अलविदा-2025 के साथ बढ़ा है भारत का दबदबा
वर्ष-2025 ने भारत को वह सब कुछ देने का काम किया है जिसके लिए भारत पूरी तरह से हकदार था। भारत ने वर्ष-2025 के साल से बहुत कुछ प्राप्त कर लिया है। अलविदा-2025 कहने के साथ ही भारत की वर्ष-2025 की उपलब्धियों पर गौर करना जरूरी है।

Goodbye-2025 : अलविदा-2025 या यह कहें कि बाय-बाय वर्ष-2025 इन दोनों का सीधा अर्थ है कि वर्ष-2025 अब इतिहास बन गया है। वर्ष-2025 के इतिहास बनने के साथ ही भारत ने भी नया इतिहास लिख दिया है। वर्ष-2025 ने भारत को वह सब कुछ देने का काम किया है जिसके लिए भारत पूरी तरह से हकदार था। भारत ने वर्ष-2025 के साल से बहुत कुछ प्राप्त कर लिया है। अलविदा-2025 कहने के साथ ही भारत की वर्ष-2025 की उपलब्धियों पर गौर करना जरूरी है।
वर्ष-2025 में ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ ने गाड़ दिया भारत का झंडा
वर्ष-2025 में भारत की उपलब्धियों पर एक बहुत मोटी किताब लिखी जा सकती है। वर्ष-2025 में भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि की बात करें तो हर कोई यही कहेगा कि वर्ष-2025 में भारत के द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ ने भारत का झंडा पूरी दुनिया में गाड़ दिया है। ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ वर्ष-2025 में भारत के हिस्से में आई वह उपलब्धि है जिसके द्वारा भारत ने अपनी स्थापित सैन्य ताकत को पूरी दुनिया के सामने पूरी बहादुरी के साथ पेश करने का काम किया है।
‘ऑपरेशन सिन्दूर’ ने बढ़ाया भारत का मान-सम्मान तथा अभिमान
आपको याद दिला दें कि ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ को अलविदा-2025 वर्ष की सबसे बड़ी घटना के रूप में याद रखा जाएगा। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा 26 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या की घटना के बाद दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का दंश झेलते आ रहे भारत ने अपने धैर्य की अंतिम सीमा रेखा खींच दी। पहलगाम के आतंकी गुनहगारों के साथ पाकिस्तान को सख्त संदेश देने के लिए भारत ने छह-सात मई, 2025 की रात ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सैन्य कार्रवाई की शुरूआत कर पाक अधिकृत कश्मीर ही नहीं, पाकिस्तान के भीतर आतंक के नौ बड़े ठिकानों को ध्वस्त करने के साथ करीब 100 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। इस कार्रवाई के जरिए भारत ने पाकिस्तान के इस भ्रम को हमेशा के लिए खत्म कर दिया कि वह उसकी सरजमीं पर पनपे आतंकी ठिकानों पर सीधे सैन्य हमला नहीं करेगा। भारत ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के जरिए साबित कर दिया कि पाकिस्तान में स्थित सभी आतंकी ठिकानों तक वह पहुंच सकता है। यह एक ऐसी सामरिक कार्रवाई थी, जिसने भारत के सुरक्षा सोच को धैर्य’ से’ प्रतिकार की दिशा में निर्णायक मोड़ दिया। ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ महज एक जवाबी कार्रवाई नहीं बल्कि भारत की यह घोषणा है कि वह सीमाधार आतंकवाद को अपनी संप्रभुता पर हमला तथा युद्ध मानेगा। भारत अब शांति को केवल आदर्श नहीं समझता, बल्कि उसे सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक शक्ति और साहस भी रखता है। भविष्य में जब रणनीतिक-सामरिक इतिहासकार इस कालखंड पर गौर करेंगे तो बेशक ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ को नए भारत की उभरती रणनीतिक चेतना का निर्णायक मोड़ मानेंगे। इस ऑपरेशन के बाद कूटनीतिक मोर्च पर भी भारत ने एक नई शुरुआत की और तीन दर्जन से ज्यादा देशों में सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भेजकर उन्हें अपने सोच के साथ जोड़ लिया।
भारत की वैश्विक पहचान में आया बड़ा निखार
