बड़ी खबर: प्रधानमंत्री ने तेजस में उड़ान भरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के बेंगलुरु में तेजस विमान से भ्रमण किया। दरअसल, वह शनिवार को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमटेड (HAL) की फैसिलिटी के दौरे पर गए थे


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के बेंगलुरु में तेजस विमान से भ्रमण किया। दरअसल, वह शनिवार को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमटेड (HAL) की फैसिलिटी के दौरे पर गए थे


Raymond : यदि आप एक कारोबारी हैं। वह चाहे छोटे हैं या बड़े और आप अपना कारोबार अपने बच्चों यानि बेटे बेटियों को सौंपना चाहते हैं तो उससे पहले आपको यह खबर जरुर पढ़ लेनी चाहिए। यह खबर भारत के एक बड़े कपड़ा व्यापारी के परिवार से जुड़ी है। जिस कपड़ा व्यापारी के बारे में हम यहां आपको बताएंगे, वह एक ब्रांडेड कपड़ा तैयार करते हैं ओर उनके ब्रांडेड कपड़ों की भारत ही नहीं विदेश में भी बेहद ही मांग है।
आपने रेमंड के कपड़ों के बारे में अवश्य सुना होगा। रेमंड एक विश्व प्रसिद्ध ब्रांड है। गुरुवार को रेमंड के CMD यानि मालिक गौतम सिंघानिया के पिता विजयपत सिंघानिया का दर्द सामने आया है। दरअसल, विजयपत वर्ष 2015 में रेमंड की बागडौर गौतम के हाथों में सौंप दी थी। जिसके बाद वह अलग रह रहे हैं। रेमंड के मालिक गौतम सिंघानिया के परिवार में इस समय कुछ सही नहीं चल रहा है। गौतम के पिता विजयपत ने इस पारिवारिक संकट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विजयपत ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे को सब कुछ सौंपकर बेवकूफी की है। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों को सब कुछ देने से पहले बहुत सावधानी से सोचना चाहिए।
आपको बता दें कि रेमंड के पूर्व मालिक रहे विजयपत सिंघानिया ने वर्ष 2015 में अपने कारोबार की बागडौर अपने बेटे गौतम को सौंप दी थी। जिसके बाद वर्ष 2017 में कुछ पारिवारिक विवाद उत्पन्न हो गए। 2017 में विजयपत ने अपने बेटे गौतम पर दक्षिणी मुंबई में अपनी पारिवारिक संपत्ति जेके हाउस बिल्डिंग से बाहर निकालने का आरोप लगाया था। नवंबर 2023 की शुरुआत में, उनकी बहू नवाज मोदी ने कहा था कि गौतम सिंघानिया ने दिवाली समारोह के दौरान उन्हें घर में नहीं आने दिया, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
महाराष्ट्र मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में विजयपत ने कहा कि पहले गौतम कंपनी के कुछ हिस्सों को वापस देने के लिए सहमत हुए थे, लेकिन फिर वह पीछे हट गए। उन्होंने कहा कि मेरा कोई बिजनेस नहीं है। वह मुझे कंपनी के कुछ हिस्से देने के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन फिर वे निश्चित रूप से पीछे हट गए। इसलिए मेरे पास और कुछ नहीं है। मैंने उसे सब कुछ दे दिया। गलती से, मेरे पास कुछ पैसे बच गए थे, जिस पर मैं आज जीवित हूं। अन्यथा, मैं सड़क पर होता।
पूर्व कपड़ा कारोबारी ने कहा कि गौतम उन्हें सड़क पर देखकर खुश होंगे। मुझे इस बात का यकीन है। अगर वह अपनी पत्नी को इस तरह बाहर फेंक सकता है, उसने पिता को इस तरह बाहर कर दिया। तो मुझे नहीं पता कि वह कैसा इंसान है।
रेमंड के मौजूदा चेयरमैन और सीएमडी गौतम सिंघानिया ने 13 नवंबर को अपनी पत्नी नवाज मोदी से अलग होने की घोषणा की थी। अलग होने के बाद नवाज मोदी ने कथित तौर पर गौतम सिंघानिया की 11000 करोड़ रुपये की संपत्ति का 75 प्रतिशत हिस्सा मांगा है।
इस मांग पर विजयपत ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अलग होने की स्थिति में पति की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी स्वत: ही पत्नी के पास चली जाती है। उसे इसके लिए लड़ने की आवश्यकता नहीं हो सकती है। एक बहुत ही साधारण वकील उसे हिंदू विवाह अधिनियम के तहत यह दिला सकता है।
