Meat Business Will Closed, यूपी के इस जिले में प्राण प्रतिष्ठा के दिन बंद रहेंगी दुकानें




Psycho Shayar : सैकड़ों सालों के संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर बन गया है। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा तो 22 जनवरी 2024 को होगी, किन्तु राम की प्रतिष्ठा तो युगों-युगों से स्थापित है। ऐसे में भगवान श्रीराम के ऊपर लिखी गई साइको शायर के नाम से मशहूर एक कविता ने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया है। इससे पहले कि हम इस कविता तथा कवि के विषय में आपको बताएं नीचे दिए गए यू-ट्यूब के लिंक को खोलकर उस कविता को आप भी सुन लो...
अब बात करते हैं तूफान मचाने वाली इस कविता तथा कविता के बारे में। यह पूरी कविता नीचे पढ़ लीजिए। भगवान श्री राम के लिए कही गई यह कविता वायरल हो रही है। इस कविता को लिखा और सुनाया है साइको शायर ने। साइको शायर का असली नाम अभिजीत बालकृष्ण मुंडे है। महाराष्ट्र के मराठवाड़े इलाके के अंबाजोगी गांव के रहने वाले अभिजीत बचपन से ही कला के प्रति आकर्षित थे। अभिजीत ने सरकारी कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इस दौरान वें कविता लिखने लगे।
जैसा कि आजकल अधिकतर देखने को मिलता है कि कोई कॉमेडी कर रहा है तो वह शायरी भी कर रहा है। वैसे ही अभिजीत बालकृष्ण मुंडे मराठी में स्टैंड अप कॉमेडी भी करते हैं और कविताएं भी लिख रहे हैं। अपनी कविताओं के कारण उनको साइको शायर उपनाम मिला है।
अब उस कविता के बारे में भी जानते हैं। जो कि सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। अभिजीत इस कविता को शुरू करने से पहले कहते हैं, राम लिखते ही पढ़ते ही सुनते ही देखते ही देखते ही मन में जो पहले विचार आता है उसे बांधकर रख लीजिए पूछूंगा। इसके बाद वह गिनती गिनना शुरू कर देता है। वह 1 से 9 तक गिनते-गिनते रुक जाते हैं। इसके बाद शुरू होती है कविता। कविता इस प्रकार है-
‘‘राम’’ हाथ काट कर रख दूंगा ये नाम समझ आ जाए तो कितनी दिक्कत होगी पता है राम समझ आ जाए तो
राम राम तो कह लोगे पर राम सा दुख भी सहना होगा पहली चुनौती ये होगी कि मर्यादा में रहना होगा
और मर्यादा में रहना मतलब कुछ खास नहीं कर जाना है.. बस.. बस त्याग को गले लगाना है और अहंकार जलाना है
अब अपने रामलला के खातिर इतना ना कर पाओगे अरे शबरी का झूठा खाओगे तो पुरुषोत्तम कहलाओगे
काम क्रोध के भीतर रहकर तुमको शीतल बनाना होगा बुद्ध भी जिसकी छांव में बैठे वैसा पीपल बनाना होगा बनना होगा ये सब कुछ और वो भी शून्य में रहकर प्यारे तब ही तुमको पता चलेगा.. थे कितने अद्भुत राम हमारे
सोच रहे हो कौन हूं मै,? चलो.. बता ही देता हूं तुमने ही तो नाम दिया था मैं.. पागल कहलाता हूं नया नया हूं यहां पे तो ना पहले किसी को देखा है वैसे तो हूं त्रेता से.. मुझे किसने कलयुग भेजा है
भई बात वहां तक फैल गई है की यहां कुछ तो मंगल होने को है कि भरत से भारत हुए राज में सुना है राम जी आने को हैं
बड़े भाग्यशाली हो तुम सब नहीं, वहां पे सब यहीं कहते है के हम तो रामराज में रहते थे.. पर इन सब में राम रहते है
यानी.. तुम सब में राम का अंश छुपा है.? नहीं मतलब वो.. तुम में आते है रहने
सच है या फिर गलत खबर गर सच ही है तो क्या कहने
तो सब को राम पता ही होगा घर के बड़ों ने बताया होगा..