अलविदा 2025 कहते हुए याद आ रहा है कि वर्ष-2025 में भारत की वैश्विक पहचान में बहुत बड़ा निखार आया है। आर्थिक क्षेत्र हो अथवा खेल का मैदान भारत ने हर जगह दुनिया के सामने नई मिसाल पेश करने का काम किया है। वर्ष- 2025 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आईसीसी महिला विश्व कप 2025 में शानदार प्रदर्शन किया और श्रीलंका के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज की, जिससे भारतीय खेल के स्तर में मजबूती दिखाई।सामाजिक-आर्थिक बदलाव के क्षेत्र में देखे तो 1 जुलाई 2025 से लागू हुए कई नए वित्तीय नियमों और पॉलिसियों के कारण आम आदमी के लिए बचत और नियम-व्यवस्था में बदलाव आया, जिसे कई लोगों के लिए उपयोगी माना गया।राष्ट्रीय और सुरक्षा क्षेत्र में तैयारी तीव्र गति से बढी है। ऑपरेशन अभ्य्यास नामक 7 मई 2025 को आयोजित देशव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास से देश की आपदा प्रबंधन और सुरक्षा तत्परता को और मजबूत किया गया। वैश्विक मंच पर भारत ने प्रभावित करते हुए भारत ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में संतुलित और जिम्मेदार भूमिका निभाई है। विकासशील देशों की आवाज़ को वैश्विक मंच पर मजबूती से उठाने में भारत अग्रणी रहा। विश्व शांति, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर भारत की भूमिका को व्यापक सराहना मिली है। वर्ष-2025 में भारत विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल रहा है। डिजिटल भुगतान प्रणाली, विशेषकर यूपीआई ने देश को डिजिटल लेन-देन में वैश्विक पहचान दिलाई है।स्टार्ट-अप संस्कृति, स्वदेशी उत्पादन और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियानों से रोजगार और निवेश को बढ़ावा मिला है।विज्ञान और अंतरिक्ष में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त कर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कम लागत और उच्च तकनीकी क्षमता के साथ कई सफल मिशनों को अंजाम दिया। इससे भारत विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी देशों की श्रेणी में शामिल हुआ है। शिक्षा और युवा शक्ति के रूप में भारत में वैश्विक शक्ति हासिल कर ली।नई शिक्षा नीति के माध्यम से कौशल-आधारित और रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर ज़ोर दिया गया है। तकनीकी शिक्षा, स्टार्ट-अप और नवाचार के क्षेत्र में युवा वर्ग की भागीदारी बढ़ी है, जो देश के भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है।वही अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाडय़िों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। महिला खिलाडय़िों की बढ़ती सफलता और जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने वाली योजनाओं ने खेल जगत में भारत की स्थिति को मजबूत किया है।सन् 2025 में भारतीय खिलाडय़िों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। महिला और युवा खिलाडय़िों की सफलता ने देश को गौरवान्वित किया। खेलो इंडिया जैसे अभियानों से जमीनी प्रतिभाओं को नया मंच मिला।सामाजिक और पर्यावरणीय पहल के तहत स्वच्छता, स्वास्थ्य, आवास और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़ी योजनाओं ने आम नागरिक के जीवन स्तर में सुधार किया है। पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता भविष्य के लिए आशा जगाती है।कुल मिलाकर, भारत की उपलब्धियाँ यह दर्शाती हैं कि देश चुनौतियों के बीच भी विकास, आत्मनिर्भरता और नवाचार के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। मजबूत नीतियाँ, युवा शक्ति और तकनीकी प्रगति भारत को एक सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित कर रही हैं। सन् 2025 में भारत विश्व की सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में बना रहा। औद्योगिक निवेश में वृद्धि, स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा और स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहन देने वाली नीतियों से आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी आई। डिजिटल भुगतान प्रणाली और वित्तीय समावेशन ने आम नागरिक की अर्थव्यवस्था में भागीदारी को मजबूत किया।