Uttar Pradesh News उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक ऐसा मामला संज्ञान में आया है जहां पुलिस वालों एक ग्यारह साल के बच्चे को मरा दिखाकर उसकी हत्या के जुर्म में तथाकथित आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। इस बच्चे ने भी सुप्रीम कोर्ट में पहुंचकर अपने जीवित होने का प्रमाण सुप्रीम कोर्ट को दिया। जिसके बाद माननीय न्यायालय ने प्रमुख सचिव गृह, पुलिस अधीक्षक पीलीभीत, थाना न्यूरिया के प्रभारी निरीक्षक आदि को नोटिस जारी किया है।
फिल्मी पर्दे पर दिखती हैं ऐसी कहानियां
अधिकतर ऐसी घटनाएं फिल्मी पर्दे पर दिखाई जाने वाली ऐसी कहानियां दिखाई देती हैं। फिल्मों में जो ऐसी घटनाएं दिखाई जाती हैं वे कहीं न कहीं हकीकत से ताल्लुक रखती हैं। ऐसा ही पुलिस का एक कारनामा यूपी के पीलीभीत जिले से सामने आया है। पीलीभीत जिले के थाना न्यूरिया के रफियापुर गांव में 11 साल का एक लड़का अपने ननिहाल में रहता है। न्यूरिया पुलिस ने एक केस में उसे मृत दिखाकर कुछ लोगों को आरोपी बना दिया और इन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी थी।
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सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
इसकी जानकारी जब बच्चे के ननिहाल में हुई तो उन लोगों ने बच्चे के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस मामले में न्यायालय ने प्रमुख सचिव गृह, पुलिस अधीक्षक पीलीभीत, थाना न्यूरिया के प्रभारी निरीक्षक आदि को नोटिस जारी किया है। साथ ही हलफनामा दाखिल करने का आदेश भी दिया है।
क्या है मामला
यह मामला वर्ष 2010 का है, पीलीभीत जिले के न्यूरिया के रफियापुर निवासी चरम सिंह ने अपनी बेटी मीना की शादी थाना सुनगढ़ी के बरहा निवासी भानुप्रकाश से की थी। इनके बेटे का नाम अभय सिंह है। फरवरी 2013 में मीना की मौत हो गई थी। भानुप्रकाश और उसके परिवार के खिलाफ मीना के परिजनों ने दहेज एक्ट, मारपीट और हत्या का मामला दर्ज कराया था जोकि जिला न्यायालय में विचाराधीन है। इसी खुन्नस में इन लोगों ने जिंदा बच्चे को मरा दिखाकर इन्हें फंसाने की साजिश रची थी।
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