जिगर मुरादाबादी की शायरी : टॉप 5 शेर जो हर महफिल में छा जाएं

जिगर मुरादाबादी के 5 ऐसे शेर जो हर महफिल में तालियां लूट लें! मोहब्बत, गुरूर और दिल की गहराई एक ही जगह पढ़िए। जिगर मुरादाबादी के पिता अली नजर खुद कवि थे और ख्वाजा वज़ीर लखनवी के शिष्य, जबकि दादा फकीर मुहम्मद ‘गोया’ का भी अदब से नाता था।

महफिल में ‘वाह-वाह’ चाहिए जिगर के शेर काफी हैं
महफिल में ‘वाह-वाह’ चाहिए? जिगर के शेर काफी हैं
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar13 Dec 2025 04:27 PM
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Jigar Moradabadi : उत्तर प्रदेश की अदबी फिजा में जिस शायर की आवाज आज भी सबसे सुरीली गूंज की तरह सुनाई देती है, वह हैं जिगर मुरादाबादी (1890–1960) जिनका असली नाम शेख अली सिकंदर था। 6 अप्रैल 1890 को मुरादाबाद के उस परिवार में जन्मे, जहां शायरी रिवायत नहीं बल्कि विरासत थी। पिता अली नजर खुद कवि थे और ख्वाजा वज़ीर लखनवी के शिष्य, जबकि दादा फकीर मुहम्मद ‘गोया’ का भी अदब से नाता था। औपचारिक उच्च शिक्षा भले ही पूरी न हो सकी, पर फ़ारसी और अंग्रेजी की बुनियाद ने उनके लफ्जों को धार दी। शुरुआती दिनों में उन्होंने चश्मा बेचने तक का काम किया, लेकिन दिल का रास्ता उन्हें आखिरकार शायरी तक ही ले आया जहां पिता की शुरुआती तालीम और फिर दाग देहलवी व असगर गोंडावी जैसे उस्तादों की सलाह ने उनके फन को निखार दिया। “जिगर” (यानी जिगर/दिल की गहराई) का तखल्लुस अपनाकर और जन्मभूमि के सम्मान में “मुरादाबादी” जोड़कर वे उर्दू गजल के उस दौर के बड़े नाम बने, जब मुशायरों की महफिलें उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान थीं। 

जिगर मुरादाबादी की आवाज

1 - हम को मिटा सके ये जमाने में दम नहीं

हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं



2 - दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं

कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं



3 - इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है

सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है



महफिलों पर भारी है जिगर मुरादाबादी की शायरी 

4 - क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है

हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है



5 - आदमी आदमी से मिलता है

दिल मगर कम किसी से मिलता है Jigar Moradabadi


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उत्तर प्रदेश में अन्नपूर्णा स्टोर से मिलेगा राशन

उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में मनरेगा के तहत अन्नपूर्णा स्टोर बनाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता का दावा है कि प्रदेश के सभी जिलों में अन्नपूर्णा स्टोर स्थापित किए जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में राशन वितरण का बड़ा बदलाव
उत्तर प्रदेश में राशन वितरण का बड़ा बदलाव
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar13 Dec 2025 03:52 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में राशन वितरण व्यवस्था को अधिक सुचारू बना रही है। उत्तर प्रदेश के प्रत्येक गाँव, नगर तथा कस्बे में अन्नपूर्णा स्टोर खोलकर सरकारी राशन बांटने की योजना को तेजी के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। राशन के कोटेदार की दुकान को खोजने के लिए उत्तर प्रदेश के किसी भी नागरिक को भटकना नहीं पड़ेगा। हर गाँव में एक-एक अन्नपूर्णा स्टोर खोलकर वहीं के सरकारी राशन को बांटने का काम तेज किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही कर चुकी है घोषणा

