ₹22 लाख करोड़ तक पहुँच चुका है। वैश्विक स्तर पर अमेरिका ₹78 लाख करोड़ और चीन ₹47 लाख करोड़ के साथ पहले और दूसरे स्थान पर काबिज हैं, जबकि भारत मजबूती से तीसरे पायदान पर खड़ा है। उनका संदेश साफ था—सरकार ग्रीन मोबिलिटी और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की राह पर पूरी दृढ़ता के साथ आगे बढ़ रही है, और पेट्रोल लॉबी जैसी रुकावटें इस यात्रा की गति थाम नहीं पाएंगी।    Nitin Gadkari

अगली खबर पढ़ें

‘यह सिर्फ खेल है…’ कोर्ट ने भारत-पाक मैच रद्द करने की याचिका खारिज की

‘यह सिर्फ खेल है…’ कोर्ट ने भारत-पाक मैच रद्द करने की याचिका खारिज की
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:10 AM
bookmark

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भारत-पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को होने वाले एशिया कप क्रिकेट मैच को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ खेल का आयोजन है और इसे तय समय पर ही खेला जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने आग्रह किया था कि मैच रविवार को होने वाला है, इसलिए शुक्रवार को ही इस पर सुनवाई की जाए, लेकिन जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की पीठ ने इसे जल्दबाजी बताया।   National News

राष्ट्रीय गरिमा और जनभावना के खिलाफ है मैच

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सैनिकों एवं नागरिकों के बलिदान के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ खेलना राष्ट्रीय गरिमा और जनभावना के खिलाफ है। उनका कहना था कि ऐसे मुकाबले सशस्त्र बलों के मनोबल को भी प्रभावित करेंगे और शहीद परिवारों की पीड़ा को और बढ़ाएंगे। याचिका, जिसे कानून की छात्रा उर्वशी जैन और तीन अन्य छात्रों ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर किया था, में भारत सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी कि विदेशी मैदान पर भारत-पाक मैच आयोजित न किया जाए। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि भले ही मामला कमजोर हो, लेकिन इसे सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।

यह भी पढ़े: एशिया कप में अभिषेक शर्मा ने मचाई धूम, पड़ोसी देश में छिड़ी बहस

पीठ ने क्या कहा ?

जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की पीठ ने कहा, “इतनी जल्दी क्या है? मैच इसी रविवार को है, अब इसे रोकने से क्या हासिल होगा?” अदालत की इस टिप्पणी ने स्पष्ट कर दिया कि खेल के आयोजन पर फिलहाल रोक नहीं लगाई जाएगी। भारत और पाकिस्तान की टीमें दुबई में आमने-सामने होंगी। यह मुकाबला इसलिए भी विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह दोनों देशों के बीच हालिया तनाव और सुरक्षा घटनाओं के बाद पहला प्रत्यक्ष मुकाबला होगा।

टूर्नामेंट के शेड्यूल के मुताबिक, ग्रुप स्टेज के अलावा सुपर-4 और फाइनल में भी भारत-पाक की टक्कर संभव है। इस बीच, पाकिस्तान के खिलाफ मैच को लेकर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। श‍िवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने इसे देशद्रोह करार दिया और सरकार को ऑपरेशन सिंदूर की याद दिलाई। कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी यह सुझाव दिया है कि इस मैच का बहिष्कार किया जाना चाहिए। केदार जाधव और हरभजन सिंह ने बीसीसीआई को सलाह दी है कि पाकिस्तान से मुकाबले में दूरी बनाए रखी जाए।    National News

अगली खबर पढ़ें

व्हाट्सएप नहीं, इस स्वदेशी 5G फोन ने बचाई ऑपरेशन सिंदूर की गोपनीयता

व्हाट्सएप नहीं, इस स्वदेशी 5G फोन ने बचाई ऑपरेशन सिंदूर की गोपनीयता
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:59 AM
bookmark

भारतीय सेना ने हाल ही में सम्पन्न ऑपरेशन सिंदूर में विदेशी मैसेजिंग ऐप्स जैसे व्हाट्सएप को पूरी तरह से त्यागकर स्वदेशी 5G फोन का इस्तेमाल किया, जिसने अभियान के संचार को पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद बनाया। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि इस स्वदेशी तकनीक ने ऑपरेशन में तेज और गोपनीय संचार सुनिश्चित किया, जिससे अभियान की सफलता में निर्णायक भूमिका निभाई। इस फोन की सफलता ने न केवल सेना की रणनीति को सशक्त किया, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के मिशन को भी नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।    Operation Sindoor

भारतीय सेना ने हाल ही में सम्पन्न ऑपरेशन सिंदूर में विदेशी मैसेजिंग ऐप्स जैसे व्हाट्सएप को पूरी तरह बंद करते हुए स्वदेशी 5G फोन ‘संभव’ (SAMBHAV) को प्राथमिक संचार माध्यम के रूप में अपनाया। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि संभव फोन ने तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद संचार सुनिश्चित किया, जिससे अभियान की गोपनीयता अटूट रही। इस कदम को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक रणनीतिक और निर्णायक सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर: पाक आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई

मई 2025 में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का सटीक और कड़ा जवाब देना था, जिसमें पाकिस्तान से जुड़े आतंकियों ने 26 पर्यटकों की हत्या की थी। इसके तहत भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिनमें 100 से अधिक आतंकवादी मार गिराए गए। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इसे ‘ग्रे जोन’ ऑपरेशन करार दिया, यानी यह पूर्ण युद्ध से कम था, लेकिन रणनीतिक दृष्टि से बेहद प्रभावशाली साबित हुआ। इस अभियान में पहली बार थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने इंटीग्रेटेड कमांड स्ट्रक्चर के तहत एकजुट होकर काम किया।    Operation Sindoor

संभव फोन: पूरी तरह स्वदेशी और सुरक्षित

संभव (SAMBHAV - Secure Army Mobile Bharat Version) भारतीय सेना के लिए विकसित एक स्वदेशी 5G स्मार्टफोन है, जो अत्याधुनिक मल्टी-लेयर एन्क्रिप्शन तकनीक से लैस है और जासूसी या डेटा लीक के किसी भी खतरे को पूरी तरह समाप्त करता है। इस फोन में एम-सिग्मा (M-Sigma) नामक ऐप मौजूद है, जो व्हाट्सएप जैसी सुविधा प्रदान करता है, लेकिन पूरी तरह सुरक्षित है। इसके जरिए सैनिक आसानी से दस्तावेज़, तस्वीरें और वीडियो साझा कर सकते हैं। जनवरी 2024 से अब तक इस परियोजना के अंतर्गत लगभग 30,000 संभव फोन सेना के अधिकारियों को वितरित किए जा चुके हैं, जिससे ऑपरेशनल संचार में सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ी है।    Operation Sindoor

ऑपरेशन सिंदूर में संभव की भूमिका

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 9 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में AIMA के 52वें नेशनल मैनेजमेंट कन्वेंशन में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में संभव फोन ने सभी कमांडरों को एक ही प्लेटफॉर्म पर ऑपरेशनल और खुफिया जानकारी साझा करने की सुविधा दी। इससे अभियान में समन्वय बढ़ा और पूरी प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रही। संभव फोन नेटवर्क की कमजोरियों से अछूता है और यह युद्ध क्षेत्र हो या शांति वार्ता, दोनों परिस्थितियों में लगातार कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है। अक्टूबर 2024 में भारत-चीन सीमा वार्ता के दौरान भी संभव फोन का इस्तेमाल सफलता पूर्वक किया गया था।

व्हाट्सएप छोड़ने का कारण

पहले भारतीय सेना के अधिकारी व्हाट्सएप और अन्य विदेशी ऐप्स पर निर्भर रहते थे, लेकिन ये संवेदनशील सैन्य डेटा के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं थे। संभव फोन ने इस चुनौती का समाधान पेश किया है। यह पूरी तरह एन्क्रिप्टेड है और विदेशी ऐप्स पर निर्भरता को खत्म करता है। जनरल उपेंद्र द्विवेदी के अनुसार, “संभव ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमें तेज़, सुरक्षित और भरोसेमंद संचार प्रणाली मुहैया कराई। एम-सिग्मा ऐप ने व्हाट्सएप की जगह ली और दस्तावेज़, तस्वीरें और वीडियो पूरी सुरक्षा के साथ साझा किए गए।

संभव फोन की खासियत

  • 5G तकनीक: तेज और विश्वसनीय कनेक्टिविटी

  • मल्टी-लेयर एन्क्रिप्शन: जासूसी और डेटा लीक को असंभव बनाता है

  • एम-सिग्मा ऐप: सुरक्षित मैसेजिंग और मीडिया शेयरिंग

  • नेटवर्क स्वतंत्रता: एयरटेल और जिओ पर निर्बाध कार्य

  • स्वदेशी तकनीक: भारत के शीर्ष संस्थानों और कंपनियों ने मिलकर विकसित किया

यह भी पढ़े: ओली गए, कार्की आई : क्या भारत-नेपाल संबंधों में आएगा सुधार?

ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति और सफलता

जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति की तुलना शतरंज के खेल से करते हुए कहा कि दुश्मन का अगला कदम अज्ञात था, लेकिन भारतीय सेना ने अपनी सूझ-बूझ और प्रौद्योगिकी के दम पर उसे पूरी तरह चकमा दे दिया। अभियान में उच्च तकनीक वाले ड्रोन, लंबी दूरी के रॉकेट, सटीक मिसाइल और लोइटरिंग म्यूनिशन्स का इस्तेमाल किया गया, जिसने ऑपरेशन को तेज़, प्रभावशाली और पूरी तरह नियंत्रित बना दिया।

सफलता की तीन कुंजी

  1. राजनीतिक स्पष्टता: सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए।

  2. एकीकृत योजना: तीनों सेनाओं और अन्य एजेंसियों का समन्वित प्रयास।

  3. तकनीक और खुफिया जानकारी: संभव फोन और ड्रोन ने सुरक्षित और तेज संचार सुनिश्चित किया।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

संभव फोन सिर्फ सेना के संचार को सुरक्षित नहीं बनाता, बल्कि यह भारत की स्वदेशी तकनीक को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाता है। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर में संभव ने न केवल मिशन की गोपनीयता और गति सुनिश्चित की, बल्कि भविष्य के लिए भी इसे और अधिक उन्नत बनाने की तैयारी चल रही है, ताकि यह किसी भी चुनौतीपूर्ण युद्ध या रणनीतिक स्थिति में सेना की सबसे बड़ी ताकत बन सके।    Operation Sindoor