शिक्षक ने छात्रा से विवाह का किया वादा, शादी के दो दिन पहले प्रेमिका संग हुआ फरार

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UP News
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calendar24 Apr 2024 05:13 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के कानपुर से प्रेम प्रसंग का अजीबो गरीब मामला सामने आया हैं। जहां एक शिक्षक ने स्कूल में पढ़ने वाली अपनी छात्रा से शादी का वादा किया था। शिकक्ष शादी से दो दिन पहले ही अपनी दूसरी प्रेमिका संग फरार हो गया। ममले की जानकरी जब दुल्हन के परिजनों को हुई तो उन्होंने आरोपी दुल्हे के खिलाफ थाने में शिकायत कर दी है।

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यह घटना कानपुर के हनुमंत विहार की है। जहां एक लड़की के घर वाले गेस्ट हाउस में शादी की तैयारी में व्यस्त थे। तभी लड़की को पता चलता है कि दूल्हा दो दिन पहले अपनी प्रेमिका को लेकर फरार हो गया। ये सब सुनने के बाद दुल्हन के पिता को सदमा लगा और वे बेहोश हो गये। शिक्षक ने अपनी छात्रा के घर वालों को शादी के लिए दबाव बनाकर इंगेजमेंट भी कर ली थी। लेकिन अपनी शादी से पहले ही दूसरी प्रेमिका के साथ भाग गया।

23 अप्रैल को होनी थी शादी

जानकारी के मुताबिक हनुमंत विहार थाने क्षेत्र के एक स्कूल मे पढ़ने वाली 11वीं की छात्रा और वहां पढ़ाने वाले शिक्षक के बीच प्रेम संबंध हो गये। शिक्षक शिवम छात्रा को घर पर टयूशन पढ़ाने आता था। इस दौरान दोंनो के बीच प्रेम संबंध हो गए। जब ये बात घर वालों को पता चली तो परिवार ने दोनों का रिश्ता पक्का कर दिया। 23 अप्रैल को विवाह होना तय हुआ था। मंगलवार को एक गेस्ट हाऊस मे बारात आनी थी। लेकिन वधू पक्ष को पता चला की दूल्हा प्रेमिका के साथ दो दिन पहले फरार हो गया। इस बात की खबर होते ही वधू पक्ष ने वर पक्ष पर आरोप लगाया की पांच लाख रुपये और कार की मांग ना पूरी होने के कारण वे बारात नहीं लाए। जिसकी शिकायत वधू पक्ष ने हनुमंत विहार थाने मे की। साथ ही दहेज उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज कराया है।

परिजनों ने की कार्रवाई की मांग

शादी के दो दिन पहले 21 अप्रैल को युवक घर से गायब हो गया। इस बात की खबर लड़के वालों ने वधू पक्ष के लोगों को दी। जिसको सुनकर लडकी के पिता की तबियत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गये। इसके बाद लड़के के परिजन ने लड़के की गुमशुदा होने की रिपोर्ट नौबस्ता थाने मे दर्ज करवा दी। हनुमंत विहार के थाना प्रभारी का ने बताय कि वधू पक्ष का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति के साथ-साथ सामाजिक छवि भी खराब हुई है। जिस पर पीड़ित परिवार अब शिवम और उसके परिवार वालों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है। नौबस्ता थाना प्रभारी जगदीश पांडेय का कहना है कि युवक की जब गुमशुदगी की जांच हुई तो पता चला की युवक प्रेमिका संग फरार हुआ है।

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AMU यूनिवर्सिटी में पहली बार बनी महिला कुलपति, जानें कौन है?

NAIMA KHATOON
Uttar Pradesh News
locationभारत
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calendar23 Apr 2024 09:54 PM
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Uttar Pradesh News:  उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लंबे समय से वीसी को लेकर चर्चा चल रही थी। आखिर इस बार AMU में कौन वीसी का पद सभांलेगा? क्योंकि इसे लेकर लंबे समय से तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अब अचानक ही AMU विश्वविद्यालय को नया VC मिल गया है।

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आपको बता दें कि AMU युनीवर्सीटी ने इस बार इतिहास रचा है, इस बार वीसी कोई पुरुष नहीं बल्कि एक महिला बनी है। पहली बार AMU युनीवर्सीटी में राष्ट्रपति द्वारा पहली महिला प्रोफेसर नईमा खातून को VC का पद मिला है। पूर्व वीसी तारिक मंसूर के पद से इस्तीफा देने के बाद खातून के पति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ को पिछले साल विश्वविद्यालय के कार्यवाहक वीसी बनाया गए था। दरअसल तारिक मंसूर के उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बनने के बाद से विश्वविद्यालय में ये पद खाली था।

कौन कौन था वीसी की रेस में?