डिजिटल लेन-देन, ई-गवर्नेस और तकनीकी नवाचारों के क्षेत्र में भारत ने नई उपलब्धियाँ हासिल कीं। यूपीआई और डिजिटल सेवाओं के विस्तार से भारत विश्व के अग्रणी डिजिटल देशों में शामिल हुआ। सरकारी सेवाओं के ऑनलाइन होने से पारदर्शिता और सुशासन को बल मिला।स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छता और शिक्षा से जुड़ी योजनाओं ने करोड़ों नागरिकों के जीवन को प्रभावित किया। नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदमों ने सतत विकास की नींव को मजबूत किया।कुल मिलाकर सन् 2025 भारत के लिए उपलब्धियों का वर्ष रहा। चुनौतियों के बावजूद देश ने विकास, आत्मनिर्भरता और नवाचार के रास्ते पर निरंतर प्रगति की। भारत की ये उपलब्धियाँ आने वाले वर्षों के लिए एक मजबूत आधार तैयार करती हैंवर्ष 2047 में विकसित भारत की नींव हुई मजबूत
वर्ष-2025 ने वर्ष-2047 के विकसित भारत के सपने की नींव को मजबूत किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब वर्ष-2047 में विकसित भारत के एजेंडे को रखा था तो प्रश्न था कि क्या हम इस लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे? परंतु वर्ष 2025 में वैश्विक चुनौतियों के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगभग पौने सात प्रतिशत की तेजी दिखाई है तो, यह हमारे मनोबल और सही दिशा को बताती है। परंतु, आगे शर्त यह है कि हमें सुधारों के मोर्चे पर बढ़ते रहना होगा। उद्यमिता, रोजगार, कौशल विकास और औद्योगीकरण की गति तेज करनी होगी। दुनियाभर से निवेश लाने की कोशिशों को सफल बनाने के लिए नीतियों में जरूरत के मुताबिक बदलाव करते रहने होंगे। वर्ष 2025 के अंत में अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के साथ भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है तो यह वैश्विक स्तर पर देश की भूमिका में वृद्धि की झलक है। स्वतंत्रता के बाद भारतीय आर्थिकी की बातें चाहे जितनी होती रही हों लेकिन उसके दो मील के पत्थर है। पहला वर्ष 1991 में प्रारंभआर्थिक उदारीकरण और दूसरा वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत गठबंधन सरकार की बदलाव की गति। पहला दौर मनमाफिक परिणाम न दे सका तो इसकी वजह अस्थिर सरकारें और भ्रष्टाचार रहा। जबकि मोदी सरकार ने सुधारों पर ध्यान फोकस किया। कोरोना जैसी महामारी के दौरान मेक इन इंडिया की घोषणा की। डिजिटल नयाचार, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम जारी कीं। बेहतर मानसून के दौर और उन्नत होती कृषि ने भी सरकार का पूरा साथ दिया। यही वजह है कि आर्थिकी की तेज गति 8.2 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर रही भारत की, वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में। वहीं मई में खुदरा महंगाई दर गिर कर 2.8 प्रतिशत पर आ गई थी ! वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में जीडीपी में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि पर रहे। सरकार ने बुनियादी ढांचे में खर्च बढ़ाकर रोजगार बढ़ाए हैं। सरकार की पीएलआइ जैसी स्कीम ही हैं कि नवंबर में एपल कंपनी ने दुनियाभर में बेचे पांच मोबाइल फोन में से एक भारत से सप्लाई किया। भारतीय आटोमोबाइल क्षेत्र भी बेहतर कर रहा है। वर्ष 2025 में भारत सरकार ने गरीबी से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों के जीवन स्तर को भी ऊपर उठाया है। इसके बावजूद देश के सामने लगातार चुनौतियां आ रही हैं। पड़ोस की चुनौतियां हैं तो अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर सर्वाधिक 50 प्रतिशत टैरिफ भी थोपा। इससे निर्यात घटा है, लेकिन हमारे उद्योग नए रास्ते खोजकर भविष्य के लिए सुदृढ़ हो रहे हैं। भारतीय स्टार्टअप अंतरिक्ष और रक्षा के क्षेत्र में जिस तरह आगे बढ़ रहे हैं, वह यह दर्शाने को पर्याप्त हैं किं आगामी पांच वर्षों में यह आर्थिकी में बड़ा योगदान देंगे।। Goodbye-2025