तो बताओ.. बताओ फिर कि क्या है राम बताओ फिर कि क्या है राम.. बताओ
अरे पता है तुमको क्या है राम.. या बस हाथ धनुष तर्कश में बाण.. या बन में जिन्होंने किया गुजारा या फिर कैसे रावण मारा लक्ष्मण जिनको कहते भैया जिनकी पत्नी सीता मैया फिर ये तो हो गई वो ही कहानी एक था राजा एक थी रानी क्या सच में तुमको राम पता है या वो भी आकर हम बताएं?
बड़े दिनों से हूं यहां पर.. सबकुछ देख रहा हूं कब से प्रभु से मिलने आया था मै.. उन्हें छोड़ कर मिला हूं सब से एक बात कहूं गर बुरा ना मानो नहीं तुम तुरंत ही क्रोधित हो जाते हो पूरी बात तो सुनते भी नहीं.. सीधे घर पर आ जाते हो
ये तुम लोगों के.. नाम जपो में.. पहले सा आराम नहीं
ये तुम लोगों के.. नाम जपो में..पहले सा आराम नहीं इस जबरदस्ती के जय श्री राम में सब कुछ है.. बस राम नहीं !
ये राजनीति का दाया बायां जितना मर्ज़ी खेलो तुम ( दाया बायां.. अरे दाया बायां..? ये तुम्हारी वर्तमान प्रादेशिक भाषा में क्या कहते है उसे..? हां.. वो.. लेफ्ट एंड राइट)
ये राजनीति का दाया बायां जितना मर्जी खेलो तुम चेतावनी को लेकिन मेरी अपने जहन में डालो तुम निजी स्वार्थ के खातिर गर कोई राम नाम को गाता हो तो खबरदार गर जुर्रत की.. और मेरे राम को बांटा तो
भारत भू का कवि हूं मैं.. तभी निडर हो कहता हूं राम है मेरी हर रचना में मै बजरंग में रहता हूं भारत की नीव है कविताएं और सत्य हमारी बातों में तभी कलम हमारी तीखी और.. साहित्य.. हमारे हाथों में!
तो सोच समझ कर राम कहो तुम ये बस आतिश का नारा नहीं जब तक राम हृदय में नहीं.. तुम ने राम पुकारा नहीं
राम- कृष्ण की प्रतिभा पर पहले भी खड़े सवाल हुए ये लंका और ये कुरुक्षेत्र.. यूं ही नहीं थे लाल हुए
अरे प्रसन्न हंसना भी है और पल पल रोना भी है राम सब कुछ पाना भी है और सब पा कर खोना भी है राम ब्रम्हा जी के कुल से होकर जो जंगल में सोए हो जो अपनी जीत का हर्ष छोड़ रावण की मौत पे रोए हो शिव जी जिनकी सेवा खातिर मारूत रूप में आ जाए शेषनाग खुद लक्ष्मण बनकर जिनके रक्षक हो जाए और तुम लोभ क्रोध अहंकार छल कपट सीने से लगा कर सो जाओगे? तो कैसे भक्त बनोगे उनके? कैसे राम समझ पाओगे? अघोर क्या है पता नहीं और शिव जी का वरदान चाहिए ब्रम्हचर्य का इल्म नहीं.. इन्हे भक्त स्वरूप हनुमान चाहिए भगवा क्या है क्या ही पता लहराना सब को होता है पर भगवा क्या है वो जाने जो भगवा ओढ़ के सोता है
राम से मिलना.. राम से मिलना.. राम से मिलना है ना तुमको..? निश्चित मंदिर जाना होगा! पर उस से पहले भीतर जा संग अपने राम को लाना होगा
जय सिया राम और हां.. अवधपुरी का उत्सव है कोई कसर नहीं.. सब खूब मनाना मेरे प्रभु है आने वाले रथ को उनके खूब सजाना
वो.. द्वापर में कोई राह तके है मुझे उनको लेने जाना है चलिए तो फिर मिलते है, हमें भी अयोध्या आना है.
Psycho Shayar : सैकड़ों सालों के संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर बन गया है। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा तो 22 जनवरी 2024 को होगी, किन्तु राम की प्रतिष्ठा तो युगों-युगों से स्थापित है। ऐसे में भगवान श्रीराम के ऊपर लिखी गई साइको शायर के नाम से मशहूर एक कविता ने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया है। इससे पहले कि हम इस कविता तथा कवि के विषय में आपको बताएं नीचे दिए गए यू-ट्यूब के लिंक को खोलकर उस कविता को आप भी सुन लो...
