कल है सुहागन महिलाओं का सबसे पावन व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

कल है सुहागन महिलाओं का सबसे पावन व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Aug 2025 02:13 PM
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भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला हरतालिका तीज इस बार 26 अगस्त (सोमवार) को पूरे देश में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखकर मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। यह व्रत विशेष रूप से सुहाग, सौभाग्य और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए किया जाता है। Hartalika Teej 2025

हरतालिका या हरितालिका तीज?

इस व्रत को 'हरतालिका तीज' कहा जाता है क्योंकि 'हर' का अर्थ शिव है और 'तालिका' का अर्थ सखी। कथा के अनुसार, माता पार्वती की सखियों ने उनका विवाह भगवान शिव से कराने के लिए उनका हरण कर लिया था। तभी से इस व्रत का नाम हर-तालिका पड़ा।

राशिनुसार क्या अर्पित करें मां पार्वती को?

हर राशि की महिलाओं के लिए मां पार्वती को अर्पण करने के विशेष वस्त्र और सामग्री का उल्लेख शास्त्रों में मिलता है।  

मेष, सिंह और धनु राशि की महिलाएं

लाल चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी आदि अर्पित करें।

वृषभ, कन्या और मकर राशि की महिलाएं

सुगंधित वस्त्र व इत्र अर्पित करें।

मिथुन, तुला और कुंभ राशि की महिलाएं

चांदी के आभूषण अर्पण करें।

कर्क, वृश्चिक और मीन राशि की महिलाएं

गुलाब के फूल और गुलाब का इत्र चढ़ाएं।

हरतालिका तीज की पूजा विधि (Hartalika Teej 2025 Pujan Vidhi)

सुबह स्नान के बाद निर्जल व्रत का संकल्प लें। अगर स्वास्थ्य अनुमति न दे तो फलाहार कर सकते हैं। संपूर्ण सोलह श्रृंगार के साथ शाम के समय भगवान शिव और मां पार्वती की संयुक्त पूजा करें। मां को सिंदूर, चूड़ियां, वस्त्र और श्रृंगार का सामान अर्पित करें। विवाहित महिलाएं अपनी सास को सौभाग्य सामग्री भेंट करें  जैसे कि चूड़ी, बिंदी, मेहंदी आदि। रात्रि में शिव-पार्वती कथा का श्रवण करें और पूजा के बाद व्रत पारायण करें।

हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त 2025

प्रात: काल पूजा का शुभ मुहूर्त 5:56 AM से लेकर  8:31 AM तक का है।

प्रदोष काल में पूजा

शाम के समय भी भगवान शिव-पार्वती की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।

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हरतालिका तीज का महत्व

हरतालिका तीज सिर्फ व्रत नहीं, बल्कि आस्था, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन पूरे विधि-विधान से व्रत रखने और मां पार्वती से प्रार्थना करने से विवाहिक जीवन सुखमय होता है और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। Hartalika Teej 2025
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गणपति पूजा में ये छोटी सी चूक कर सकती है बड़ा नुकसान

गणपति पूजा में ये छोटी सी चूक कर सकती है बड़ा नुकसान
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:21 AM
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इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त 2025, बुधवार को पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। यह त्योहार भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। लोग घरों में बप्पा की स्थापना कर विधिवत पूजन करते हैं और अगले 10 दिनों तक उन्हें भक्ति भाव से सेवा करते हैं। लेकिन ध्यान रहे  इस पावन पर्व पर कुछ विशेष नियम हैं, जिनका पालन करना बहुत ज़रूरी है। यदि गलती से भी इनमें से कोई गलती हो जाए तो बप्पा नाराज हो सकते हैं और आपकी पूजा का फल अधूरा रह सकता है। Ganesh Chaturthi 2025

 गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी न करें ये 6 काम

1. चंद्र दर्शन से बचें

गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखना अशुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन चंद्र दर्शन से झूठा कलंक लग सकता है। अगर गलती से चंद्रमा दिख जाए तो श्रीमद्भागवत में स्यमंतक मणि की कथा का पाठ करने से दोष दूर होता है।

2. खंडित मूर्ति की स्थापना न करें

गणेश जी की प्रतिमा नई, अखंड और सुंदर होनी चाहिए। टूटी-फूटी या खंडित मूर्ति घर लाना और पूजा करना अशुभ होता है। बेहतर है कि मिट्टी की मूर्ति ही लाएं, जो पर्यावरण के अनुकूल भी होती है।

3. तामसिक भोजन से परहेज करें

पूरे उत्सव के दौरान मांस, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज और शराब से दूर रहें। सात्विक आहार से मन शांत रहता है और भक्ति में एकाग्रता बनी रहती है।