विजयपत ने कहा कि गौतम सिंघानिया अपनी संपत्ति का 75 प्रतिशत उन्हें देने के लिए कभी राजी नहीं होंगे। वह 75 प्रतिशत के लिए क्यों लड़ रही है ? गौतम कभी हार नहीं मानने वाले हैं, क्योंकि उनका आदर्श वाक्य है- हर किसी को खरीदें और सब कुछ खरीदें। यही उसने मेरे साथ किया। मेरे पास उससे लड़ने के लिए इतना पैसा नहीं बचा था। उसने सब कुछ खरीद लिया। वह सब कुछ खरीद लेगा। इस तरह से लड़ने से, मुझे नहीं लगता कि उसे बहुत कुछ मिलेगा। जब तक कि उनके पास हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी, कपिल सिब्बल जैसा व्यक्ति न हो।
Raymond : यदि आप एक कारोबारी हैं। वह चाहे छोटे हैं या बड़े और आप अपना कारोबार अपने बच्चों यानि बेटे बेटियों को सौंपना चाहते हैं तो उससे पहले आपको यह खबर जरुर पढ़ लेनी चाहिए। यह खबर भारत के एक बड़े कपड़ा व्यापारी के परिवार से जुड़ी है। जिस कपड़ा व्यापारी के बारे में हम यहां आपको बताएंगे, वह एक ब्रांडेड कपड़ा तैयार करते हैं ओर उनके ब्रांडेड कपड़ों की भारत ही नहीं विदेश में भी बेहद ही मांग है।
आपने रेमंड के कपड़ों के बारे में अवश्य सुना होगा। रेमंड एक विश्व प्रसिद्ध ब्रांड है। गुरुवार को रेमंड के CMD यानि मालिक गौतम सिंघानिया के पिता विजयपत सिंघानिया का दर्द सामने आया है। दरअसल, विजयपत वर्ष 2015 में रेमंड की बागडौर गौतम के हाथों में सौंप दी थी। जिसके बाद वह अलग रह रहे हैं। रेमंड के मालिक गौतम सिंघानिया के परिवार में इस समय कुछ सही नहीं चल रहा है। गौतम के पिता विजयपत ने इस पारिवारिक संकट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विजयपत ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे को सब कुछ सौंपकर बेवकूफी की है। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों को सब कुछ देने से पहले बहुत सावधानी से सोचना चाहिए।
आपको बता दें कि रेमंड के पूर्व मालिक रहे विजयपत सिंघानिया ने वर्ष 2015 में अपने कारोबार की बागडौर अपने बेटे गौतम को सौंप दी थी। जिसके बाद वर्ष 2017 में कुछ पारिवारिक विवाद उत्पन्न हो गए। 2017 में विजयपत ने अपने बेटे गौतम पर दक्षिणी मुंबई में अपनी पारिवारिक संपत्ति जेके हाउस बिल्डिंग से बाहर निकालने का आरोप लगाया था। नवंबर 2023 की शुरुआत में, उनकी बहू नवाज मोदी ने कहा था कि गौतम सिंघानिया ने दिवाली समारोह के दौरान उन्हें घर में नहीं आने दिया, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
महाराष्ट्र मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में विजयपत ने कहा कि पहले गौतम कंपनी के कुछ हिस्सों को वापस देने के लिए सहमत हुए थे, लेकिन फिर वह पीछे हट गए। उन्होंने कहा कि मेरा कोई बिजनेस नहीं है। वह मुझे कंपनी के कुछ हिस्से देने के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन फिर वे निश्चित रूप से पीछे हट गए। इसलिए मेरे पास और कुछ नहीं है। मैंने उसे सब कुछ दे दिया। गलती से, मेरे पास कुछ पैसे बच गए थे, जिस पर मैं आज जीवित हूं। अन्यथा, मैं सड़क पर होता।
पूर्व कपड़ा कारोबारी ने कहा कि गौतम उन्हें सड़क पर देखकर खुश होंगे। मुझे इस बात का यकीन है। अगर वह अपनी पत्नी को इस तरह बाहर फेंक सकता है, उसने पिता को इस तरह बाहर कर दिया। तो मुझे नहीं पता कि वह कैसा इंसान है।
रेमंड के मौजूदा चेयरमैन और सीएमडी गौतम सिंघानिया ने 13 नवंबर को अपनी पत्नी नवाज मोदी से अलग होने की घोषणा की थी। अलग होने के बाद नवाज मोदी ने कथित तौर पर गौतम सिंघानिया की 11000 करोड़ रुपये की संपत्ति का 75 प्रतिशत हिस्सा मांगा है।
इस मांग पर विजयपत ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अलग होने की स्थिति में पति की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी स्वत: ही पत्नी के पास चली जाती है। उसे इसके लिए लड़ने की आवश्यकता नहीं हो सकती है। एक बहुत ही साधारण वकील उसे हिंदू विवाह अधिनियम के तहत यह दिला सकता है।
