Politics : आर. एन. रवि ने राज्यपाल पद को कलंकित किया : जयराम रमेश

Politics News : नयी दिल्ली। कांग्रेस ने तमिलनाडु विधानसभा में सोमवार को हुए घटनाक्रम के मद्देनजर आरोप लगाया कि राज्यपाल आर. एन. रवि ने संवैधानिक नियमों और परंपरओं का उल्लंघन किया है तथा इस संवैधानिक पद को कलंकित किया है।
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पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि आईबी के पूर्व अधिकारी व तमिलनाडु के राज्यपाल का आज विधानसभा में जो व्यवहार देखने को मिला वह सभी संवैधानिक नियमों और परंपराओं का खुला उल्लंघन है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वह स्पष्ट रूप से उन लोगों की तरफ से काम कर रहे हैं जिन्होंने उन्हें नियुक्त किया है। वह जिस पद पर आसीन हैं उसके लिए कलंक हैं।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और राजभवन के बीच विवाद सोमवार को उस समय निचले स्तर पर पहुंच गया जब राज्यपाल आर. एन. रवि ने विधानसभा में सरकार द्वारा तैयार पारंपरिक अभिभाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राज्यपाल द्वारा, अभिभाषण के मसौदे से अलग कही गई बातों को सदन की कार्यवाही से हटाने के संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया।
रवि के संबोधन के बाद स्टालिन ने राज्यपाल द्वारा, तैयार अभिभाषण के कुछ कुछ हिस्से को छोड़ देने पर खेद जताया। मुख्यमंत्री ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसे स्वीकृत कर लिया गया और रवि तुरंत सदन से बाहर चले गए, जो विधानसभा के इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है।
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देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।Politics News : नयी दिल्ली। कांग्रेस ने तमिलनाडु विधानसभा में सोमवार को हुए घटनाक्रम के मद्देनजर आरोप लगाया कि राज्यपाल आर. एन. रवि ने संवैधानिक नियमों और परंपरओं का उल्लंघन किया है तथा इस संवैधानिक पद को कलंकित किया है।
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पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि आईबी के पूर्व अधिकारी व तमिलनाडु के राज्यपाल का आज विधानसभा में जो व्यवहार देखने को मिला वह सभी संवैधानिक नियमों और परंपराओं का खुला उल्लंघन है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वह स्पष्ट रूप से उन लोगों की तरफ से काम कर रहे हैं जिन्होंने उन्हें नियुक्त किया है। वह जिस पद पर आसीन हैं उसके लिए कलंक हैं।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और राजभवन के बीच विवाद सोमवार को उस समय निचले स्तर पर पहुंच गया जब राज्यपाल आर. एन. रवि ने विधानसभा में सरकार द्वारा तैयार पारंपरिक अभिभाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राज्यपाल द्वारा, अभिभाषण के मसौदे से अलग कही गई बातों को सदन की कार्यवाही से हटाने के संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया।
रवि के संबोधन के बाद स्टालिन ने राज्यपाल द्वारा, तैयार अभिभाषण के कुछ कुछ हिस्से को छोड़ देने पर खेद जताया। मुख्यमंत्री ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसे स्वीकृत कर लिया गया और रवि तुरंत सदन से बाहर चले गए, जो विधानसभा के इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है।