4. तुलसी का प्रयोग न करें

गणेश जी की पूजा में तुलसी नहीं चढ़ाई जाती। पौराणिक कथा के अनुसार तुलसी जी ने गणेश जी को विवाह प्रस्ताव दिया था जिसे गणेश जी ने अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद दोनों ने एक-दूसरे को श्राप दे दिया।

5. एक से ज्यादा मूर्ति न रखें

घर में केवल एक ही गणेश प्रतिमा स्थापित करें। अगर दो हैं, तो ध्यान रखें कि वे आमने-सामने न हों। इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार माना जाता है।

6. काले या नीले कपड़े पहनने से बचें

पूजा के दौरान काले और नीले रंग के वस्त्र पहनना अशुभ माना जाता है। कोशिश करें कि पीले, लाल या हरे रंग के कपड़े पहनें, जो शुभता और सकारात्मक ऊर्जा के प्रतीक होते हैं।

गणपति जी को प्रसन्न करने के सरल उपाय

उन्हें मोदक, लड्डू या बेसन के भोग अर्पित करें। ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप 108 बार करें। 21 दूर्वा की गांठें गणेश जी को चढ़ाएं यह उन्हें विशेष प्रिय है।

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गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी सिर्फ पूजा का पर्व नहीं, बल्कि श्रद्धा, विश्वास और सांस्कृतिक एकता का उत्सव है। मान्यता है कि गणपति जी की पूजा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। Ganesh Chaturthi 2025 Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।  चेतना मंच इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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दिव्यांग मजाक पर कोर्ट का शिकंजा, समय रैना की लगाई क्लास

दिव्यांग मजाक पर कोर्ट का शिकंजा, समय रैना की लगाई क्लास
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 01:13 PM
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स्टैंड-अप कॉमेडियन और यूट्यूबर समय रैना की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांग लोगों का मजाक उड़ाने वाले उनके वीडियो पर सख्त फैसला सुनाते हुए समय रैना और अन्य यूट्यूबर्स को तत्काल और बिना किसी शर्त सार्वजनिक माफी मांगने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसले ने सोशल मीडिया और मनोरंजन जगत में हलचल मचा दी है और समय रैना के कानूनी संकट को और गहरा कर दिया है।  Samay Raina Controversy

पुराने विवाद ने फिर घेरा

समय रैना पहले भी अपने विवादित कंटेंट के कारण विवादों में रह चुके हैं। पैरेंट्स और अन्य समूहों पर किए गए भद्दे मजाक के चलते उनके खिलाफ कई केस दर्ज हुए थे। अब दिव्यांग लोगों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के एक पुराने मामले में भी उन्हें राहत नहीं मिली। क्योर एसएमए नामक संस्था ने समय रैना और अन्य प्रभावित यूट्यूबर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने समय रैना से जवाब दाखिल करने को कहा था, लेकिन हालिया सुनवाई में स्पष्ट आदेश दिया गया कि उन्हें माफी मांगनी होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना के अलावा विपुल गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, निशांत जगदीश तंवर और सोनाली ठक्कर उर्फ सोनाली आदित्य देसाई को भी इस आदेश में शामिल किया। साथ ही, कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए कि सोशल मीडिया पर ऐसी गाइडलाइन्स बनाई जाएं, जो दिव्यांग नागरिकों के खिलाफ अपमानजनक सामग्री पर रोक लगा सकें और सामाजिक मर्यादा का ध्यान रख सकें।

जस्टिस सूर्यकांत का बयान

सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अधिकारों के साथ कर्तव्यों का संतुलन होना आवश्यक है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आज अगर लक्षित समूह दिव्यांग हैं, तो कल महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक या बच्चे भी हो सकते हैं। जस्टिस ने कहा, “अगली बार यूट्यूबर्स खुद बताएँ कि कोर्ट उनपर कितना जुर्माना लगाए। इससे पहले मई में हुई सुनवाई में जस्टिस सूर्यकांत ने स्पष्ट किया था कि फ्री स्पीच का अधिकार किसी समुदाय का मजाक उड़ाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि हम फ्रीडम के साथ किसी समुदाय को नीचा दिखाने वाले व्यवहार की हमेशा निंदा करेंगे। मालूम हो कि स्पाइनल मस्क्युलर अट्रोफी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों की मदद करने वाली संस्था क्योर एसएमए ने सबसे पहले समय रैना और अन्य यूट्यूबर्स के वीडियोज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना को बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दे दिया।  Samay Raina Controversy