खबरों के मुताबिक AMU युनीवर्सीटी की वीसी की रेस में तीन नाम समाने आए थे। प्रो. एमयू रब्बानी 2. प्रोफेसर फैजान मुस्तफा 3. प्रोफ़ेसर नईमा गुलरेज़। AMU युनीवर्सीटी ने अपने 103 साल के इतिहास में पहली बार एक महिला कुलपति की नियुक्त किया है। बता दें कि तीन उम्मीदवारों का एक पैनल बनाकर उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजा गया था, जिसमें से प्रोफेसर नईमा खातून को AMU के कुलपति के रूप में चुना गया।

विवादों में घिरी रही नियुक्ति

मिली जानकारी के अनुसार VC नियुक्ति के लिए AMU के कार्यकारी परिषद ने 30 अक्टूबर को कुल 20 उम्मीदवारों में से 5 उम्मीदवारों का एक पैनल तैयार हुआ, इसमें 3 उम्मीदवारों का एक पैनल 6 नवंबर को AMU कोर्ट के सदस्यों द्वारा तैयार किया गया था। नामांकन के लिए इस पैनल को रिपब्लिक को भेज दिया गया था। जब गुलरेज़ को इस पद के शॉर्टलिस्ट किए जाने को लेकर टकराव से संबंधित कई शिकायतें दर्ज हुई थीं, क्योंकि उनके पति कार्यवाहक वीसी प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने उस बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें उन्हें पैनल में शामिल किया गया था।

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इसके खिलाफ मामला विश्वविद्यालय परिसर से लेकर राष्ट्रपति और इलाहाबाद उच्च न्यायालय तक चला गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट में आखिरी सुनवाई 15 अप्रैल को हुई थी और अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है। फिलहाल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की वीसी के पद पर नईमा खातून को पदासीन किया गया है।

नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ रवांडा में भी पढ़ा चुकी हैं

बता दें कि राजनीतिक मनोविज्ञान में विशेषज्ञता के साथ, प्रोफेसर खातून दिल्ली के अध्ययन विकास केंद्र और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी कर चुकी हैं। उन्होंने मध्य अफ्रीका के नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ रवांडा में भी फैकल्टी सदस्य के रूप में काम य किया है। उन्होंने अक्टूबर साल 2015 से अलीगढ़ के एएमयू में सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड कैरियर प्‍लानिंग के डायरेक्‍टर का रोल अदा किया था। Uttar Pradesh News

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अखिलेश का ये कैसा खेल, प्रत्याशी बदलकर चुनाव कर रहे “मटियामेल”

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Lok Sabha Election 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:42 AM
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Lok Sabha Election 2024 : उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में लोकसाभ चुनाव का माहौल जारी है। दूसरे चरण के मतदान में अब कुछ ही दिनों का समय बचा हुआ है। ऐसे में कई सीटों को लेकर पार्टी प्रमुख असमंजस में है। उत्तर प्रदेश में अभी भी प्रत्याशियों को बदने का दौर जारी है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सबसे ज्यादा बार अपने प्रत्याशियों को बदल चुकी है। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की एक लोकसभा सीट पर चौथी बार अपना प्रत्याशी बदला है।

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चौथी बार बदला प्रत्याशी

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मिश्रिख लोकसभा सीट पर चौथी बार अपना प्रत्याशी बदल दिया है। अखिलेश यादव नें अब पूर्व सांसद राम शंकर भार्गव को टिकट दे दिया है। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने रामपाल राजवंशी उनके बाद बेटे मनोज राजवंशी और फिर मनोज राजवंशी की पत्नी संगीता राजवंशी को टिकट दिया था। हालांकि अब समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद राम शंकर भार्गव को मिश्रिख लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।

राजवंशी से सपा प्रमुख ने नहीं की मुलाकात

समाजवादी पार्टी के सूत्रों ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व सांसद रामशंकर भार्गव को टिकट दे दिया है। जिसके बाद राजवंशी परिवार ने इसका विरोध करते हुए नाराजगी जताई है। मनोज राजवंशी और उनकी पत्नी संगीता राजवंशी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के आवास पर उनसे मुलाकात करने भी पहुंचे थे। उन्होंने अखिलेश यादव से मुलाकात की कोशिश की। लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इन लोगों से मुलाकात तक नहीं की। अखिलेश यादव अपने चुनाव प्रचार के लिए अलीगढ़ के लिए रवाना हो गए। राजवंशी परिवार की तरफ से भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया गया है। सोशल मीडिया पर मनोज राजवंशी और उनकी पत्नी संगीता राजवंशी की तरफ से एक पोस्ट भी शेयर की गई है। इसमें उन्होने कहा है कि अब वह लोग निर्दल लोक सभा चुनाव लड़ेंगे।

कई सीटों पर बदले थे प्रत्याशी

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी ने इससे पहले मेरठ, मुरादाबाद, रामपुर और मिश्रिख सहित तमाम अन्य सीटों पर प्रत्याशी बदले थे। समाजवादी पार्टी के अंदर प्रत्याशियों के चयन और बाद में फिर बदल को लेकर लंबी खींचतान देखने को मिली है। इसके बाद अखिलेश यादव ने एक बार फिर निश्चित सीट पर प्रत्याशी बदल दिया है। स्थानीय स्तर पर अब और गुटबाजी होने की जानकारी भी लगातार मिल रही है।

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