यूपी में फिर बढ़ा कोरोना का खतरा, लखनऊ में 12 नए केस, जानिए कहां सबसे ज्यादा मरीज





UP News : 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर उस समय योग के ऊर्जा-केन्द्र में तब्दील हो गया, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं योग की विभिन्न मुद्राओं में सहभागी बने। भगवा वस्त्रों में सजे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह 6 बजे आरंभ हुए सामूहिक योग सत्र का नेतृत्व किया और देश-विदेश में योग के प्रचार-प्रसार को भारत की सांस्कृतिक अस्मिता का पुनर्जागरण बताया।
मंदिर प्रांगण में एकत्रित 1500 से अधिक साधकों ने त्रिकोणासन से लेकर प्राणायाम तक योग को व्यायाम नहीं, बल्कि जीवनशैली का आदर्श स्वीकार किया। मुख्यमंत्री योगी ने अपने वक्तव्य में कहा, योग न केवल शरीर को निरोग करता है, बल्कि यह मानसिक और आत्मिक संतुलन का भी माध्यम है। यह भारत की ऋषि परंपरा से जुड़ी आध्यात्मिक देन है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज 190 देशों ने अपनाया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत श्लोक "शरीरमाद्यम् खलु धर्मसाधनम्" का उल्लेख करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि धर्म, कर्म और समाज सेवा के सभी आयामों की सिद्धि के लिए स्वस्थ शरीर अनिवार्य है, और योग उसके लिए सबसे सरल, सुलभ और प्रभावी मार्ग है। उन्होंने इसे भारतीय जीवनशैली की रीढ़ बताया और कहा कि योग संयम, चेतना और आत्मिक शुद्धि का मार्ग है।
योग को जनसामान्य की दिनचर्या में शामिल करने की दिशा में सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में 100 से अधिक योग पार्क विकसित किए जा चुके हैं, जहां प्रशिक्षकों की निगरानी में नियमित योग अभ्यास कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा - योग दिवस अब एक प्रतीक मात्र नहीं, बल्कि जीवन के प्रति चेतना, अनुशासन और सामूहिक जागरूकता का पर्व बन गया है। यह भारत की उस सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है, जिसे विश्व आज श्रद्धा से नमन कर रहा है।
इस आयोजन में सांसद रवि किशन, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित कई जनप्रतिनिधियों और गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया। उनके साथ बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति इस बात का प्रतीक बनी कि योग अब एक आंदोलन नहीं, एक जन-क्रांति का रूप ले चुका है। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से बच्चों को योग के प्रति प्रेरित करते हुए कहा, "आज के बच्चे ही कल के नेता हैं—यदि वे आज से योग की साधना करें, तो कल एक सशक्त, अनुशासित और सकारात्मक भारत का निर्माण सुनिश्चित होगा।
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UP News : 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर उस समय योग के ऊर्जा-केन्द्र में तब्दील हो गया, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं योग की विभिन्न मुद्राओं में सहभागी बने। भगवा वस्त्रों में सजे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह 6 बजे आरंभ हुए सामूहिक योग सत्र का नेतृत्व किया और देश-विदेश में योग के प्रचार-प्रसार को भारत की सांस्कृतिक अस्मिता का पुनर्जागरण बताया।
मंदिर प्रांगण में एकत्रित 1500 से अधिक साधकों ने त्रिकोणासन से लेकर प्राणायाम तक योग को व्यायाम नहीं, बल्कि जीवनशैली का आदर्श स्वीकार किया। मुख्यमंत्री योगी ने अपने वक्तव्य में कहा, योग न केवल शरीर को निरोग करता है, बल्कि यह मानसिक और आत्मिक संतुलन का भी माध्यम है। यह भारत की ऋषि परंपरा से जुड़ी आध्यात्मिक देन है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज 190 देशों ने अपनाया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत श्लोक "शरीरमाद्यम् खलु धर्मसाधनम्" का उल्लेख करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि धर्म, कर्म और समाज सेवा के सभी आयामों की सिद्धि के लिए स्वस्थ शरीर अनिवार्य है, और योग उसके लिए सबसे सरल, सुलभ और प्रभावी मार्ग है। उन्होंने इसे भारतीय जीवनशैली की रीढ़ बताया और कहा कि योग संयम, चेतना और आत्मिक शुद्धि का मार्ग है।
योग को जनसामान्य की दिनचर्या में शामिल करने की दिशा में सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में 100 से अधिक योग पार्क विकसित किए जा चुके हैं, जहां प्रशिक्षकों की निगरानी में नियमित योग अभ्यास कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा - योग दिवस अब एक प्रतीक मात्र नहीं, बल्कि जीवन के प्रति चेतना, अनुशासन और सामूहिक जागरूकता का पर्व बन गया है। यह भारत की उस सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है, जिसे विश्व आज श्रद्धा से नमन कर रहा है।
इस आयोजन में सांसद रवि किशन, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित कई जनप्रतिनिधियों और गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया। उनके साथ बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति इस बात का प्रतीक बनी कि योग अब एक आंदोलन नहीं, एक जन-क्रांति का रूप ले चुका है। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से बच्चों को योग के प्रति प्रेरित करते हुए कहा, "आज के बच्चे ही कल के नेता हैं—यदि वे आज से योग की साधना करें, तो कल एक सशक्त, अनुशासित और सकारात्मक भारत का निर्माण सुनिश्चित होगा।
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