उत्तर प्रदेश सरकार ने जून-2025 में राशन वितरण की नई व्यवस्था बनाने की घोषणा की थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव मंत्रिमंडल से भी पास कर दिया था। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश की प्रत्येक गाँव पंचायत में अन्नपूर्णा स्टोर खोलकर राशन वितरण करने की व्यवस्था तय की गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के प्रत्येक जिले में अन्नपूर्णा स्टोर खोलने की योजना को तेजी के साथ आगे बढ़ा रही है। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में मनरेगा के तहत अन्नपूर्णा स्टोर बनाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता का दावा है कि प्रदेश के सभी जिलों में अन्नपूर्णा स्टोर स्थापित किए जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले से समझ सकते हैं योजना को

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा शुरू की गई अन्नपूर्णा स्टोर योजना को किसी भी जिले के उदाहरण से समझा जा सकता है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले का उदाहरण लें तो प्रदेश के अन्य जिलों की तरह से ही बाराबंकी जिले में भी अन्नपूर्णा स्टोर खोलने के लिए बजट आवंटित कर दिया गया है। बताया गया है कि पूर्ति विभाग की योजना से 50 स्टोर का निर्माण करवाया जाना है। मेरा गांव मेरा मनरेगा के तहत हर विकास खंड के पांच ग्राम पंचायतों में अन्नपूर्णा स्टोर का निर्माण हो रहा है। यह स्टोर कोटेदारों को आवंटित कर दिए जाएंगे। एक स्टोर की निर्माण लागत लगभग साढ़े आठ लाख 46 हजार रुपये है।वर्ष 2023 में 75 स्टोर जिले में बनवाए गए थे। 2024 में 42 पूर्ण हो चुके हैं। 2025 में मनरेगा से 75 स्टोरों का निर्माण प्रस्तावित था, लेकिन बजट न आने से स्टोर के निर्माण नहीं हो सके। अब पूर्ति विभाग से भी 50 अन्नपूर्णा स्टोर बनाए जाएंगे। सभी की जमीन चिह्नित कर ली गई है। 

उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड धारकों के लिए नई व्यवस्था

उत्तर प्रदेश में अन्नपूर्णा स्टोर खोलने के साथ हही राशन कार्ड धारकों के लिए नई व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड धारकों को अब नाम बढ़ाने, नाम हटाने, कार्ड का हस्तांतरण, विभाजन, मृतक का नाम हटाने और समर्पण सहित अन्य कार्यों के लिए विभागीय कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। अब आवेदक अपने राशन कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर पर लॉगिन कर आधार आधारित वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) वेरीफिकेशन के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इस संबंध में आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग अनामिका सिंह ने जिला पूर्ति अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। नई व्यवस्था के तहत ऑनलाइन किया गया आवेदन स्वत: संबंधित अधिकारी के लॉगिन पर पहुंच जाएगा। अधिकारियों को 15 दिन के भीतर आवेदन का निस्तारण करना अनिवार्य होगा। समय सीमा पार होने पर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई का प्रावधान है। पहले राशन कार्ड से संबंधित कार्यों के लिए जिला पूर्ति कार्यालयों एवं क्षेत्रीय आपूर्ति कार्यालयों पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे।नाम जोडऩे-हटाने, हस्तांतरण, मृतक का नाम कटवाने जैसे कार्यों में देरी के चलते गरीब और जरूरतमंदों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी और समय व धन दोनों की बर्बादी होती थी। नई व्यवस्था लागू होने के बाद लोगों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। वर्तमान प्रणाली में नाम जोडऩे, हटाने, कार्ड हस्तांतरण आदि के लिए लोगों को सहज जन सेवा केंद्र पर ऑनलाइन आवेदन कराना होता है। आवेदन के साथ मिले दस्तावेज ग्रामीण आवेदकों को खंड विकास कार्यालय तथा नगरीय आवेदकों को नगरपालिका कार्यालय में जमा करने पड़ते हैं।इसके बाद ही अभिलेख जिला पूर्ति कार्यालय पहुंचते हैं, जिससे काफी विलंब और असुविधाएं होती हैं। नई व्यवस्था इन सभी चरणों को सरल कर देगी। UP News