Goodbye-2025 : अलविदा-2025 या यह कहें कि बाय-बाय वर्ष-2025 इन दोनों का सीधा अर्थ है कि वर्ष-2025 अब इतिहास बन गया है। वर्ष-2025 के इतिहास बनने के साथ ही भारत ने भी नया इतिहास लिख दिया है। वर्ष-2025 ने भारत को वह सब कुछ देने का काम किया है जिसके लिए भारत पूरी तरह से हकदार था। भारत ने वर्ष-2025 के साल से बहुत कुछ प्राप्त कर लिया है। अलविदा-2025 कहने के साथ ही भारत की वर्ष-2025 की उपलब्धियों पर गौर करना जरूरी है।
वर्ष-2025 में ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ ने गाड़ दिया भारत का झंडा
वर्ष-2025 में भारत की उपलब्धियों पर एक बहुत मोटी किताब लिखी जा सकती है। वर्ष-2025 में भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि की बात करें तो हर कोई यही कहेगा कि वर्ष-2025 में भारत के द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ ने भारत का झंडा पूरी दुनिया में गाड़ दिया है। ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ वर्ष-2025 में भारत के हिस्से में आई वह उपलब्धि है जिसके द्वारा भारत ने अपनी स्थापित सैन्य ताकत को पूरी दुनिया के सामने पूरी बहादुरी के साथ पेश करने का काम किया है।
‘ऑपरेशन सिन्दूर’ ने बढ़ाया भारत का मान-सम्मान तथा अभिमान
आपको याद दिला दें कि ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ को अलविदा-2025 वर्ष की सबसे बड़ी घटना के रूप में याद रखा जाएगा। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा 26 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या की घटना के बाद दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का दंश झेलते आ रहे भारत ने अपने धैर्य की अंतिम सीमा रेखा खींच दी। पहलगाम के आतंकी गुनहगारों के साथ पाकिस्तान को सख्त संदेश देने के लिए भारत ने छह-सात मई, 2025 की रात ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सैन्य कार्रवाई की शुरूआत कर पाक अधिकृत कश्मीर ही नहीं, पाकिस्तान के भीतर आतंक के नौ बड़े ठिकानों को ध्वस्त करने के साथ करीब 100 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। इस कार्रवाई के जरिए भारत ने पाकिस्तान के इस भ्रम को हमेशा के लिए खत्म कर दिया कि वह उसकी सरजमीं पर पनपे आतंकी ठिकानों पर सीधे सैन्य हमला नहीं करेगा। भारत ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के जरिए साबित कर दिया कि पाकिस्तान में स्थित सभी आतंकी ठिकानों तक वह पहुंच सकता है। यह एक ऐसी सामरिक कार्रवाई थी, जिसने भारत के सुरक्षा सोच को धैर्य’ से’ प्रतिकार की दिशा में निर्णायक मोड़ दिया। ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ महज एक जवाबी कार्रवाई नहीं बल्कि भारत की यह घोषणा है कि वह सीमाधार आतंकवाद को अपनी संप्रभुता पर हमला तथा युद्ध मानेगा। भारत अब शांति को केवल आदर्श नहीं समझता, बल्कि उसे सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक शक्ति और साहस भी रखता है। भविष्य में जब रणनीतिक-सामरिक इतिहासकार इस कालखंड पर गौर करेंगे तो बेशक ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ को नए भारत की उभरती रणनीतिक चेतना का निर्णायक मोड़ मानेंगे। इस ऑपरेशन के बाद कूटनीतिक मोर्च पर भी भारत ने एक नई शुरुआत की और तीन दर्जन से ज्यादा देशों में सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भेजकर उन्हें अपने सोच के साथ जोड़ लिया।
भारत की वैश्विक पहचान में आया बड़ा निखार