अब बात करते हैं तूफान मचाने वाली इस कविता तथा कविता के बारे में। यह पूरी कविता नीचे पढ़ लीजिए। भगवान श्री राम के लिए कही गई यह कविता वायरल हो रही है। इस कविता को लिखा और सुनाया है साइको शायर ने। साइको शायर का असली नाम अभिजीत बालकृष्ण मुंडे है। महाराष्ट्र के मराठवाड़े इलाके के अंबाजोगी गांव के रहने वाले अभिजीत बचपन से ही कला के प्रति आकर्षित थे। अभिजीत ने सरकारी कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इस दौरान वें कविता लिखने लगे।
जैसा कि आजकल अधिकतर देखने को मिलता है कि कोई कॉमेडी कर रहा है तो वह शायरी भी कर रहा है। वैसे ही अभिजीत बालकृष्ण मुंडे मराठी में स्टैंड अप कॉमेडी भी करते हैं और कविताएं भी लिख रहे हैं। अपनी कविताओं के कारण उनको साइको शायर उपनाम मिला है।
अब उस कविता के बारे में भी जानते हैं। जो कि सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। अभिजीत इस कविता को शुरू करने से पहले कहते हैं, राम लिखते ही पढ़ते ही सुनते ही देखते ही देखते ही मन में जो पहले विचार आता है उसे बांधकर रख लीजिए पूछूंगा। इसके बाद वह गिनती गिनना शुरू कर देता है। वह 1 से 9 तक गिनते-गिनते रुक जाते हैं। इसके बाद शुरू होती है कविता। कविता इस प्रकार है-
‘‘राम’’ हाथ काट कर रख दूंगा ये नाम समझ आ जाए तो कितनी दिक्कत होगी पता है राम समझ आ जाए तो
राम राम तो कह लोगे पर राम सा दुख भी सहना होगा पहली चुनौती ये होगी कि मर्यादा में रहना होगा
और मर्यादा में रहना मतलब कुछ खास नहीं कर जाना है.. बस.. बस त्याग को गले लगाना है और अहंकार जलाना है
अब अपने रामलला के खातिर इतना ना कर पाओगे अरे शबरी का झूठा खाओगे तो पुरुषोत्तम कहलाओगे
काम क्रोध के भीतर रहकर तुमको शीतल बनाना होगा बुद्ध भी जिसकी छांव में बैठे वैसा पीपल बनाना होगा बनना होगा ये सब कुछ और वो भी शून्य में रहकर प्यारे तब ही तुमको पता चलेगा.. थे कितने अद्भुत राम हमारे
सोच रहे हो कौन हूं मै,? चलो.. बता ही देता हूं तुमने ही तो नाम दिया था मैं.. पागल कहलाता हूं नया नया हूं यहां पे तो ना पहले किसी को देखा है वैसे तो हूं त्रेता से.. मुझे किसने कलयुग भेजा है
भई बात वहां तक फैल गई है की यहां कुछ तो मंगल होने को है कि भरत से भारत हुए राज में सुना है राम जी आने को हैं
बड़े भाग्यशाली हो तुम सब नहीं, वहां पे सब यहीं कहते है के हम तो रामराज में रहते थे.. पर इन सब में राम रहते है
यानी.. तुम सब में राम का अंश छुपा है.? नहीं मतलब वो.. तुम में आते है रहने
सच है या फिर गलत खबर गर सच ही है तो क्या कहने
तो सब को राम पता ही होगा घर के बड़ों ने बताया होगा..
तो बताओ.. बताओ फिर कि क्या है राम बताओ फिर कि क्या है राम.. बताओ
अरे पता है तुमको क्या है राम.. या बस हाथ धनुष तर्कश में बाण.. या बन में जिन्होंने किया गुजारा या फिर कैसे रावण मारा लक्ष्मण जिनको कहते भैया जिनकी पत्नी सीता मैया फिर ये तो हो गई वो ही कहानी एक था राजा एक थी रानी क्या सच में तुमको राम पता है या वो भी आकर हम बताएं?
