उत्तर प्रदेश में थाना प्रभारी ने खुद को मारी गोली, कारण बनी महिला सिपाही
शुरुआती जांच में पता चला है कि घटना के समय एक महिला सिपाही उनके पास मौजूद थी, और इसके बाद वह थाने से तेजी से निकलती हुई सीसीटीवी कैमरों में दिखाई दी। यही वीडियो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।

UP News : उत्तर प्रदेश के उरई में एक दुखद घटना सामने आई है, जहाँ कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार रॉय ने शुक्रवार देर रात अपनी ही सर्विस पिस्टल से गोली चलाकर जान दे दी। शुरुआती जांच में पता चला है कि घटना के समय एक महिला सिपाही उनके पास मौजूद थी, और इसके बाद वह थाने से तेजी से निकलती हुई सीसीटीवी कैमरों में दिखाई दी। यही वीडियो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
पूरा मामला फिलहाल जांच के दायरे में
एसपी डॉक्टर दुर्गेश कुमार ने बताया कि पूरा मामला फिलहाल जांच के दायरे में है। महिला सिपाही की पोस्टिंग, उसकी भूमिका और घटना के समय वह वहाँ क्यों थी, इन सभी पहलुओं की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। अरुण रॉय की पुलिस सेवा का लंबा अनुभव रहा है। वे वर्ष 1998 में सिपाही के रूप में भर्ती हुए थे। सेवा के दौरान उत्कृष्ट कार्य के चलते वर्ष 2013 में उपनिरीक्षक और 2022 में इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नत हुए। इंस्पेक्टर बनने के बाद उनकी पहली नियुक्ति महाराजगंज थाने में हुई थी।
निरीक्षण से लौटे और खुद को मार ली गोली
शुक्रवार शाम रॉय क्षेत्रीय निरीक्षण से लौटे थे। इसके थोड़ी देर बाद थाना परिसर में गोली की आवाज सुनकर पुलिसकर्मी मौके पर पहुँचे, जहाँ वे गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिले। उन्हें तत्काल मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया
घटना के बाद से ही महिला सिपाही का नाम चर्चा में है। कहा जा रहा है कि वह घटना के समय मौजूद थी और गोली चलने के तुरंत बाद उसने अन्य पुलिसकर्मियों को सूचना दी, लेकिन उसके बाद वह थाने से बाहर निकल गई। कुछ स्रोतों का दावा है कि पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, मगर आधिकारिक स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है। एसपी का कहना है कि यदि परिजन तहरीर देते हैं, तो मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
UP News : उत्तर प्रदेश के उरई में एक दुखद घटना सामने आई है, जहाँ कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार रॉय ने शुक्रवार देर रात अपनी ही सर्विस पिस्टल से गोली चलाकर जान दे दी। शुरुआती जांच में पता चला है कि घटना के समय एक महिला सिपाही उनके पास मौजूद थी, और इसके बाद वह थाने से तेजी से निकलती हुई सीसीटीवी कैमरों में दिखाई दी। यही वीडियो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
पूरा मामला फिलहाल जांच के दायरे में
एसपी डॉक्टर दुर्गेश कुमार ने बताया कि पूरा मामला फिलहाल जांच के दायरे में है। महिला सिपाही की पोस्टिंग, उसकी भूमिका और घटना के समय वह वहाँ क्यों थी, इन सभी पहलुओं की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। अरुण रॉय की पुलिस सेवा का लंबा अनुभव रहा है। वे वर्ष 1998 में सिपाही के रूप में भर्ती हुए थे। सेवा के दौरान उत्कृष्ट कार्य के चलते वर्ष 2013 में उपनिरीक्षक और 2022 में इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नत हुए। इंस्पेक्टर बनने के बाद उनकी पहली नियुक्ति महाराजगंज थाने में हुई थी।
निरीक्षण से लौटे और खुद को मार ली गोली
शुक्रवार शाम रॉय क्षेत्रीय निरीक्षण से लौटे थे। इसके थोड़ी देर बाद थाना परिसर में गोली की आवाज सुनकर पुलिसकर्मी मौके पर पहुँचे, जहाँ वे गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिले। उन्हें तत्काल मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया
घटना के बाद से ही महिला सिपाही का नाम चर्चा में है। कहा जा रहा है कि वह घटना के समय मौजूद थी और गोली चलने के तुरंत बाद उसने अन्य पुलिसकर्मियों को सूचना दी, लेकिन उसके बाद वह थाने से बाहर निकल गई। कुछ स्रोतों का दावा है कि पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, मगर आधिकारिक स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है। एसपी का कहना है कि यदि परिजन तहरीर देते हैं, तो मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।












