UP News : उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट में काम करने वाले उत्तर प्रदेश के वकीलों ने बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश के वकीलों की संस्था इलाहाबाद हाईकोर्ट एसोसिएशन ने यह बड़ा तथा कड़ा फैसला किया है। उत्तर प्रदेश के वकीलों की सबसे बड़ी बार ने एक प्रस्ताव पास करके तय किया है कि वें जजों को माई लॉर्ड योर लॉर्डशिप नहीं कहेंगे।
आक्रोश में लिया बड़ा फैसला
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के वकीलों ने यह बड़ा फैसला आक्रोश के कारण लिया है। उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट में काम करने वाले वकीलों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के जज वकीलों के साथ किए जाने वाले दुव्र्यवहार तथा उनकी दूसरी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इसी कारण उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के वकीलों ने बुधवार से हड़ताल भी कर रखी है।
हाईकोर्ट के वकील हड़ताल पर
हमारे उत्तर प्रदेश के ब्यूरो प्रमुख के अनुसार उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी बार एसोसिएशन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आह्वान पर बृहस्पतिवार को भी अधिवक्ताओं ने हड़ताल जारी रखी। एसोसिएशन की ओर से बनाई गई टीमों ने हाईकोर्ट के प्रवेश द्वारों पर पहुंच कर वकीलों से न्यायिक कार्य में भाग नहीं लेने की अपील की।
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वहीं, दोपहर में एसोसिएशन ने बैठक कर शुक्रवार को भी न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला लिया। साथ ही प्रस्ताव पारित किया कि अब कोई वकील जजों को ‘माई लॉर्ड’ या ‘योर लॉर्डशिप’ कहकर संबोधित नहीं करेगा। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने अधिवक्ताओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार व अन्य समस्याओं को दूर न किए जाने के विरोध में न्यायिक कार्य से विरत रहने का आह्वान किया है। हड़ताल के दूसरे दिन दोपहर में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक नए पदाधिकारी कक्ष में अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी की अध्यक्षता व महासचिव विक्रांत पांडेय के संचालन में हुई। यह फैसला भारत के मुख्य न्यायाधीश के उस बयान के बाद लिया गया है, जिसमें उन्होंने जोर दिया था कि जजों को खुद को भगवान नहीं समझना चाहिए। UP News
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