UP News : उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में स्थित ऊंचाहार एनटीपीसी विद्युत परियोजना में तकनीकी गड़बड़ियों के चलते तीन यूनिटें एक के बाद एक बंद हो गईं। इस घटना ने न केवल परियोजना के अधिकारियों को बल्कि बिजली आपूर्ति पर निर्भर राज्यों को भी चिंता में डाल दिया है।
क्या है तकनीकी कारण?
ऊंचाहार परियोजना में कुल 6 उत्पादन यूनिटें हैं :
– 5 यूनिटें : प्रत्येक 210 मेगावाट की
– 1 यूनिट : 500 मेगावाट की
बंद हुई यूनिटों के कारण :
1. चौथी यूनिट- बॉयलर में अचानक लीकेज (रिसाव) हुआ, जिससे उसे तत्काल बंद करना पड़ा।
2. तीसरी यूनिट- जैसे ही इसे शुरू किया गया, इसकी सूट ब्लोअर की कपलिंग टूट गई, जिससे यह भी बंद करनी पड़ी।
3. पाँचवीं यूनिट- इसमें तकनीकी खराबी आई, जिसे फिलहाल ठीक किया जा रहा है।
इसका मतलब, कुल 630 मेगावाट उत्पादन क्षमता फिलहाल ठप है।
उत्पादन में आई भारी गिरावट
– सामान्य उत्पादन क्षमता : लगभग 1550 मेगावाट
– वर्तमान उत्पादन : केवल 920 मेगावाट
– यानी, 40% से अधिक बिजली उत्पादन घट गया है।
कहां-कहां पड़ेगा असर
इन राज्यों में विशेष रूप से गर्मियों में बढ़ती बिजली मांग के चलते लोड शेडिंग (बिजली कटौती) की नौबत आ सकती है।
क्योंकि इस प्लांट से बिजली प्राप्त करने वाले ये राज्य हैं:
– उत्तर प्रदेश
– दिल्ली
– उत्तराखंड
– पंजाब
– हिमाचल प्रदेश
– हरियाणा
– राजस्थान
– जम्मू-कश्मीर
– चंडीगढ़
आम जनता पर प्रभाव
– घरेलू उपयोगकर्ता : पंखे, कूलर, एसी जैसे उपकरणों की निर्बाध आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
– कृषि क्षेत्र : ट्यूबवेल, सिंचाई पंपों के संचालन में रुकावट आ सकती है।
– उद्योग : उत्पादन ठप होने का खतरा, खासकर सेक्टर पर सीधा असर पड़ेगा।
– हॉस्पिटल, स्कूल, आॅफिस : बैकअप बिजली की निर्भरता बढ़ेगी।
प्रशासन की तैयारी और विकल्प
– इंजीनियरिंग टीमें सभी यूनिटों की मरम्मत में रात-दिन जुटी हैं।
– सप्लाई बैलेंस के लिए अतिरिक्त आपूर्ति पर विचार किया जा रहा है।
– डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियां) लोड शेडिंग की योजना बना रही हैं ताकि ग्रिड फेलियर से बचा जा सके।
ऊंचाहार एनटीपीसी की तीन यूनिटों का एक साथ बंद होना सिर्फ एक तकनीकी दुर्घटना नहीं है, बल्कि पूरे उत्तर भारत की बिजली व्यवस्था पर सीधा दबाव डालने वाली स्थिति है। अगर यह संकट जल्द नहीं सुलझा, तो आम लोगों से लेकर उद्योगों तक, सभी को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। UP News
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