अलविदा 2025 कहते हुए याद आ रहा है कि वर्ष-2025 में भारत की वैश्विक पहचान में बहुत बड़ा निखार आया है। आर्थिक क्षेत्र हो अथवा खेल का मैदान भारत ने हर जगह दुनिया के सामने नई मिसाल पेश करने का काम किया है। वर्ष- 2025 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आईसीसी महिला विश्व कप 2025 में शानदार प्रदर्शन किया और श्रीलंका के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज की, जिससे भारतीय खेल के स्तर में मजबूती दिखाई।सामाजिक-आर्थिक बदलाव के क्षेत्र में देखे तो 1 जुलाई 2025 से लागू हुए कई नए वित्तीय नियमों और पॉलिसियों के कारण आम आदमी के लिए बचत और नियम-व्यवस्था में बदलाव आया, जिसे कई लोगों के लिए उपयोगी माना गया।राष्ट्रीय और सुरक्षा क्षेत्र में तैयारी तीव्र गति से बढी है। ऑपरेशन अभ्य्यास नामक 7 मई 2025 को आयोजित देशव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास से देश की आपदा प्रबंधन और सुरक्षा तत्परता को और मजबूत किया गया। वैश्विक मंच पर भारत ने प्रभावित करते हुए भारत ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में संतुलित और जिम्मेदार भूमिका निभाई है। विकासशील देशों की आवाज़ को वैश्विक मंच पर मजबूती से उठाने में भारत अग्रणी रहा। विश्व शांति, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर भारत की भूमिका को व्यापक सराहना मिली है। वर्ष-2025 में भारत विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल रहा है। डिजिटल भुगतान प्रणाली, विशेषकर यूपीआई ने देश को डिजिटल लेन-देन में वैश्विक पहचान दिलाई है।स्टार्ट-अप संस्कृति, स्वदेशी उत्पादन और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियानों से रोजगार और निवेश को बढ़ावा मिला है।विज्ञान और अंतरिक्ष में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त कर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कम लागत और उच्च तकनीकी क्षमता के साथ कई सफल मिशनों को अंजाम दिया। इससे भारत विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी देशों की श्रेणी में शामिल हुआ है। शिक्षा और युवा शक्ति के रूप में भारत में वैश्विक शक्ति हासिल कर ली।नई शिक्षा नीति के माध्यम से कौशल-आधारित और रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर ज़ोर दिया गया है। तकनीकी शिक्षा, स्टार्ट-अप और नवाचार के क्षेत्र में युवा वर्ग की भागीदारी बढ़ी है, जो देश के भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है।वही अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाडय़िों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। महिला खिलाडय़िों की बढ़ती सफलता और जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने वाली योजनाओं ने खेल जगत में भारत की स्थिति को मजबूत किया है।सन् 2025 में भारतीय खिलाडय़िों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। महिला और युवा खिलाडय़िों की सफलता ने देश को गौरवान्वित किया। खेलो इंडिया जैसे अभियानों से जमीनी प्रतिभाओं को नया मंच मिला।सामाजिक और पर्यावरणीय पहल के तहत स्वच्छता, स्वास्थ्य, आवास और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़ी योजनाओं ने आम नागरिक के जीवन स्तर में सुधार किया है। पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता भविष्य के लिए आशा जगाती है।कुल मिलाकर, भारत की उपलब्धियाँ यह दर्शाती हैं कि देश चुनौतियों के बीच भी विकास, आत्मनिर्भरता और नवाचार के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। मजबूत नीतियाँ, युवा शक्ति और तकनीकी प्रगति भारत को एक सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित कर रही हैं। सन् 2025 में भारत विश्व की सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में बना रहा। औद्योगिक निवेश में वृद्धि, स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा और स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहन देने वाली नीतियों से आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी आई। डिजिटल भुगतान प्रणाली और वित्तीय समावेशन ने आम नागरिक की अर्थव्यवस्था में भागीदारी को मजबूत किया।