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उत्तर प्रदेश में भूमि विवाद में भाजपा नेता की हत्या, गांव में आक्रोश

विश्वकर्मा राम की सगाई महज एक माह पहले ही हुई थी और परिवार में खुशी का माहौल था। वह अपनी मां बिंदु देवी जो गांव की प्रधान हैं, के प्रशासनिक कार्यों में सहयोग करते थे। बताया गया कि बीते कई महीनों से गांव के ही कुछ लोगों से उनकी भूमि को लेकर विवाद चल रहा था, जो अंतत: उनकी हत्या का कारण बना।

bjp neta hatya
ग्रामीण प्रदर्शन करते हुए
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar13 Dec 2025 03:43 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में जमानिया कोतवाली क्षेत्र के टिसौरा गांव में भूमि विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। भाजपा अनुसूचित मोर्चा के जमानिया मंडल अध्यक्ष और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विश्वकर्मा राम (26) की बेरहमी से पीटकर हत्या कर दी गई। घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है, वहीं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। विश्वकर्मा राम की सगाई महज एक माह पहले ही हुई थी और परिवार में खुशी का माहौल था। वह अपनी मां बिंदु देवी जो गांव की प्रधान हैं, के प्रशासनिक कार्यों में सहयोग करते थे। बताया गया कि बीते कई महीनों से गांव के ही कुछ लोगों से उनकी भूमि को लेकर विवाद चल रहा था, जो अंतत: उनकी हत्या का कारण बना।

पहले भी हो चुका था हमला, मिल रही थीं धमकियां

मृतक की मां बिंदु देवी के अनुसार, उन्होंने 9 जनवरी को जमीन खरीदी थी। जब उस पर कब्जा लेने और चहारदीवारी का निर्माण शुरू कराया गया, तो कुछ लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। 8 मई को जब भूमि पर मिट्टी डलवाई जा रही थी, तब आरोपियों ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए मारपीट की थी। उस हमले में विश्वकर्मा राम गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराना पड़ा था। इस मामले में अदालत के आदेश पर प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी, लेकिन आरोपियों द्वारा लगातार समझौते और जमीन छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था। परिवार का आरोप है कि हत्या से पहले भी विश्वकर्मा राम को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं।

बुआ के घर से लौटते समय हुई हत्या

11 दिसंबर की रात विश्वकर्मा राम अपने परिवार के साथ शाहपुर गांव स्थित बुआ के घर एक निमंत्रण में गए थे। रात करीब 10 बजे वह अपनी बुलेट मोटरसाइकिल से अकेले घर लौट रहे थे। रास्ते में फुल्ली और दौदही नौली रजबाहा के बीच पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने उन्हें रोककर बेरहमी से पीटा, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। अगली सुबह ग्रामीणों ने सड़क किनारे उनका शव औंधे मुंह पड़ा देखा, पास में उनकी मोटरसाइकिल भी गिरी हुई थी। सूचना मिलते ही पुलिस और परिजन मौके पर पहुंचे।

परिवार में कोहराम, गांव में तनाव

विश्वकर्मा राम दो भाइयों में बड़े थे। छोटे भाई कालीचरण और दो बहनें भाई के शव को देखकर बेसुध हो गईं। मां बिंदु देवी बार-बार बेहोश हो रही थीं। गांव की महिलाएं उन्हें संभालने और ढांढस बंधाने में लगी रहीं। घटना के बाद पूरे टिसौरा गांव में गम और गुस्से का माहौल है। दिलदारनगर के प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र सिंह ने बताया कि मृतक की मां की तहरीर पर गांव के ही पांच नामजद आरोपियों सहित अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने तीन से चार संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर कानून के हवाले किया जाएगा।

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