Kanpur News : कानपुर को मिला नया एयरपोर्ट टर्मिनल

Kanpur News :
एयरफोर्स के रनवे पर उतरेगी फ्लाइट ये यूपी का पहला ऐसा एयरपोर्ट है, जिसका 2800 मीटर लंबा रनवे एयरफोर्स और एयरपोर्ट को सरकार ने तैयार किया है। नए टर्मिनल को देखते हुए एयरफोर्स ने रनवे पर रात और कोहरे में उतरने के लिए इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम यानि कि प्स्ै लगाया है। नया टर्मिनल भवन 6243 वर्गमीटर के क्षेत्र में और 150 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। ग्रीन कॉन्सेप्ट पर तैयार किया गया एयरपोर्ट डायरेक्टर संजय कुमार के मुताबिक इस एयरपोर्ट का निर्माण यूपीआरएनएन संस्था ने किया है। बिल्डिंग को ग्रीन कॉन्सेप्ट पर तैयार किया है। एक बार में 400 यात्रियों को संभालने की क्षमता है। 8 चेक इन काउंटर हैं। बिल्डिंग में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से लेकर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक लगाया गया है। नेशनल ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग के तहत जीआरआइएच एंड वी रेटिंग दी गई है। इसे इस तरह तैयार किया गया है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर 3 की जगह 6 यात्री विमानों के लिए बढ़ाया जा सकेगा।
18 की जगह 42 महीने में हुआ तैयार
निर्माण एजेंसी यूपीआरएनएन को इसे 18 महीने में तैयार करना था, लेकिन 42 महीने में पूरा किया जा सका। दिसंबर-2019 में इसका निर्माण शुरू किया गया था। निर्माण में देरी से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 परियोजना निदेशकों को सस्पेंड कर दिया था। बीते साल जून में 48 फीसदी कार्य पूरा हुआ था। मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद काम ने रफ्तार पकड़ी और 10 महीने में 52 फीसदी काम पूरा कर लिया गया।
दिल्ली की फ्लाइट शुरू करने के लिए आईं 3 कंपनियां
कानपुर से दिल्ली के बीच रिवर्स फ्लाइट चलाने पर तीन विमान कंपनियों ने अपनी राय दी है। एटीसी से समय का शेड्यूल भी दिया है। विमान कंपनियों ने दिए शेड्यूल में बताया गया है कि सुबह 8.30 बजे फ्लाइट दिल्ली से कानपुर को उड़े और 9.50 बजे कानपुर से दिल्ली को जाए। शाम 4 बजे दिल्ली से उड़े व साढ़े 5 बजे कानपुर से दिल्ली को उड़ान भरे। मौजूदा समय में कानपुर से दिल्ली की एक भी फ्लाइट नहीं है।
10 घरेलू उड़ानें शुरू होंगी
एयरपोर्ट के उद्घाटन से पहले स्पाइसजेट ने दिल्ली की फ्लाइट बंद कर दी थी। मुंबई और बेंगलुरु की फ्लाइट के साथ ही एयरपोर्ट का इनॉगरेशन और इसकी ऑपरेशनल शुरुआत की जाएगी। दावा है कि अक्टूबर में कानपुर से देश के दूसरे शहरों के लिए फ्लाइटें शुरू करने के लिए इंडिगो, एयर एशिया और स्पाइस जेट नई फ्लाइटें शुरू करने के पहले यात्री लोड का आंकलन शुरू कर दिया है। पहले चरण में 10 घरेलू उड़ानें शुरू करने की तैयारी है, जबकि कनेक्टिंग इंटरनेशनल फ्लाइटें अक्टूबर से शुरू हो सकती हैं। अफसरों ने बताया कि नए टर्मिनल के चालू होने के बाद कानपुर से कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली, मुंबई की फ्लाइटें शुरू करने की योजना है। सबसे पहले हैदराबाद, कोलकाता, पुणे, नई दिल्ली की फ्लाइट शुरू होगी। ये उड़ानें यहां से शुरू होने के बाद बंद हुई हैं। इसके बाद सूरत, जयपुर, भोपाल, इंदौर, नई दिल्ली, अमृतसर की हवाई सेवा शुरू होगी।