बड़े दिनों से हूं यहां पर.. सबकुछ देख रहा हूं कब से प्रभु से मिलने आया था मै.. उन्हें छोड़ कर मिला हूं सब से एक बात कहूं गर बुरा ना मानो नहीं तुम तुरंत ही क्रोधित हो जाते हो पूरी बात तो सुनते भी नहीं.. सीधे घर पर आ जाते हो
ये तुम लोगों के.. नाम जपो में.. पहले सा आराम नहीं
ये तुम लोगों के.. नाम जपो में..पहले सा आराम नहीं इस जबरदस्ती के जय श्री राम में सब कुछ है.. बस राम नहीं !
ये राजनीति का दाया बायां जितना मर्ज़ी खेलो तुम ( दाया बायां.. अरे दाया बायां..? ये तुम्हारी वर्तमान प्रादेशिक भाषा में क्या कहते है उसे..? हां.. वो.. लेफ्ट एंड राइट)
ये राजनीति का दाया बायां जितना मर्जी खेलो तुम चेतावनी को लेकिन मेरी अपने जहन में डालो तुम निजी स्वार्थ के खातिर गर कोई राम नाम को गाता हो तो खबरदार गर जुर्रत की.. और मेरे राम को बांटा तो
भारत भू का कवि हूं मैं.. तभी निडर हो कहता हूं राम है मेरी हर रचना में मै बजरंग में रहता हूं भारत की नीव है कविताएं और सत्य हमारी बातों में तभी कलम हमारी तीखी और.. साहित्य.. हमारे हाथों में!
तो सोच समझ कर राम कहो तुम ये बस आतिश का नारा नहीं जब तक राम हृदय में नहीं.. तुम ने राम पुकारा नहीं
राम- कृष्ण की प्रतिभा पर पहले भी खड़े सवाल हुए ये लंका और ये कुरुक्षेत्र.. यूं ही नहीं थे लाल हुए
अरे प्रसन्न हंसना भी है और पल पल रोना भी है राम सब कुछ पाना भी है और सब पा कर खोना भी है राम ब्रम्हा जी के कुल से होकर जो जंगल में सोए हो जो अपनी जीत का हर्ष छोड़ रावण की मौत पे रोए हो शिव जी जिनकी सेवा खातिर मारूत रूप में आ जाए शेषनाग खुद लक्ष्मण बनकर जिनके रक्षक हो जाए और तुम लोभ क्रोध अहंकार छल कपट सीने से लगा कर सो जाओगे? तो कैसे भक्त बनोगे उनके? कैसे राम समझ पाओगे? अघोर क्या है पता नहीं और शिव जी का वरदान चाहिए ब्रम्हचर्य का इल्म नहीं.. इन्हे भक्त स्वरूप हनुमान चाहिए भगवा क्या है क्या ही पता लहराना सब को होता है पर भगवा क्या है वो जाने जो भगवा ओढ़ के सोता है
राम से मिलना.. राम से मिलना.. राम से मिलना है ना तुमको..? निश्चित मंदिर जाना होगा! पर उस से पहले भीतर जा संग अपने राम को लाना होगा
जय सिया राम और हां.. अवधपुरी का उत्सव है कोई कसर नहीं.. सब खूब मनाना मेरे प्रभु है आने वाले रथ को उनके खूब सजाना
वो.. द्वापर में कोई राह तके है मुझे उनको लेने जाना है चलिए तो फिर मिलते है, हमें भी अयोध्या आना है.

