चुनाव आयोग की बढ़ी समयसीमा के बीच भाजपा ने तेज किया एसआईआर अभियान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए सभी विधायकों के साथ वर्चुअल बैठक की और स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी लोग बाकी काम छोड़कर सिर्फ़ एसआईआर पर ध्यान दें।

Chief Minister Yogi Adityanath
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar05 Dec 2025 07:25 PM
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उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भाजपा ने बड़ा फैसला लिया है। पार्टी ने आगामी एक सप्ताह तक अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और पूरा फोकस केवल एसआईआर कार्यों पर केंद्रित कर दिया है। राजधानी लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ और गाजियाबाद समेत प्रदेश के अधिकांश महानगरों में एसआईआर की धीमी गति से पार्टी और संगठन दोनों ही चिंतित हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री आवास पर हुई संघ-भाजपा की समन्वय बैठक में भी यही मुद्दा प्रमुख रहा। —UP News

सीएम योगी ने संभाला कमान, विधायकों की वर्चुअल बैठक

बता दें कि महानगरों में अपेक्षित प्रगति न मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं कमान संभालते हुए बुधवार देर शाम सभी भाजपा विधायकों के साथ वर्चुअल बैठक की और इस बैठक में उन्होंने साफ निर्देश दिया कि फिलहाल बाकी सभी कार्यक्रम स्थगित कर केवल एसआईआर के काम में जुटें। सीएम ने कहा कि अगले दो से तीन दिनों में सकारात्मक नतीजे दिखने चाहिए। किसी भी पात्र मतदाता का नाम छूटने न पाए और नए मतदाता बनने से कोई भी वंचित न रहे। साथ ही, उन्होंने दोहरे वोट, गलत पते के मतदाता या अवैध रूप से सूची में शामिल किसी भी नाम को हटाने पर सख्त जोर दिया।

महानगरों में पिछड़ रही रफ्तार

बता दें कि प्रदेश के जिलों में जहां एसआईआर का काम अच्छी गति से आगे बढ़ रहा है, वहीं महानगरों की स्थिति संतोषजनक नहीं है। कई जगह अब तक केवल 55 से 70 प्रतिशत तक ही गणना प्रपत्र जमा हो पाए हैं। जबकि चुनाव आयोग ने समयसीमा बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी है। आयोग के आंकड़ों में प्रदेश की जो बढ़त दिखाई देती है, वह मुख्य रूप से जिलों की वजह से है, महानगर अभी भी पीछे हैं।

संघ-भाजपा बैठक में भी उठी चिंता

बता दें कि सोमवार को हुए उच्चस्तरीय समन्वय बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बी.एल. संतोष और संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार की मौजूदगी में महानगरों की सुस्त प्रगति पर चिंता जताई गई। इसके बाद प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की और 30 वरिष्ठ नेताओं को जिलों व कमिश्नरी स्तर पर एसआईआर की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी। इन नेताओं को निर्देश दिया गया कि वे केवल कार्य पर ध्यान दें, दिखावे या प्रचार से दूर रहें।

प्रदेशभर में नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी

भाजपा नेता अब अपने-अपने क्षेत्रों में एसआईआर अभियान को तेज करने में जुट गए हैं।

  • धर्मपाल सिंह ने वाराणसी में बैठक की।
  • प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने अमेठी व रायबरेली में प्रगति की समीक्षा की।
  • उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मथुरा में मोर्चा संभाला।

लक्ष्य—सटीक और शुद्ध मतदाता सूची

बता दें कि भाजपा का स्पष्ट लक्ष्य है कि मतदाता सूची पूरी तरह शुद्ध और त्रुटिरहित हो। पार्टी का मानना है कि सही वोटर लिस्ट न सिर्फ संगठनात्मक मजबूती बल्कि आगामी चुनावी रणनीति के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। —UP News

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उत्तर प्रदेश को हर हाल में बनाया जाएगा गरीब मुक्त प्रदेश

उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि पूरे प्रदेश में एक भी नागरिक गरीबी की रेखा के नीचे नहीं रहेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत के सबसे बड़े प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बनाकर पूरी दुनिया के सामने एक बड़ा उदाहरण पेश किया जाएगा।

गरीब मुक्त उत्तर प्रदेश के विजन पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
गरीब मुक्त उत्तर प्रदेश के विजन पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar05 Dec 2025 04:11 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर दोहराया है कि उत्तर प्रदेश को हर हाल हमें गरीब मुक्त प्रदेश बनाया जाएगा। एक निजी टीवी चैनल के साथ वार्ता करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बात कही है। उन्होंने टीवी चैनल को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बनाने की योजना पर तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने यह भी बताया कि 15 अगस्त 2025 को उन्होंने खुद ही उत्तर प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बनाने की योजना की घोषणा की थी।

स्वतंतत्रता दिवस के मौके पर की गई थी उत्तर प्रदेश को गरीब मुक्त बनाने की घोषणा

आपको बता दें कि 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बनाने की घोषणा की गई थी। यह घोषणा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि पूरे प्रदेश में एक भी नागरिक गरीबी की रेखा के नीचे नहीं रहेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत के सबसे बड़े प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बनाकर पूरी दुनिया के सामने एक बड़ा उदाहरण पेश किया जाएगा।

क्या है उत्तर प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बनाने की पूरी योजना?

उत्तर प्रदेश को गरीब मुक्त बनाने की योजना के तहत प्रदेश के प्रत्येक परिवार की परिवार आईडी बनाकर सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ प्रत्येक परिवार तक पहुंचाया जाएगा। परिवार आईडी बन जाने के बाद यह पता लग जाएगा कि कौन-कौन से परिवार गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के सदस्यों को रोजगार तथा दूसरे संसाधन उपलब्ध कराकर एक-एक परिवार को गरीबी की रेखा से ऊपर उठाया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार के सभी सरकारी विभाग इस योजना पर तेजी के साथ काम कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गरीब मुक्त प्रदेश बनाने की योजना उत्तर प्रदेश सरकार की सर्वश्रेष्ठ योजना है। जब यह योजना उत्तर प्रदेश में सफल हो जाएगी तो धीरे-धीरे पूरे देश में लागू होगी। गरीब मुक्त योजना पूरे देश में लागू होने से एक दिन पूरा भारत देश गरीब मुक्त प्रदेश बन जाएगा।

जन कल्याण की योजनाओं से बनेगा गरीब मुक्त उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पूरा भरोसा है कि उनकी जन कल्याण की योजनाएं असर दिखा रही हैं। इन्हीं जन कल्याण की योजनाओं को पूरा करके उत्तर प्रदेश को गरीब मुक्त प्रदेश बनाया जाएगा। गरीब मुक्त प्रदेश बनने का अर्थ यह होगा कि उत्तर प्रदेश में एक भी व्यक्ति गरीबी की रेखा के नीचे नहीं रहेगा। उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना पूरी हो गयी तो भारत में उत्तर प्रदेश नम्बर-1 राज्य बन जाएगा। इतना ही नहीं प्रदेश के गरीब मुक्त हो जाने पर पूरी दुनिया में उत्तर प्रदेश प्रसिद्ध हो जाएगा। यह देखना बेहद महत्वपूर्ण होगा कि उत्तर प्रदेश सरकार का यह बड़ाा फैसला कब तक साकार रूप में उत्तर प्रदेश के ष्टरू योगी के सपने को पूरा करेगा। UP News

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बड़ी खबर: दो पासपोर्ट मामले में अब्दुल्ला आजम को 7 साल की जेल