दिखेगी कानपुर के ऐतिहासिक धरोहरों की झलक
कानपुर एयरपोर्ट को बनाने में ऐतिहासिक धरोहरों का ख्याल रखा गया है। कानपुर के ऐतिहासिक धरोहरों में से बिठूर में स्थित सीता रसोई, आंनदेश्वर मंदिर, पनकी धाम, जेके मंदिर जैसी एतिहासिक धरोहरों की झलक एयरपोर्ट पर लोग देख सकेंगे। वहीं एक आर्ट गैलरी भी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से तैयार की गई है।
नए टर्मिनल पर सुविधाएं भरपूर
- नया टर्मिनल भवन 6243 वर्गमीटर के क्षेत्र में 150 करोड़ रुपये की लागत से बना है। यह मौजूदा टर्मिनल से 16 गुना बड़ा है।
- एप्रन में एक बार में तीन बड़े (ए-321 और बी-327) विमान आ जा सकते हैं। छह एप्रन तक इसे बढ़ाया जा सकता है। पुराने टर्मिनल में एक ही विमान आ जा सकता था।
- उच्चीकृत क्षमता का आईएलएस-2 लगने और एप्रोच लाइटों की वजह से कोहरे और रात में कम दृश्यता में भी विमान आ जा सकेंगे। अभी दृश्यता कम होने से उड़ानें निरस्त कर दी जाती हैं।
- नए टर्मिनल में प्रतीक्षालय में 400 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। अभी तक 50 यात्री ही बैठ सकते थे।
- नए टर्मिनल की पार्किंग में 150 वाहन खड़े हो सकते हैं। दो बसें भी आ सकती हैं। पुराने एयरपोर्ट में 20 वाहनो की ही पार्किंग मुश्किल से होती थी।
- यात्रियों के लिए त्वरित चेक-इन प्रक्रिया के लिए आठ चेक-इन काउंटर हैं। सामान के आसान रखरखाव और संग्रह की सुविधा के लिए तीन कन्वेयर बेल्ट हैं। इसमें एक प्रस्थान हॉल और दो आगमन हॉल में हैं।
- 850 वर्ग मीटर में फैला एक बड़ा शॉपिंग हॉल है। इसमें यात्रियों के लिए खरीदारी और खाने पीने के तरह-तरह के भोजन की सुविधा है।
- दृष्टिबाधित यात्रियों के लिए स्पर्श पथ के प्रावधान किए गए हैं।
- टर्मिनल भवन की छत डबल इंसुलेटेड धातु से बनी है। इससे अंदर गर्मी और आवाज नहीं आती है।
- भूजल को रीचार्ज करने के लिए वर्षा जल संचयन, जल उपचार संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र, 100 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र है। ग्रीन बिल्डिंग के लिए इसे जीआरआईएच-4 रेटिंग मिली है।
चकेरी एयरपोर्ट के अनूठे इतिहास
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान देश के पूर्वी हिस्से में एयर कैपेसिटी बढ़ाने के लिए साल 1944 में कानपुर के चकेरी में हैंगर का निर्माण कराया गया। यहां लिबरेटर, लैंकेस्टर, हरिकेन, टेम्पेस्ट और डकोटा जैसे बमवर्षक और लड़ाकू विमान पार्क होते थे।अगस्त- 1945 में जापान द्वारा मित्र देशों की सेना के सामने आत्मसमर्पण करने और शत्रुता समाप्त होने के बाद इस नंबर-322 रखरखाव इकाइयों को भंग कर दिया गया। इसके बाद रॉयल एयर फोर्स स्टेशन, कानपुर औपचारिक रुप से अस्तित्व में आ गया। 15 अगस्त 1947 को, भारत की आजादी के ऐतिहासिक दिन, विंग कमांडर रंजन दत्ता डीएफसी ने रॉयल एयरफोर्स से वायुसेना स्टेशन, कानपुर की कमान संभाली।
