Friday, 3 May 2024

चुनाव न लड़ने पर अखिलेश पर बीजेपी ने साधा निशाना, कहा-हार का सता रहा है डर

Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक दल चुनावी रणनीति के साथ ही मुद्दों…

चुनाव न लड़ने पर अखिलेश पर बीजेपी ने साधा निशाना, कहा-हार का सता रहा है डर

Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक दल चुनावी रणनीति के साथ ही मुद्दों पर बात कर रहे हैं। वहीं यूपी की सियासत की बात करें तो यहां भी प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा जा रहा है। ऐसे में सोमवार को समाजवादी पार्टी की तरफ से 2 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। इसमें एक बलिया की सीट है तो वहीं दूसरी कन्नौज की वो लोकसभा सीट है। जहां पर 1998 से 2014 तक सपा का कब्जा रहा है। सपा के इस ऐलान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अखिलेश लोकसभा चुनाव में बतौर प्रत्याशी नहीं उतरेंगे। लेकिन करीब 25 साल के राजनीतिक सफर में अखिलेश यादव 4 बार लोकसभा और 1 बार विधानसभा का चुनाव लड़े।

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मोहसिन रजा ने साधा निशाना

हालाकिं, सपा मुखिया अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव न लड़ने पर भारतीय जनता पार्टी हमलावर हो गई है। हज समिति के अध्यक्ष मोहसिन रजा ने कहा कि आज समाजवादी पार्टी की एक और चुनावी लिस्ट आई है। जिसमें पूरी तरह से सपा मुखिया ने हार को स्वीकार करते हुए कन्नौज में अपने परिवार के किसी सदस्य को टिकट दे दिया है। मोहसिन रजा ने कहा कि अखिलेश को खुद हार का डर सताने लगा है इसलिए सपा मुखिया चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वहीं इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रही कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा और कांग्रेस का एक ही जैसा हाल है। हार के डर से ही उन्होंने भी अमेठी और रायबरेली की सीट छोड़ दी है।

25 साल के राजनीतिक सफर में दूसरी बार नहीं लड़ रहे चुनाव

क़रीब 25 वर्ष के राजनीतिक जीवन में अखिलेश यादव दूसरी बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। वर्ष 2000 में उन्होंने कन्नौज लोकसभा उपचुनाव से राजनीति की शुरुआत की थी। इसके बाद 2004 और 2009 में यहां से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। चूंकि 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे इसलिए 2014 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़े। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से उतरकर जीत हासिल की थी। यही नहीं जीत का अंतर भी काफी ज्यादा था यहां अखिलेश ने भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ को 2.59 लाख वोटों से शिकस्त दी थी। अखिलेश को आजमगढ़ से 6 लाख 21 हजार 578 वोट मिले थे। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने यूपी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की।

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2012-2017 तक रहे यूपी के सीएम

बता दें कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 2012- 2017 तक यूपी की सत्ता संभाली। सीएम की कुर्सी संभालने से पहले वो लगातार तीन बार सांसद भी रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया। उनकी पार्टी को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद, 15 मार्च 2012 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। 2019 में आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की। वहीं 2022 विधान सभा चुनाव में करहल सीट से मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रो.सत्यपाल सिंह बघेल को हराकर पहली बार विधायक बने और आजमगढ़ लोकसभा सदस्य से इस्तीफा दे दिया था। Uttar Pradesh News

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