विजयपत ने कहा कि गौतम सिंघानिया अपनी संपत्ति का 75 प्रतिशत उन्हें देने के लिए कभी राजी नहीं होंगे। वह 75 प्रतिशत के लिए क्यों लड़ रही है ? गौतम कभी हार नहीं मानने वाले हैं, क्योंकि उनका आदर्श वाक्य है- हर किसी को खरीदें और सब कुछ खरीदें। यही उसने मेरे साथ किया। मेरे पास उससे लड़ने के लिए इतना पैसा नहीं बचा था। उसने सब कुछ खरीद लिया। वह सब कुछ खरीद लेगा। इस तरह से लड़ने से, मुझे नहीं लगता कि उसे बहुत कुछ मिलेगा। जब तक कि उनके पास हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी, कपिल सिब्बल जैसा व्यक्ति न हो।

Wine Beer : एक ओर जहां देश की राज्य सरकारों द्वारा मदिरापान यानि शराब का सेवन न करने को लेकर जागरुकता अभियान पर करोड़ों रुपये बर्बाद किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर शराब के शौकीन लोगों को यह जागरुकता अभियान केवल एक विज्ञापन के बराबर ही नजर आता है। आज हम आपको भारत के दो ऐसे राज्यों की जानकारी देंगे, जो सबसे शरीफ और शांत राज्य कहे जाते हैं, लेकिन यहां की महिलाओं की बात करें तो इन दोनों प्रदेशों की महिलाओं के दिन की शुरूआत शराब के दो पैग से शुरू होती है।
जी हां, यह दोनों राज्य अपने भारत देश में ही हैं। इन दोनों राज्यों की महिलाएं शराब का सेवन करने के मामले में पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती हैं। इन दोनों ही प्रदेशों की महिलाएं अपने दिन की शुरूआत करने के लिए शराब के दो पैग का सेवन करती है।
शराब को लेकर यदि अधिकारिक रिपोर्ट की बात कही जाए तो एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार भारत देश के करीब 16 करोड़ लोग रोजाना शराब का सेवन करते हैं। इन लोगों द्वारा खरीदी जाने वाली शराब से सरकार को भी भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होती है।
बात जब शराब का सेवन करने वाले नागरिकों की होती है तो सबसे पहले पंजाब राज्य का लिया जाता है। इसके बाद गोवा और दिल्ली को भी सर्वाधिक शराब का सेवन करने वाले राज्यों की श्रेणी में रखा जाता है। लेकिन हम आपको बता दें कि इन तीनों ही राज्यों को छोड़कर देश के दो ऐसे राज्य हैं, जहां के लोगों को शरीफ तो कहा जाता है, लेकिन शराब पीने के मामले में इन दोनों प्रदेशों की महिलाएं दूसरे राज्यों से आगे हैं।
चलिए अब हम आपको बताते हैं कि भारत के वो प्रदेश कौन से हैं, जहां की महिलाएं अपने दिन की शुरूआत शराब के दो पैग लगाकर करती है। इन प्रदेशों में पहले नंबर पर आता है अरुणाचल प्रदेश। अरुणाचल प्रदेश के 53 प्रतिशत से अधिक लोग शराब का सेवन करते हैं। दूसरे नंबर तेलंगाना है, जहां की 43 प्रतिशत आबादी शराब का सेवन करती है। इन दोनों राज्यों की महिलाएं शराब का सेवन करने में पुरुषों से कम नहीं है। एक सर्वे के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश में 15 साल से अधिक उम्र की 24 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। सिकिम्म राज्य दूसरे स्थान पर है, जहां 16 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं।
नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की एक रिपोर्ट के अनुसार, शराब पीने वालों में पुरुषों की संख्या सबसे अधिक है, लेकिन महिलाओं की संख्या बहुत कम है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में सिर्फ 1% महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, जबकि 19 प्रतिशत पुरुष शराब पीते हैं। यह भी सच है कि इन महिलाओं में से केवल 6 प्रतिशत जनजातीय समुदाय की महिलाएं शराब पीती हैं।
नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, ओडिसा, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, असम का ऊपरी ब्रह्मपुत्र क्षेत्र, झारखंड का छोटा नागपुर टीजन और छत्तीसगढ़ के बस्ते रीजन क्षेत्र में 15 साल या इससे अधिक आयु वाले 40 प्रतिशत से अधिक एल्काहोल का सेवन करते हें। उत्तराखंड, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा और ओडीसा में 30 से 40 प्रतिशत लोग शराब पीते हैं। दिल्ली, पंजाब, यूपी, गुजरात, राजस्थान और गोवा में शराब की दर 20 प्रतिशत से भी कम है।
Wine Beer : एक ओर जहां देश की राज्य सरकारों द्वारा मदिरापान यानि शराब का सेवन न करने को लेकर जागरुकता अभियान पर करोड़ों रुपये बर्बाद किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर शराब के शौकीन लोगों को यह जागरुकता अभियान केवल एक विज्ञापन के बराबर ही नजर आता है। आज हम आपको भारत के दो ऐसे राज्यों की जानकारी देंगे, जो सबसे शरीफ और शांत राज्य कहे जाते हैं, लेकिन यहां की महिलाओं की बात करें तो इन दोनों प्रदेशों की महिलाओं के दिन की शुरूआत शराब के दो पैग से शुरू होती है।
जी हां, यह दोनों राज्य अपने भारत देश में ही हैं। इन दोनों राज्यों की महिलाएं शराब का सेवन करने के मामले में पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती हैं। इन दोनों ही प्रदेशों की महिलाएं अपने दिन की शुरूआत करने के लिए शराब के दो पैग का सेवन करती है।
शराब को लेकर यदि अधिकारिक रिपोर्ट की बात कही जाए तो एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार भारत देश के करीब 16 करोड़ लोग रोजाना शराब का सेवन करते हैं। इन लोगों द्वारा खरीदी जाने वाली शराब से सरकार को भी भारी भरकम राजस्व की प्राप्ति होती है।
बात जब शराब का सेवन करने वाले नागरिकों की होती है तो सबसे पहले पंजाब राज्य का लिया जाता है। इसके बाद गोवा और दिल्ली को भी सर्वाधिक शराब का सेवन करने वाले राज्यों की श्रेणी में रखा जाता है। लेकिन हम आपको बता दें कि इन तीनों ही राज्यों को छोड़कर देश के दो ऐसे राज्य हैं, जहां के लोगों को शरीफ तो कहा जाता है, लेकिन शराब पीने के मामले में इन दोनों प्रदेशों की महिलाएं दूसरे राज्यों से आगे हैं।
चलिए अब हम आपको बताते हैं कि भारत के वो प्रदेश कौन से हैं, जहां की महिलाएं अपने दिन की शुरूआत शराब के दो पैग लगाकर करती है। इन प्रदेशों में पहले नंबर पर आता है अरुणाचल प्रदेश। अरुणाचल प्रदेश के 53 प्रतिशत से अधिक लोग शराब का सेवन करते हैं। दूसरे नंबर तेलंगाना है, जहां की 43 प्रतिशत आबादी शराब का सेवन करती है। इन दोनों राज्यों की महिलाएं शराब का सेवन करने में पुरुषों से कम नहीं है। एक सर्वे के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश में 15 साल से अधिक उम्र की 24 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। सिकिम्म राज्य दूसरे स्थान पर है, जहां 16 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं।
नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की एक रिपोर्ट के अनुसार, शराब पीने वालों में पुरुषों की संख्या सबसे अधिक है, लेकिन महिलाओं की संख्या बहुत कम है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में सिर्फ 1% महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, जबकि 19 प्रतिशत पुरुष शराब पीते हैं। यह भी सच है कि इन महिलाओं में से केवल 6 प्रतिशत जनजातीय समुदाय की महिलाएं शराब पीती हैं।
नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, ओडिसा, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, असम का ऊपरी ब्रह्मपुत्र क्षेत्र, झारखंड का छोटा नागपुर टीजन और छत्तीसगढ़ के बस्ते रीजन क्षेत्र में 15 साल या इससे अधिक आयु वाले 40 प्रतिशत से अधिक एल्काहोल का सेवन करते हें। उत्तराखंड, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा और ओडीसा में 30 से 40 प्रतिशत लोग शराब पीते हैं। दिल्ली, पंजाब, यूपी, गुजरात, राजस्थान और गोवा में शराब की दर 20 प्रतिशत से भी कम है।