उत्तर प्रदेश के सात लाख बच्चे पढ़ेंगे फ्री में
अगले शिक्षण सत्र के तहत गरीब वर्ग के बच्चों को फ्री में पढ़ाने के लिए जल्दी ही आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएंगे। इस काम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार RTE पोर्टल को मजबूत करने का काम कर रही है।

UP News : उत्तर प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत बड़ा बदलाव होने वाला है। अगले शिक्षा सत्र में उत्तर प्रदेश के सात लाख बच्चों को RTE के तहत फ्री में पढ़ाने की योजना है। उत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ाने की व्यवस्था शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत की जाती है। उत्तर प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों को 25 प्रतिशत बच्चे RTE के तहत पढ़ाने अनिवार्य हैं।
उत्तर प्रदेश में RTE के तहत बढ़ेंगी 50 हजार सीटें
आपको बता दें कि वर्तमान शिक्षा सत्र में उत्तर प्रदेश में RTE के तहत 6 लाख 20 हजार बच्चों को फ्री में पढ़ाया जा रहा है। अगले शिक्षा सत्र में RTE के तहत 50 हजार सीट बढ़ाने की योजना पर काम चल रहा है। इस प्रकार अगले शिक्षा सत्र में उत्तर प्रदेश में RTE के तहत लगभग सात लाख बच्चों को फ्री में पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। अगले शिक्षण सत्र के तहत गरीब वर्ग के बच्चों को फ्री में पढ़ाने के लिए जल्दी ही आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएंगे। इस काम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार RTE पोर्टल को मजबूत करने का काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बढ़ा दिया है RTE का दायरा
आपको बता दें कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी RTE के तहत गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिया जाता है। RTE के तहत 25 फीसदी सीटों पर मुफ्त शिक्षा दी जा रही है। इस साल सरकार ने इस योजना का दायरा और बढ़ा दिया है. उत्तर प्रदेश में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में जल्द ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इससे पहले RTE पोर्टल को भी अपडेट किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के 67 हजार निजी स्कूलों की मैपिंग भी कराई गई है। गौरतलब है कि पिछले साल यह संख्या 62 हजार थी। इसी वजह से इस बार करीब 50 हजार सीटें बढ़ाई जा रही हैं। गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर मुफ्त दाखिला मिलेगा। इसके लिए जल्द ही ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस बार प्रवेश के लिए बच्चे और अभिभावक दोनों का आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है। आधार से सत्यापन के बाद ही दाखिला दिया जाएगा। ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके। पात्र बच्चों को ही दाखिला मिल सके। इस बार उत्तर प्रदेश में RTE की प्रवेश प्रक्रिया को छह चरणों में पूरा किया जाएगा। अगर किसी वार्ड में सीट खाली नहीं होती है, तो पास के वार्ड में भी बच्चे को दाखिला दिया जाएगा। सरकार ने सभी जिलों के खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने ब्लॉक के सभी निजी स्कूलों को सूचीबद्ध करें।अगर कोई निजी स्कूल आरटीई के तहत दाखिले से मना करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्या है RTE की व्यवस्था ?
दरअसल, गरीब बच्चों को फ्री और अनिवार्य शिक्षा के लिए राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 (RTE) लाया गया था। इस योजना के तहत 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा की गारंटी दी जाती है. 4 अगस्त 2009 को संसद में RTE एक्ट को लाया गया था और एक अप्रैल 2010 को लागू कर दिया गया था। इसके तहत 14 साल तक के बच्चों को अपने आसपास के किसी भी निजी स्कूल में दाखिला लेने का अधिकार है। भारत सरकार द्वारा संसद में बनाए गए RTE एक्ट के तहत उत्तर प्रदेश में लाखों बच्चों को फ्री में पढ़ाया जा रहा है। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत बड़ा बदलाव होने वाला है। अगले शिक्षा सत्र में उत्तर प्रदेश के सात लाख बच्चों को RTE के तहत फ्री में पढ़ाने की योजना है। उत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ाने की व्यवस्था शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत की जाती है। उत्तर प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों को 25 प्रतिशत बच्चे RTE के तहत पढ़ाने अनिवार्य हैं।
उत्तर प्रदेश में RTE के तहत बढ़ेंगी 50 हजार सीटें
आपको बता दें कि वर्तमान शिक्षा सत्र में उत्तर प्रदेश में RTE के तहत 6 लाख 20 हजार बच्चों को फ्री में पढ़ाया जा रहा है। अगले शिक्षा सत्र में RTE के तहत 50 हजार सीट बढ़ाने की योजना पर काम चल रहा है। इस प्रकार अगले शिक्षा सत्र में उत्तर प्रदेश में RTE के तहत लगभग सात लाख बच्चों को फ्री में पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। अगले शिक्षण सत्र के तहत गरीब वर्ग के बच्चों को फ्री में पढ़ाने के लिए जल्दी ही आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएंगे। इस काम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार RTE पोर्टल को मजबूत करने का काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बढ़ा दिया है RTE का दायरा
आपको बता दें कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी RTE के तहत गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिया जाता है। RTE के तहत 25 फीसदी सीटों पर मुफ्त शिक्षा दी जा रही है। इस साल सरकार ने इस योजना का दायरा और बढ़ा दिया है. उत्तर प्रदेश में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में जल्द ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इससे पहले RTE पोर्टल को भी अपडेट किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के 67 हजार निजी स्कूलों की मैपिंग भी कराई गई है। गौरतलब है कि पिछले साल यह संख्या 62 हजार थी। इसी वजह से इस बार करीब 50 हजार सीटें बढ़ाई जा रही हैं। गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर मुफ्त दाखिला मिलेगा। इसके लिए जल्द ही ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस बार प्रवेश के लिए बच्चे और अभिभावक दोनों का आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है। आधार से सत्यापन के बाद ही दाखिला दिया जाएगा। ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके। पात्र बच्चों को ही दाखिला मिल सके। इस बार उत्तर प्रदेश में RTE की प्रवेश प्रक्रिया को छह चरणों में पूरा किया जाएगा। अगर किसी वार्ड में सीट खाली नहीं होती है, तो पास के वार्ड में भी बच्चे को दाखिला दिया जाएगा। सरकार ने सभी जिलों के खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने ब्लॉक के सभी निजी स्कूलों को सूचीबद्ध करें।अगर कोई निजी स्कूल आरटीई के तहत दाखिले से मना करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्या है RTE की व्यवस्था ?
दरअसल, गरीब बच्चों को फ्री और अनिवार्य शिक्षा के लिए राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 (RTE) लाया गया था। इस योजना के तहत 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा की गारंटी दी जाती है. 4 अगस्त 2009 को संसद में RTE एक्ट को लाया गया था और एक अप्रैल 2010 को लागू कर दिया गया था। इसके तहत 14 साल तक के बच्चों को अपने आसपास के किसी भी निजी स्कूल में दाखिला लेने का अधिकार है। भारत सरकार द्वारा संसद में बनाए गए RTE एक्ट के तहत उत्तर प्रदेश में लाखों बच्चों को फ्री में पढ़ाया जा रहा है। UP News












