पूर्वोत्तर भारत में आतंकी नेटवर्क पर करारा प्रहार, 11 संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई सोमवार देर रात शुरू की गई। असम के बारपेटा, चिरांग, बक्सा और दरांग जिलों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य त्रिपुरा में भी एक साथ तलाशी अभियान चलाया गया। यह आॅपरेशन खुफिया इनपुट के आधार पर किया गया था, जिसमें संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी।

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गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar30 Dec 2025 07:04 PM
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Terrorist Network : पूर्वोत्तर भारत को अस्थिर करने की साजिश रच रहे एक कट्टरपंथी नेटवर्क का सुरक्षा एजेंसियों ने पदार्फाश किया है। असम और त्रिपुरा में की गई समन्वित कार्रवाई के दौरान 11 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके तार बांग्लादेश स्थित कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े होने की पुष्टि हुई है।

एक साथ कई जिलों में छापेमारी

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई सोमवार देर रात शुरू की गई। असम के बारपेटा, चिरांग, बक्सा और दरांग जिलों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य त्रिपुरा में भी एक साथ तलाशी अभियान चलाया गया। यह आॅपरेशन खुफिया इनपुट के आधार पर किया गया था, जिसमें संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी। छापेमारी के दौरान आरोपियों के पास से आपत्तिजनक दस्तावेज, मोबाइल फोन और डिजिटल डेटा बरामद किया गया है। हालांकि, अब तक किसी प्रकार के हथियार या विस्फोटक मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। जब्त सामग्री की फॉरेंसिक जांच की जा रही है।

सीमा पार से साजिश की आशंका

जांच एजेंसियों का मानना है कि बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव के बाद कुछ कट्टरपंथी संगठन दोबारा सक्रिय हुए हैं और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों की भूमिका इस नेटवर्क में क्या थी, इसकी गहन जांच की जा रही है। असम में लंबे समय से जिहादी गतिविधियों पर खुफिया नजर रखी जा रही थी। इसी निगरानी के चलते समय रहते इस साजिश को विफल किया जा सका। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। सभी आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि नेटवर्क कितना बड़ा है। फंडिंग कहां से हो रही थी, और किन-किन लोगों को आगे टारगेट किया जाना था।

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उत्तर प्रदेश में मदरसा घोटाला : एसआईटी जांच ने खोली पोल, 42 मदरसा प्रबंधक फंसे

विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच में मिजार्पुर में 89 मदरसों की मंजूरी में गंभीर गड़बड़ियां मिली हैं। इन्हें पहले फर्जी ढंग से मान्यता दी गई। बाद में मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत यहां तैनात शिक्षकों को बिना सत्यापन के अवैध रूप से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया।

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यूपी मदरसा घोटाला
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar30 Dec 2025 05:37 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के मिजार्पुर में मदरसों की मंजूरी और सरकारी धन के दुरुपयोग से जुड़ा घोटाला सामने आया है। विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच में मिजार्पुर में 89 मदरसों की मंजूरी में गंभीर गड़बड़ियां मिली हैं। इन्हें पहले फर्जी ढंग से मान्यता दी गई। बाद में मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत यहां तैनात शिक्षकों को बिना सत्यापन के अवैध रूप से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया। एसआईटी की जांच रिपोर्ट में 42 मदरसा प्रशासकों के साथ-साथ मिजार्पुर में तैनात रहे तीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और कर्मचारी दोषी पाए गए हैं।

42 मदरसा प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज 

रिपोर्ट में मिजार्पुर के दो तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, दो क्लर्क, एक कंप्यूटर आॅपरेटर और 42 मदरसा प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा एक अन्य तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पर 2017 में बिना सत्यापन के डिजिटल हस्ताक्षरों के माध्यम से मदरसों को लॉक करने और लगभग 1 करोड़ 94 लाख रुपये का भुगतान करने का आरोप है। उनके खिलाफ विभागीय जांच की संस्तुति की गई है। वर्ष 2020 में निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण की सिफारिश पर मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी। अल्पसंख्यक कल्याण की प्रमुख सचिव संयुक्ता समद्दार ने बताया कि एसआईटी की रिपोर्ट मिली है। इसका परीक्षण कराया जा रहा है।

मिजार्पुर में एसआईटी की जांच में खुलासा

जांच में यह भी पता चला कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने मदरसों के प्रशासकों के साथ मिलीभगत करके सरकारी आदेशों और उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम-2004 का उल्लंघन किया। अधिनियम के अनुसार कोई भी गैर मुस्लिम द्वारा स्थापित या संचालित मदरसे विधि मान्य नहीं होंगे, लेकिन एक मदरसे के संचालक को मुस्लिम न होने पर भी योजना का लाभ दिया गया। मानकों को ताक पर रखकर मदरसों को अस्थायी मंजूरी दी गई। इन मदरसों के रिकॉर्ड की उचित जांच किए बिना ही शिक्षकों के वेतन के लिए बजट मांगा गया और कुछ ऐसे मदरसों को भी भुगतान कर दिया गया, जिनके लिए बजट स्वीकृत नहीं किया गया था।

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योगी ने कहा- यूपी के हर मंडल में बनेगा स्पोर्ट्स कॉलेज, गांव में खेल मैदान

राज्य के हर मंडल मुख्यालय पर स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही हर गांव में खेल मैदान, ब्लॉक स्तर पर मिनी स्टेडियम और जिला स्तर पर बड़े स्टेडियम बनाए जाएंगे।

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locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar30 Dec 2025 03:57 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए बड़े स्तर पर खेल अधोसंरचना विकसित करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के हर मंडल मुख्यालय पर स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही हर गांव में खेल मैदान, ब्लॉक स्तर पर मिनी स्टेडियम और जिला स्तर पर बड़े स्टेडियम बनाए जाएंगे। गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित विधायक खेल स्पर्धा 2025 के पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य युवाओं को बेहतर खेल सुविधाएं देकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है।

गोरखपुर में इंटरनेशनल स्टेडियम की योजना

मुख्यमंत्री ने बताया कि गोरखपुर के बेलीपार क्षेत्र में एक इंटरनेशनल स्टेडियम प्रस्तावित है। इसके अलावा 63 करोड़ रुपये की लागत से रीजनल स्टेडियम का नवीनीकरण किया जा रहा है। वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में आधुनिक स्टेडियम का निर्माण हो रहा है। 

उन्होंने मेरठ में स्थापित मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त बताते हुए कहा कि अब खेल शिक्षा, प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय तैयारी एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जा रही है।

सभी आयु वर्ग के लिए खेल प्रतियोगिताएं

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि आगे से कामकाजी और सेवानिवृत्त लोगों के लिए भी खेल प्रतियोगिताएं होंगी। छात्रों के लिए बालक-बालिका वर्ग में बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा स्तर पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा, खेलेगा युवा तो खिलेगा देश। स्वस्थ शरीर से ही विकसित भारत का निर्माण संभव है।

विधायक खेल स्पर्धा 2025

इस आयोजन में एथलेटिक्स, कबड्डी, वॉलीबॉल, जूडो और कुश्ती सहित कई खेल शामिल थे, जिनमें लगभग 1000 खिलाड़ी प्रत्यक्ष रूप से और 10,000 से अधिक लोग अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री ने कबड्डी और कुश्ती के फाइनल मुकाबले देखे और विजेताओं को पदक, ट्रॉफी और उपहार देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मंच पर मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद, खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव और सांसद रवि किशन शुक्ला उपस्थित रहे, जिन्होंने प्रदेश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रहे बदलावों की सराहना की।

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