Monday, 1 July 2024

पूर्व IAS ने प्रभु राम के चरणो में भेंट की स्वर्ण अक्षरों मे लिखी 1.5 किलो की रामायण

Ramayan Written With Gold  : सनातन धर्म पालन करने वालों में रामायण तो लगभग सभी ने पढ़ी होगी। आज हम…

पूर्व IAS ने प्रभु राम के चरणो में भेंट की स्वर्ण अक्षरों मे लिखी 1.5 किलो की रामायण

Ramayan Written With Gold  : सनातन धर्म पालन करने वालों में रामायण तो लगभग सभी ने पढ़ी होगी। आज हम आपको स्वर्ण अक्षरों मे लिखी हुई रामायण के बारें मे बताने जा रहे हैं । ये रामायण रामलला के जन्मदिन के मिलनें वाले उपहारो मे से एक हैं । स्वर्णाक्षरों मे लिखी गयी रामायण भगवान राम लला के साथ गर्भ गृह मे रखी गयी हैं ।

पूर्व आईएएस अधिकारी ने प्रभू राम को भेंट की सोने की रामायण:

मध्यप्रदेश के पूर्व आईएएस अधिकारी लक्ष्मीनारायण और उनकी पत्नी ने स्वर्ण अक्षरों मे लिखी रामायण भगवान श्री राम को समर्पित की है । उत्तरप्रदेश के अयोध्या के श्री राम मंदिर में ये रामायण नवरात्रि के पहले दिन स्थापित कर दी गयी हैं । ताम्रपत्र पर सोने के अक्षरों से उकेरी गयी ये रामायण प्रभू श्री राम के पास गर्भ गृह में रखी गई है । इस गोल्ड प्लेटेड रामचरितमानस ग्रंथ के पन्ने गोल्ड प्लेटेड हैं और अलग-अलग हैं, जो देखने में बेहद खूबसूरत ग्लो करते दिखाई देते हैं। श्रद्धालु अब रामलला के साथ इस स्वर्ण रामायण के भी दर्शन कर सकेंगे।

नवरात्रि के प्रथम दिन रामलला के चरणों मे समर्पित की:

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जानकारी के अनुसार इस रामायण को बनाने मे लगभग पांच करोड़ रुपये का अनुमान बताया गया है । पूर्व आईएएस अधिकारी सुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण और उनकी पत्नी सरस्वती काफी दिनो से इस स्वर्णाक्षरों वाली रामायण को बनाने की तैयारी मे लगे थे । वे चाहतें थे की रामनवमी से पहले उनकी ये रामायण प्रभू श्री राम के चरणों मे समर्पित कर दे। इस संबंध में कई बार श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय और अन्य संबंधित लोगों से मुलाकात कर चुके थे। इन्होंने 25 ताम्रपत्रों पर सोने के अक्षरों से रामायण लिखवा डाली। जिसे नवरात्रि के प्रथम दिन श्रीरामलला के चरणों में समर्पित करने का आग्रह भी किया, और जिसे स्वीकार कर लिया गया।

रामायण का वजन 1.5 किलो हैं:

इस स्वर्णाक्षरों वाली रामायण का वजन 1.5 क्विंटल से ज्यादा है। तांबे से बना इसका प्रत्येक पृष्ठ 14 गुणा 12 इंच का है। रामायण के  हर पृष्ठ पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ी है। इस स्वर्ण लिखित रामचरितमानस में 500 पृष्ठों पर 10902 छंद और चौपाइयां हैं । प्रत्येक पृष्ठ पर 12 इंच की 3 किलोग्राम तांबे की प्लेट का उपयोग किया गया हैं । इस रामायण को बनाने मे 151 किलों तांबे और तीन से चार किलो सोने का उपयोग किया गया हैं । इसका निर्माण चेन्नई के प्रसिद्ध बूममंडी बंगारू ज्वेलर्स ने किया हैं ।

रामायण को लिखने मे जीवन भर की पूँजी लगा दी:

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राम मंदिर के पुजारी संतोष कुमार तिवारी के अनुसार अब राम मंदिर में राम भक्त दर्शन पूजन के साथ-साथ सोने की अनोखी रामायण के भी दर्शन कर सकेंगे। अयोध्या मे रामललाकी प्राण प्रतिष्ठा के बाद से प्रभू श्री राम को चाहने वाले कुछ ना कुछ अनोखी चीज समर्पित कर रहे हैं । सुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण ने इस रामायण को बनाने मे अपनी जीवन भर की पूंजी लगा दी हैं ।

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