यूपी के रामपुर स्थित अदालत ने दो पासपोर्ट और दो जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े मामले में अब्दुल्ला आजम को 7 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया। यह फैसला उत्तर प्रदेश की सियासत में विवादित पहचान बना चुके इस पिता–पुत्र की मुश्किलों को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के रामपुर से बड़ी खबर, कागजी  हेरफेर के आरोपों के बीच अब्दुल्ला आजम को 7 साल कैद
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locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar05 Dec 2025 02:44 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबे समय से चर्चा में चल रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को रामपुर की एमपी–एमएलए स्पेशल कोर्ट ने बड़ी सजा सुनाई है। यूपी के रामपुर स्थित अदालत ने दो पासपोर्ट और दो जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े मामले में अब्दुल्ला आजम को 7 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया। यह फैसला उत्तर प्रदेश की सियासत में विवादित पहचान बना चुके इस पिता–पुत्र की मुश्किलों को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है।

यूपी की जेल में बंद बाप–बेटे की तीसरी सजा

उत्तर प्रदेश के रामपुर जेल में बंद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को इससे पहले भी जन्म प्रमाण पत्र और दो पैन कार्ड वाले प्रकरण में 7–7 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। ताजा केस में आई सजा के साथ अब्दुल्ला आजम के खिलाफ यह तीसरी बड़ी सजा है। यूपी की कानून व्यवस्था और सियासी गलियारों में इसे सख्त संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है कि संवैधानिक पदों पर बैठे या बैठ चुके लोगों को भी कानून से बाहर नहीं माना जाएगा।

यूपी में सुर्खियों में रहा दो पासपोर्ट और दो जन्मतिथि का मामला

यह मुकदमा लंबे समय से उत्तर प्रदेश के रामपुर और लखनऊ तक की राजनीतिक चर्चाओं में बना हुआ था। आरोप था कि अब्दुल्ला आजम ने दो अलग–अलग जन्मतिथियों के आधार पर दो पासपोर्ट बनवाए और उनका उपयोग भी किया। जांच के दौरान सामने आया कि एक पासपोर्ट में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज थी दूसरे पासपोर्ट में 30 सितंबर 1990 जन्मतिथि लिखी गई थी इसी विरोधाभास को आधार बनाकर धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज और गलत जानकारी देने की धाराओं में केस दर्ज हुआ, जिसकी सुनवाई यूपी की एमपी–एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही थी।

बीजेपी विधायक ने कराया था केस दर्ज

उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी दल भाजपा के विधायक आकाश सक्सेना ने इस मामले में पहल करते हुए रामपुर के सिविल लाइंस कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला आजम ने ‘कूटरचित और असत्य दस्तावेज’ तैयार कराए, इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट हासिल किया और फिर उसका इस्तेमाल भी किया पुलिस जांच पूरी होने के बाद चार्जशीट में केवल अब्दुल्ला आजम को ही नामजद किया गया।

कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी

दूसरा पासपोर्ट संख्या Z 4307442 अब्दुल्ला आजम को 10 जनवरी 2018 को जारी किया गया था। जांच में जानकारी गलत पाए जाने के बाद यह पासपोर्ट जब्त कर लिया गया।

यह पूरा मामला यूपी की एमपी–एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में विचाराधीन था। गवाहों के बयान और बहस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

फैसले वाले दिन अब्दुल्ला आजम को उत्तर प्रदेश की रामपुर जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया और वहीं से उन्हें 7 साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।

बचाव पक्ष की प्रतिक्रिया

फैसला आने के बाद रामपुर जेल पहुंचे उनके वकील नासिर सुल्तान ने बताया कि वे आजम खां से मुलाकात करने पहुंचे थे, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण मुलाकात नहीं हो पाई।

फैसले पर सवाल किए जाने पर वकील ने कहा कि “कोर्ट जो भी निर्णय देगा, हम उसका सम्मान करते हैं”। हालांकि कानूनी जानकारों का मानना है कि बचाव पक्ष ऊपरी अदालत में अपील करने का विकल्प इस्तेमाल कर सकता है। UP News

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