डिजिटल लेन-देन, ई-गवर्नेस और तकनीकी नवाचारों के क्षेत्र में भारत ने नई उपलब्धियाँ हासिल कीं। यूपीआई और डिजिटल सेवाओं के विस्तार से भारत विश्व के अग्रणी डिजिटल देशों में शामिल हुआ। सरकारी सेवाओं के ऑनलाइन होने से पारदर्शिता और सुशासन को बल मिला।स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छता और शिक्षा से जुड़ी योजनाओं ने करोड़ों नागरिकों के जीवन को प्रभावित किया। नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदमों ने सतत विकास की नींव को मजबूत किया।कुल मिलाकर सन् 2025 भारत के लिए उपलब्धियों का वर्ष रहा। चुनौतियों के बावजूद देश ने विकास, आत्मनिर्भरता और नवाचार के रास्ते पर निरंतर प्रगति की। भारत की ये उपलब्धियाँ आने वाले वर्षों के लिए एक मजबूत आधार तैयार करती हैंवर्ष 2047 में विकसित भारत की नींव हुई मजबूत
वर्ष-2025 ने वर्ष-2047 के विकसित भारत के सपने की नींव को मजबूत किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब वर्ष-2047 में विकसित भारत के एजेंडे को रखा था तो प्रश्न था कि क्या हम इस लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे? परंतु वर्ष 2025 में वैश्विक चुनौतियों के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगभग पौने सात प्रतिशत की तेजी दिखाई है तो, यह हमारे मनोबल और सही दिशा को बताती है। परंतु, आगे शर्त यह है कि हमें सुधारों के मोर्चे पर बढ़ते रहना होगा। उद्यमिता, रोजगार, कौशल विकास और औद्योगीकरण की गति तेज करनी होगी। दुनियाभर से निवेश लाने की कोशिशों को सफल बनाने के लिए नीतियों में जरूरत के मुताबिक बदलाव करते रहने होंगे। वर्ष 2025 के अंत में अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के साथ भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है तो यह वैश्विक स्तर पर देश की भूमिका में वृद्धि की झलक है। स्वतंत्रता के बाद भारतीय आर्थिकी की बातें चाहे जितनी होती रही हों लेकिन उसके दो मील के पत्थर है। पहला वर्ष 1991 में प्रारंभआर्थिक उदारीकरण और दूसरा वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत गठबंधन सरकार की बदलाव की गति। पहला दौर मनमाफिक परिणाम न दे सका तो इसकी वजह अस्थिर सरकारें और भ्रष्टाचार रहा। जबकि मोदी सरकार ने सुधारों पर ध्यान फोकस किया। कोरोना जैसी महामारी के दौरान मेक इन इंडिया की घोषणा की। डिजिटल नयाचार, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम जारी कीं। बेहतर मानसून के दौर और उन्नत होती कृषि ने भी सरकार का पूरा साथ दिया। यही वजह है कि आर्थिकी की तेज गति 8.2 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर रही भारत की, वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में। वहीं मई में खुदरा महंगाई दर गिर कर 2.8 प्रतिशत पर आ गई थी ! वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में जीडीपी में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि पर रहे। सरकार ने बुनियादी ढांचे में खर्च बढ़ाकर रोजगार बढ़ाए हैं। सरकार की पीएलआइ जैसी स्कीम ही हैं कि नवंबर में एपल कंपनी ने दुनियाभर में बेचे पांच मोबाइल फोन में से एक भारत से सप्लाई किया। भारतीय आटोमोबाइल क्षेत्र भी बेहतर कर रहा है। वर्ष 2025 में भारत सरकार ने गरीबी से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों के जीवन स्तर को भी ऊपर उठाया है। इसके बावजूद देश के सामने लगातार चुनौतियां आ रही हैं। पड़ोस की चुनौतियां हैं तो अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर सर्वाधिक 50 प्रतिशत टैरिफ भी थोपा। इससे निर्यात घटा है, लेकिन हमारे उद्योग नए रास्ते खोजकर भविष्य के लिए सुदृढ़ हो रहे हैं। भारतीय स्टार्टअप अंतरिक्ष और रक्षा के क्षेत्र में जिस तरह आगे बढ़ रहे हैं, वह यह दर्शाने को पर्याप्त हैं किं आगामी पांच वर्षों में यह आर्थिकी में बड़ा योगदान देंगे।। Goodbye-2025