UPSC Civil Services Exam: : भारत में IAS तथा IPS अधिकारी सबसे शक्तिशाली होते हैं। IAS तथा IPS अधिकारी ही भारत की पूरी सत्ता (सरकार) व्यवस्था को चलाते हैं। यही कारण है कि बड़ी संख्या में युवा IAS तथा IPS बनने का सपना देखते हैं। आज हम आपको बताएंगे IAS तथा IPS बनने के लिए आपकी मदद करने वाले सब्जेक्ट (विषय) के बारे में।
आपको पता है कि भारत में IAS तथा IPS की नौकरी सबसे प्रतिष्ठित नौकरी मानी जाती है। IAS तथा IPS बनने के लिए भारत की सबसे कठिन परीक्षा UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा पास करनी पड़ती है। इस परीक्षा को देने के लिए किसी खास डिग्री की आवश्यकता नहीं पडती है। UPSC की परीक्षा देने के लिए भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से ग्रेजेुएट (स्नातक) होना ही काफी होता है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि IAS तथा IPS बनने के लिए ग्रेजेएशन (स्नातक) में किस सब्जेक्ट की पढ़ाई करने से फायदा होता है। यानि UPSC की परीक्षा पास करके IAS तथा IPS बनना है तो कौन-कौन से सब्जेक्ट (विषय) पढऩे चाहिए। हम आपको बता रहे हैं कि UPSC की परीक्षा पास करने के लिए पढ़े जाने वाले जरूरी विषयों के बारे में।
आपको पता है कि ग्रेजेएशन के दौरान छात्रों के पास किन्हीं 3 सब्जेक्ट (विषय) को चुनने की छूट होती है। यदि आपको IAS तथा IPS बनना है तो आपको ग्रेजुएशन में राजनैतिक विज्ञान (Political science), अर्थ शास्त्र (Economy) तथा सामाजिक विज्ञान (social science) का मैच बनाकर पढ़ाई करें। इन तीनों को नहीं पढऩा चाहते हैं तो इतिहास (History), भूगोल (Geography) तथा कानून की पढ़ाई करें। जो तीन सब्जेक्ट आपने ग्रेजुएशन में लिए हैं। उन तीन के अलावा बचे तीन सब्जेक्ट को आप निजी तौर पर बढ़ते रहें।
राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान, इतिहास, भूगोल तथा कानून ऐसे विषय हैं जो UPSC की परीक्षा को आसानी से पास करा देंगे। ये विषय उम्मीदवारों को एक मजबूत अकादमिक पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं, जो UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने में मददगार होता है।
UPSC Civil Services Exam: : भारत में IAS तथा IPS अधिकारी सबसे शक्तिशाली होते हैं। IAS तथा IPS अधिकारी ही भारत की पूरी सत्ता (सरकार) व्यवस्था को चलाते हैं। यही कारण है कि बड़ी संख्या में युवा IAS तथा IPS बनने का सपना देखते हैं। आज हम आपको बताएंगे IAS तथा IPS बनने के लिए आपकी मदद करने वाले सब्जेक्ट (विषय) के बारे में।
आपको पता है कि भारत में IAS तथा IPS की नौकरी सबसे प्रतिष्ठित नौकरी मानी जाती है। IAS तथा IPS बनने के लिए भारत की सबसे कठिन परीक्षा UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा पास करनी पड़ती है। इस परीक्षा को देने के लिए किसी खास डिग्री की आवश्यकता नहीं पडती है। UPSC की परीक्षा देने के लिए भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से ग्रेजेुएट (स्नातक) होना ही काफी होता है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि IAS तथा IPS बनने के लिए ग्रेजेएशन (स्नातक) में किस सब्जेक्ट की पढ़ाई करने से फायदा होता है। यानि UPSC की परीक्षा पास करके IAS तथा IPS बनना है तो कौन-कौन से सब्जेक्ट (विषय) पढऩे चाहिए। हम आपको बता रहे हैं कि UPSC की परीक्षा पास करने के लिए पढ़े जाने वाले जरूरी विषयों के बारे में।
आपको पता है कि ग्रेजेएशन के दौरान छात्रों के पास किन्हीं 3 सब्जेक्ट (विषय) को चुनने की छूट होती है। यदि आपको IAS तथा IPS बनना है तो आपको ग्रेजुएशन में राजनैतिक विज्ञान (Political science), अर्थ शास्त्र (Economy) तथा सामाजिक विज्ञान (social science) का मैच बनाकर पढ़ाई करें। इन तीनों को नहीं पढऩा चाहते हैं तो इतिहास (History), भूगोल (Geography) तथा कानून की पढ़ाई करें। जो तीन सब्जेक्ट आपने ग्रेजुएशन में लिए हैं। उन तीन के अलावा बचे तीन सब्जेक्ट को आप निजी तौर पर बढ़ते रहें।
राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान, इतिहास, भूगोल तथा कानून ऐसे विषय हैं जो UPSC की परीक्षा को आसानी से पास करा देंगे। ये विषय उम्मीदवारों को एक मजबूत अकादमिक पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं, जो UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने में मददगार होता है।