उत्तर प्रदेश जल्दी ही एक अनूठे आयोजन का साक्षी बनेगा। उत्तर प्रदेश की धरती पर होने वाला यह अनूठा आयोजन देखकर हर कोई बोलेगा कि जय हो। यहां जय हो का सीधा सम्बंध उत्तर प्रदेश में होने वाले इस अनूठे आयोजन के साथ है। उत्तर प्रदेश में स्थित दादरी नगर (Dadri) में सक्रिय जय हो नामक सामाजिक संगठन ने उत्तर प्रदेश की धरती पर अनूठा आयोजन करने का बीड़ा उठाया है। उत्तर प्रदेश की धरती पर होने वाला यह अनूठा आयोजन उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार हो रहा है।
Uttar Pradesh News
शहीद भगत सिंह की समाधि स्थल से जुड़ा है उत्तर प्रदेश का अनूठा आयोजन
उत्तर प्रदेश की धरती पर होने वाला अनूठा आयोजन भारत के अमर सपूत शहीद भगत सिंह, राजगुरू तथा सुखदेव के समाधि स्थल से जुड़ा हुआ है। शहीद-ए-आजम भगत सिंह तथा उनके साथी राजगुरु व सुखदेव का समाधि स्थल पंजाब प्रदेश के हुसैनीवाला में स्थापित है। उत्तर प्रदेश के दादरी नगर में सक्रिय जय हो नामक संस्था के सदस्य हुसैनीवाला में जाकर वहां से अमर शहीदों की शाहदत का प्रतीक बन चुके शहीद स्तंभ की मिट्टी (रज) को लेकर उत्तर प्रदेश में आएंगे। शहीदों की रज के साथ ही अमर शहीदों की शहादत की गवाह सतलुज नदी का जल भी उत्तर प्रदेश में लाया जाएगा। शहीदों की रज तथा सतलुज नदी के जल से भरे हुए कलश लेकर हजारों लोग उत्तर प्रदेश की धरती पर प्रेरणा यात्रा निकालेंगे। यह प्रेरणा यात्रा उत्तर प्रदेश के दादरी नगर में वर्ष-1857 के शहीदों की याद में बने हुए शहीद स्तंभ पर सम्पन्न होगी।
क्या है उत्तर प्रदेश में होने वाले अनूठे आयोजन का पूरा कार्यक्रम?
उत्तर प्रदेश के दादरी नगर में सक्रिय सामाजिक संगठन जय हो ने उत्तर प्रदेश की धरती पर अनूठा आयोजन करने की बड़ी पहल की है। जय हो संस्था के प्रवक्ता ने बताया कि, उत्तर प्रदेश में सक्रिय "जय हो" एक सामाजिक संस्था अपने नाम और पूर्व में किए गए राष्ट्र प्रेम को समर्पित कार्यक्रमों के अनुरूप ही इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को एक ऐतिहासिक "प्रेरणा यात्रा" निकालने जा रही है। यह यात्रा पंजाब के हुसैनीवाला में स्थित शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के समाधि स्थल से शुरू होकर जिले के दादरी नगर स्थित 1857 की क्रांती के प्रतीक शहीद स्तंभ पर समाप्त होगी। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग लाल कुआं से दादरी तक देशभक्ति गीतों के साथ अपने शहीदों की रज से भरे कलश हाथ में लेकर उन्हें नमन करते हुए पद यात्रा करेंगे। इस अवसर पर "जय हो" एक सामाजिक संस्था के संस्थापक संयोजक कपिल शर्मा एडवोकेट ने "प्रेरणा यात्रा" के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि हुसैनीवाला पंजाब प्रांत में पाकिस्तान बार्डर पर सतलुज नदी के किनारे बसा एक गांव है। जहां 23 मार्च 1931 को अंग्रजी हुकूमत ने लाहौर सेंट्रल जेल में शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को फांसी देकर रात के समय में उनका अंतिम संस्कार कराया था। जहां की रज में आज भी उनकी स्मृति अवशेष मौजूद हैं। उसी को ध्यान में रखकर संस्था ने तय किया है कि वो वहां की पवित्र रज और सतलुज नदी का जल लेकर आएंगे। जिसे दादरी स्थित 1857 के प्रतीक शहीद स्तंभ तक लाया जाएगा। ताकि अपने युवा साथियों और आने वाली पीढियों को शहीदों के प्रति एवं राष्ट्र प्रेम के लिए प्रेरित कर सकें।
पंजाब के हुसैनीवाला से उत्तर प्रदेश के दादरी नगर तक होगी प्रेरणा यात्रा