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एयरफोर्स के रनवे पर उतरेगी फ्लाइट ये यूपी का पहला ऐसा एयरपोर्ट है, जिसका 2800 मीटर लंबा रनवे एयरफोर्स और एयरपोर्ट को सरकार ने तैयार किया है। नए टर्मिनल को देखते हुए एयरफोर्स ने रनवे पर रात और कोहरे में उतरने के लिए इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम यानि कि प्स्ै लगाया है। नया टर्मिनल भवन 6243 वर्गमीटर के क्षेत्र में और 150 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। ग्रीन कॉन्सेप्ट पर तैयार किया गया एयरपोर्ट डायरेक्टर संजय कुमार के मुताबिक इस एयरपोर्ट का निर्माण यूपीआरएनएन संस्था ने किया है। बिल्डिंग को ग्रीन कॉन्सेप्ट पर तैयार किया है। एक बार में 400 यात्रियों को संभालने की क्षमता है। 8 चेक इन काउंटर हैं। बिल्डिंग में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से लेकर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक लगाया गया है। नेशनल ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग के तहत जीआरआइएच एंड वी रेटिंग दी गई है। इसे इस तरह तैयार किया गया है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर 3 की जगह 6 यात्री विमानों के लिए बढ़ाया जा सकेगा।
18 की जगह 42 महीने में हुआ तैयार
निर्माण एजेंसी यूपीआरएनएन को इसे 18 महीने में तैयार करना था, लेकिन 42 महीने में पूरा किया जा सका। दिसंबर-2019 में इसका निर्माण शुरू किया गया था। निर्माण में देरी से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 परियोजना निदेशकों को सस्पेंड कर दिया था। बीते साल जून में 48 फीसदी कार्य पूरा हुआ था। मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद काम ने रफ्तार पकड़ी और 10 महीने में 52 फीसदी काम पूरा कर लिया गया।
दिल्ली की फ्लाइट शुरू करने के लिए आईं 3 कंपनियां
कानपुर से दिल्ली के बीच रिवर्स फ्लाइट चलाने पर तीन विमान कंपनियों ने अपनी राय दी है। एटीसी से समय का शेड्यूल भी दिया है। विमान कंपनियों ने दिए शेड्यूल में बताया गया है कि सुबह 8.30 बजे फ्लाइट दिल्ली से कानपुर को उड़े और 9.50 बजे कानपुर से दिल्ली को जाए। शाम 4 बजे दिल्ली से उड़े व साढ़े 5 बजे कानपुर से दिल्ली को उड़ान भरे। मौजूदा समय में कानपुर से दिल्ली की एक भी फ्लाइट नहीं है।
10 घरेलू उड़ानें शुरू होंगी
एयरपोर्ट के उद्घाटन से पहले स्पाइसजेट ने दिल्ली की फ्लाइट बंद कर दी थी। मुंबई और बेंगलुरु की फ्लाइट के साथ ही एयरपोर्ट का इनॉगरेशन और इसकी ऑपरेशनल शुरुआत की जाएगी। दावा है कि अक्टूबर में कानपुर से देश के दूसरे शहरों के लिए फ्लाइटें शुरू करने के लिए इंडिगो, एयर एशिया और स्पाइस जेट नई फ्लाइटें शुरू करने के पहले यात्री लोड का आंकलन शुरू कर दिया है। पहले चरण में 10 घरेलू उड़ानें शुरू करने की तैयारी है, जबकि कनेक्टिंग इंटरनेशनल फ्लाइटें अक्टूबर से शुरू हो सकती हैं। अफसरों ने बताया कि नए टर्मिनल के चालू होने के बाद कानपुर से कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली, मुंबई की फ्लाइटें शुरू करने की योजना है। सबसे पहले हैदराबाद, कोलकाता, पुणे, नई दिल्ली की फ्लाइट शुरू होगी। ये उड़ानें यहां से शुरू होने के बाद बंद हुई हैं। इसके बाद सूरत, जयपुर, भोपाल, इंदौर, नई दिल्ली, अमृतसर की हवाई सेवा शुरू होगी।
