VISA fraud: फ्रांस दूतावास से 64 लोगों के शेंगेन वीजा संबंधी दस्तावेज गायब

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VISA fraud
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:53 AM
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VISA fraud: नयी दिल्ली। फ्रांस दूतावास से ऐसे 64 लोगों की शेंगेन वीजा से संबंधित फाइल गायब हो गई हैं, जिन्हें कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वीजा जारी किया गया था। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

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केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित वीजा धोखाधड़ी मामले में यहां फ्रांसीसी दूतावास के दो पूर्व कर्मचारियों समेत कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि दूतावास के वीजा विभाग के पूर्व कर्मचारियों शुभम शौकीन और आरती मंडल ने जनवरी से मई के बीच अन्य लोगों के साथ साजिश रचकर धोखाधड़ी से उन लोगों को वीजा जारी किए जो उसके पात्र नहीं थे। वीजा संबंधी मंजूरी देने के लिए उन्होंने लोगों से कथित तौर पर प्रति वीजा 50 हजार रुपये लिए और 32,00,000 रुपये कमाए।

अधिकारियों ने बताया कि शौकीन और मंडल ने एक जनवरी से छह मई के बीच वीजा संबंधी 484 फाइल पर काम किया, जिसमें से 64 फाइल उन लोगों से जुड़ी थी जिनके कथित तौर पर देश छोड़कर जाने का खतरा अधिक था। इनमें पंजाब के युवा किसान या बेरोजगार लोग शामिल हैं जिन्होंने पहले कभी विदेश यात्रा नहीं की और जो शेनेगन वीजा हासिल करने के पात्र नहीं थे।

एजेंसी को संदेह है कि मंडल और शौकीन ने कथित तौर पर अपनी गैरकानूनी गतिविधियों के सबूत मिटाने के लिए वीजा विभाग से दस्तावेज व फाइल नष्ट कर दीं।

सीबीआई ने इस सिलसिले में गत शुक्रवार को दिल्ली, पटियाला, गुरदासपुर और जम्मू में छापेमारी की थी। इस दौरान कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे लैपटॉप, मोबाइल फोन और संदिग्ध पासपोर्ट आदि बरामद किए गए।

एजेंसी ने प्राथमिकी में जम्मू-कश्मीर के नवजोत सिंह, पंजाब के चेतन शर्मा और सतविंदर सिंह पुरेवाल पर फर्जी दस्तावेज देकर वीजा हासिल करने का आरोप लगाया है।

सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा , ‘‘ आरोप है कि उक्त आपराधिक साजिश के तहत पंजाब और जम्मू के आवेदकों ने कथित तौर पर बेंगलुरू की एक कंपनी द्वारा तैयार किए गए फर्जी पत्र बेंगलुरू में फ्रांस के महावाणिज्य दूतावास के सामने पेश किए ताकि उन्हें फ्रांस के पोर्ट-ली-हार्वी में नौकरी करने के लिए प्रवेश वीजा जारी किए जाएं।’’

एजेंसी ने आरोप लगाया कि शौकीन और मंडल ने फ्रांस के दूतावास में वीजा विभाग के प्रमुख को जानकारी दिए बिना व उनकी मंजूरी लिए बिना वीजा जारी किए और प्रत्येक वीजा के लिए 50 हजार रुपये लिए।

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MP News: मनोज बाजपेयी को ‘चरसी, गंजेड़ी’ कहने के मामले में MP HC ने खारिज की केआरके की याचिका

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MP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 01:50 PM
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MP News: इंदौर। सोशल मीडिया मंच ट्विटर पर मशहूर अदाकार मनोज बाजपेयी को ‘चरसी और गंजेड़ी’ कहने के आरोप का सामना कर रहे फिल्म समीक्षक कमाल राशिद खान उर्फ केआरके को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली है।

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बाजपेयी द्वारा केआरके के खिलाफ इंदौर की जिला अदालत में दर्ज कराया गया मानहानि का मुकदमा रद्द कराने को दायर याचिका उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए खारिज कर दी है कि इन विवादास्पद संबोधनों का इस्तेमाल 53 वर्षीय अभिनेता की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पहली नजर में पर्याप्त प्रतीत होता है।

उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद केआरके द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका 13 दिसंबर को खारिज कर दी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि सबूतों की जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि कथित ट्वीट बाजपेयी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से किए गए थे या नहीं और मुकदमे के मौजूदा पड़ाव पर इस बात का निर्णय सीआरपीसी के उक्त प्रावधान के तहत अदालत को हासिल शक्तियों के इस्तेमाल से नहीं किया जा सकता।

एकल पीठ ने मुकदमे से जुड़े कथित ट्वीट की भाषा पर गौर करने के बाद कहा कि यह स्पष्ट है कि ‘‘चरसी और गंजेड़ी’’ के विवादास्पद संबोधन बाजपेयी सरीखे अभिनेता की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पहली नजर में पर्याप्त हैं।

गौरतलब है कि केआरके ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए जिला अदालत के नौ जुलाई को पारित उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके तहत उनके खिलाफ भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था।

"पद्मश्री" से सम्मानित बाजपेयी ने आपराधिक शिकायत के तौर पर जिला अदालत में दायर मुकदमे में आरोप लगाया है कि केआरके ने उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के इरादे से अलग-अलग ट्विटर हैंडल से 26 जुलाई 2021 को दो ट्वीट कर उन्हें ‘‘चरसी और गंजेड़ी’’ कहा था।

उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर बहस के दौरान केआरके के वकील ने उक्त आरोप को खारिज करते हुए कहा कि इनमें से एक ट्विटर हैंडल ‘‘केआरके बॉक्स ऑफिस’’ 22 अक्टूबर 2020 को सलीम अहमद नामक शख्स को ‘‘घोषणा या समझौता विलेख’’ के जरिये बेचा जा चुका है और बाजपेयी के बारे में कथित ट्वीट किए जाने के वक्त केआरके इस हैंडल का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे।

केआरके की ओर से उच्च न्यायालय में कहा गया कि उन्होंने बाजपेयी या भारतीय फिल्म जगत के किसी भी अन्य कलाकार का अपमान करने के इरादे भी कभी कोई टिप्पणी नहीं की है। 47 वर्षीय फिल्म समीक्षक की ओर से अदालत में यह दलील भी दी गई कि कथित ट्वीट की भाषा और शब्दावली को लेकर बाजपेयी की ओर से अनावश्यक रूप से आपत्ति जताई जा रही है।

बाजपेयी के वकील परेश जोशी ने सोमवार को बताया कि उनके मुवक्किल इंदौर की जिला अदालत में केआरके के खिलाफ दायर मुकदमे में अपना बयान पहले ही दर्ज करा चुके हैं। जोशी ने बताया कि मुकदमे में जिला अदालत में 17 जनवरी 2023 को अगली सुनवाई होनी है।

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Political News : जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 168 फीसदी की कमी आयी : ठाकुर

Anurag thakur
168% reduction in terrorist incidents in Jammu and Kashmir: Thakur
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:38 PM
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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 168 प्रतिशत की कमी आयी है। साल 2015 के बाद से वामपंथी चरमपंथ की घटनाओं में 265 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है।

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अनुराग ठाकुर ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त न करने की नीति है। सरकार ने निर्णायक कार्रवाई की जिनके ठोस परिणाम निकले। ठाकुर ने यहां पत्रकारों से कहा कि साल—2016 में सर्जिकल स्ट्राइक उरी हमले के जवाब में की गयी थी। 2019 में बालाकोट हवाई हमले पुलवामा में बमबारी के जवाब में किए गए, इसलिए इन सभी निर्णायक कार्रवाइयों का ठोस परिणाम निकला है।

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उन्होंने कहा कि 2014 के बाद आतंकवाद के कारण हिंसा में 80 फीसदी की कमी आयी। असैन्य नागरिकों की मौत में 89 प्रतिशत की कमी आयी और 6,000 आतंकवादियों ने आत्म समर्पण किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में मोदी सरकार के तहत आतंकी घटनाओं में 168 फीसदी की कमी आयी और आतंकवाद के वित्त पोषण से जुड़े मामलों में दोष सिद्धि दर 94 प्रतिशत से अधिक है।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वामपंथी चरमपंथ की घटनाओं में साल—2015 से लेकर इस साल जून 2022 तक 265 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है। ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति का युग शुरू हो गया है।