उत्तर प्रदेश में सक्रिय जय हो सामाजिक संस्था के प्रवक्ता ने बताया कि यह यात्रा 14 अगस्त को हुसैनीवाला से शुरू होगी और देर रात को मेरठ की क्रांति धरा पर पहुंचेगी। जहां सभी यात्री 1857 की क्रांति के नायक मंगल पांडे और धन सिंह कोतवाल को नमन करेगी। उसके बाद यात्रा 15 अगस्त की प्रात: 8 बजे लाल कुआ पहुंचेगी। जहां से राष्ट्र प्रेम से ओत प्रोत एवं रौंगटे खड़े कर देने वाली विभिन्न झांकियों और देश भक्ति गीतों के साथ शहीदों की रज से भरे कलश हाथ में लेकर पद यात्रा के रूप में आगे बढ़ेगे। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग यात्रा में शामिल होंगे। जोकि शहीदों की रज के कलशों को नमन कर सकेंगे और उन्हें हाथ में लेकर पद यात्रा का हिस्सा बनेंगे। संस्था द्वारा राष्ट्र प्रेम से ओत प्रोत इस "प्रेरणा यात्रा" को सफल बनाने के लिए क्षेत्र के तमाम सामाजिक, राजनैतिक, बुद्धिजीवियों व युवाओं को आमंत्रित किया जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक संगठन भी इस यात्रा में सहयोगी की भूमिका निभाएंगे।
खास मकसद से किया जा रहा है उत्तर प्रदेश में अनूठा आयोजन
उत्तर प्रदेश की धरती पर होने वाले अनूठे आयोजन का मकसद बहुत ही खास है। उत्तर प्रदेश के दादरी नगर में वर्ष-1857 की क्रांति का प्रतीक शहीद स्तंभ स्थापित है। उत्तर प्रदेश में सक्रिय जय हो संस्था शहीद स्तंभ को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलवाना चाहती है। उत्तर प्रदेश में सक्रिय जय हो सामाजिक संस्था के प्रवक्ता ने बताया कि जय हो द्वारा यह "प्रेरणा यात्रा" इस संकल्प के साथ आयोजित की जा रही है कि उत्तर प्रदेश के दादरी नगर में स्थित 1857 की क्रांति के प्रतीक "शहीद स्तंभ" को एक नई पहचान मिले और आने वाले वर्षों में उसे जीवंत किया जा सके। संस्था का दावा है कि इस प्रकार की इतनी लंबी दूरी वाली यह ऐतिहासिक यात्रा उत्तर प्रदेश में पहली बार आयोजित की जा रही है। "जय हो" एक सामाजिक संस्था के संस्थापक एवं "प्रेरणा यात्रा" के संयोजक कपिल शर्मा एडवोकेट ने बताया कि यात्रा को सफल बनाने के लिए टीमें बनाकर लागतार लोगों के बीच जाकर जन जागरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राष्ट्र प्रेम के इस महायज्ञ में आहूति देने सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा, दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर, विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी, दादरी नगर पालिका चेयरमैन गीता पंडित आदि सभी जनप्रतिनिधि यात्रा का हिस्सा बनेंगे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि राष्ट्र प्रेम के इस महायज्ञ में आहूति देने के लिए पक्ष और विपक्ष के सभी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रबुद्धजनों को आमंत्रित किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश की धरती पर 15 अगस्त को होगा मुख्य आयोजन
उत्तर प्रदेश की धरती पर होने वाले अनूठे आयोजन का मुख्य कार्यक्रम स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को होगा। "जय हो" एक सामाजिक संस्था के संयोजक संदीप भाटी ने बताया कि यात्रा 15 अगस्त को प्रात: 8 बजे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर में लाल कुआं से जिले में प्रेवश करेगी। जिसके बाद रिलायंस पेट्रोल पंप लाल कुआं से देशभक्ति संगीतमय पदयात्रा के रूप में करीब 14 किलोमीटर का रास्ता तय कर दादरी स्थित शहीद स्तंभ तक पहुंचेगी। इस दौरान संस्था के पदाधिकारी शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के रज कलश हाथों में लेकर पद यात्रा करेंगे। 14 किलोमीटर की इस पदयात्रा के दौरान जीटी रोड के दोनों ओर पडऩे वाले गांवों के हजारों लोग यात्रा में शामिल होकर शहीदों की रज को नमन कर सकेंगे। जिसके लिए संस्था द्वारा गांव गांव जाकर लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। इस अवसर पर उनके साथ अध्यक्ष दिनेश भाटी एडवोकेट, महासचिव परमानंद कौशिक, संरक्षक सुधीर वत्स, सुनील कश्यप, जिलाध्यक्ष सचिन शर्मा एडवोकेट, हरीश बैसोया, बिजेंद्र सिंह, सतबीर भाटी, संजय चौहान आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
Uttar Pradesh News