दिखेगी कानपुर के ऐतिहासिक धरोहरों की झलक
कानपुर एयरपोर्ट को बनाने में ऐतिहासिक धरोहरों का ख्याल रखा गया है। कानपुर के ऐतिहासिक धरोहरों में से बिठूर में स्थित सीता रसोई, आंनदेश्वर मंदिर, पनकी धाम, जेके मंदिर जैसी एतिहासिक धरोहरों की झलक एयरपोर्ट पर लोग देख सकेंगे। वहीं एक आर्ट गैलरी भी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से तैयार की गई है।
नए टर्मिनल पर सुविधाएं भरपूर
- नया टर्मिनल भवन 6243 वर्गमीटर के क्षेत्र में 150 करोड़ रुपये की लागत से बना है। यह मौजूदा टर्मिनल से 16 गुना बड़ा है।
- एप्रन में एक बार में तीन बड़े (ए-321 और बी-327) विमान आ जा सकते हैं। छह एप्रन तक इसे बढ़ाया जा सकता है। पुराने टर्मिनल में एक ही विमान आ जा सकता था।
- उच्चीकृत क्षमता का आईएलएस-2 लगने और एप्रोच लाइटों की वजह से कोहरे और रात में कम दृश्यता में भी विमान आ जा सकेंगे। अभी दृश्यता कम होने से उड़ानें निरस्त कर दी जाती हैं।
- नए टर्मिनल में प्रतीक्षालय में 400 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। अभी तक 50 यात्री ही बैठ सकते थे।
- नए टर्मिनल की पार्किंग में 150 वाहन खड़े हो सकते हैं। दो बसें भी आ सकती हैं। पुराने एयरपोर्ट में 20 वाहनो की ही पार्किंग मुश्किल से होती थी।
- यात्रियों के लिए त्वरित चेक-इन प्रक्रिया के लिए आठ चेक-इन काउंटर हैं। सामान के आसान रखरखाव और संग्रह की सुविधा के लिए तीन कन्वेयर बेल्ट हैं। इसमें एक प्रस्थान हॉल और दो आगमन हॉल में हैं।
- 850 वर्ग मीटर में फैला एक बड़ा शॉपिंग हॉल है। इसमें यात्रियों के लिए खरीदारी और खाने पीने के तरह-तरह के भोजन की सुविधा है।
- दृष्टिबाधित यात्रियों के लिए स्पर्श पथ के प्रावधान किए गए हैं।
- टर्मिनल भवन की छत डबल इंसुलेटेड धातु से बनी है। इससे अंदर गर्मी और आवाज नहीं आती है।
- भूजल को रीचार्ज करने के लिए वर्षा जल संचयन, जल उपचार संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र, 100 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र है। ग्रीन बिल्डिंग के लिए इसे जीआरआईएच-4 रेटिंग मिली है।
चकेरी एयरपोर्ट के अनूठे इतिहास
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान देश के पूर्वी हिस्से में एयर कैपेसिटी बढ़ाने के लिए साल 1944 में कानपुर के चकेरी में हैंगर का निर्माण कराया गया। यहां लिबरेटर, लैंकेस्टर, हरिकेन, टेम्पेस्ट और डकोटा जैसे बमवर्षक और लड़ाकू विमान पार्क होते थे।अगस्त- 1945 में जापान द्वारा मित्र देशों की सेना के सामने आत्मसमर्पण करने और शत्रुता समाप्त होने के बाद इस नंबर-322 रखरखाव इकाइयों को भंग कर दिया गया। इसके बाद रॉयल एयर फोर्स स्टेशन, कानपुर औपचारिक रुप से अस्तित्व में आ गया। 15 अगस्त 1947 को, भारत की आजादी के ऐतिहासिक दिन, विंग कमांडर रंजन दत्ता डीएफसी ने रॉयल एयरफोर्स से वायुसेना स्टेशन, कानपुर की कमान संभाली।







