उत्तर प्रदेश के आईटी सिटी में घटे भूखंडों के दाम, आवासीय दर पर होगी बिक्री

अब तक आईटी सिटी में जमीन की कीमत आवासीय दर से डेढ़ गुना तय की गई थी, लेकिन नए निर्णय के अनुसार इसे घटाकर आवासीय दर के बराबर कर दिया गया है। इसके अलावा, जो निवेशक 10 एकड़ से अधिक भूमि खरीदेंगे, उन्हें आवासीय दर से लगभग 10 प्रतिशत कम मूल्य पर भूखंड उपलब्ध कराया जाएगा।

awas vikas pari
आवासीय प्लाट
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar27 Dec 2025 02:10 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित आवास विकास परिषद की वृंदावन आवासीय योजना के अंतर्गत विकसित की जा रही आईटी सिटी परियोजना में भूखंडों की कीमतों में उल्लेखनीय कटौती की गई है। परिषद की हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही भूमि मूल्य निर्धारण की नई नीति को भी स्वीकृति मिली है, जिसका असर पुरानी और आगामी दोनों योजनाओं पर पड़ेगा।

आईटी सिटी में अब आवासीय दर लागू

अब तक आईटी सिटी में जमीन की कीमत आवासीय दर से डेढ़ गुना तय की गई थी, लेकिन नए निर्णय के अनुसार इसे घटाकर आवासीय दर के बराबर कर दिया गया है। इसके अलावा, जो निवेशक 10 एकड़ से अधिक भूमि खरीदेंगे, उन्हें आवासीय दर से लगभग 10 प्रतिशत कम मूल्य पर भूखंड उपलब्ध कराया जाएगा। परिषद के अधिकारियों के अनुसार, आईटी सिटी के लिए कई बार टेंडर जारी किए गए, लेकिन अपेक्षित निवेश नहीं मिला। इसी कारण बोर्ड ने भूमि दरों में कटौती का निर्णय लिया। फिलहाल आईटी सिटी क्षेत्र में आवासीय भूखंडों की कीमत करीब 38 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर है, जो पहले आईटी श्रेणी में बढ़कर लगभग 58 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर हो जाती थी।

नई मूल्यांकन नीति से जमीन सस्ती

नई गणना नीति के लागू होने से परिषद की वे संपत्तियां, जो लंबे समय से नहीं बिक पा रही थीं, उनकी कीमतों में लगभग 25 प्रतिशत तक कमी आएगी। ऐसी संपत्तियों को पहले अनुपयोगी घोषित किया जाएगा और उसके बाद उनके रेट में संशोधन किया जाएगा। नई आवासीय योजनाओं में लगाए जाने वाले अतिरिक्त शुल्कों में भी कटौती की गई है। पार्क की ओर स्थित भूखंडों पर अब पहले के 10 प्रतिशत की जगह केवल 5 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। वहीं सेंटेज चार्ज को 20 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।

सशस्त्र बलों को अधिक छूट

पहले आओ पहले पाओ योजना के अंतर्गत अब सशस्त्र और अर्धसैनिक बलों के सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मियों को फ्लैट खरीद पर विशेष राहत दी जाएगी। 60 दिनों के भीतर भुगतान करने पर 20 प्रतिशत तक की छूट। 61 से 90 दिन में भुगतान करने पर 15 प्रतिशत।

91 से 120 दिन में भुगतान करने पर 10 प्रतिशत की छूट। यह सुविधा 31 जनवरी तक प्रभावी रहेगी।

अगले दो वर्षों में पांच नई योजनाएं

परिषद ने प्रदेश के मऊ, गाजीपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़ और गोरखपुर जिलों में नई आवासीय योजनाएं शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। प्रतापगढ़ में प्रस्तावित 141 हेक्टेयर की योजना को छह माह के भीतर लॉन्च करने की तैयारी है, जबकि मऊ की 64 हेक्टेयर की योजना एक वर्ष में शुरू होगी। शेष योजनाएं डेढ़ वर्ष की अवधि में प्रारंभ होंगी।

कानपुर मंधना योजना को मिली हरी झंडी

कानपुर की मंधना आवासीय योजना लंबे समय से भूमि विवाद के कारण अटकी हुई थी। अब परिषद ने तीन गांवों में लैंड पूलिंग मॉडल के तहत जमीन लेने का फैसला किया है। इसके अंतर्गत किसानों से जमीन लेकर उन्हें बदले में 25 प्रतिशत विकसित भूमि दी जाएगी। इस योजना का कुल क्षेत्रफल लगभग 229 हेक्टेयर है। परिषद ने उन शैक्षिक भूखंडों पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है, जिन पर वर्षों से निर्माण नहीं हुआ है। ऐसे भूखंड धारकों को एक महीने के भीतर भवन मानचित्र स्वीकृत कराने का अवसर दिया जाएगा। निर्धारित समय में प्रक्रिया पूरी न करने पर जुर्माना या आवंटन निरस्तीकरण किया जा सकता है। प्रदेश भर में ऐसे करीब 100 भूखंड हैं।

गाजियाबाद वसुंधरा योजना में किसानों को राहत

गाजियाबाद की वसुंधरा योजना-3 में वर्षों से किसानों की लंबित मांग को पूरा किया गया है। अब प्रभावित किसानों को पहले दिए गए 25 वर्ग मीटर की बजाय 35 वर्ग मीटर के भूखंड दिए जाएंगे। इससे परिषद की लगभग 350 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन को उपयोग में लाने का रास्ता साफ हो गया है। अब ई-नीलामी में ऊंची बोली लगने के बाद सौदा रद्द होने की स्थिति में हर बार कीमत नहीं बढ़ाई जाएगी। यदि दो बार नीलामी के बाद भी संपत्ति नहीं बिकती है, तो उसे परिषद द्वारा निर्धारित दर पर दोबारा नीलामी में रखा जाएगा। इससे लखनऊ, कानपुर समेत अन्य शहरों की करीब 50 फंसी हुई संपत्तियों के बिकने की संभावना बढ़ेगी। प्रतापगढ़ आवासीय योजना में किसानों से सहमति के आधार पर जमीन खरीदी जाएगी और डीएम सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। मुरादाबाद में नगर निगम व खुफिया विभाग के लिए भूखंडों के उपयोग में बदलाव। 

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बड़ा खुलासा: उत्तर प्रदेश में पुनर्विवाह के बाद भी ‘विधवा’ बन उठा रही थी लाभ

अब सरकार ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में कल्याणकारी योजनाओं की राशि गलत तरीके से लेने वालों से एक-एक पैसा वसूला जाएगा इसी के तहत रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

विधवा पेंशन में ‘डबल खेल’ उजागर
विधवा पेंशन में ‘डबल खेल’ उजागर
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 11:25 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के कानपुर से विधवा पेंशन को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। जिला प्रोबेशन विभाग की सत्यापन कार्रवाई में सामने आया कि जिले की 33 महिलाएं दूसरी शादी के बाद भी खुद को “विधवा” बताकर सरकारी पेंशन का लाभ ले रही थीं। जैसे ही नाम जांच की रडार पर आए, विभाग ने बिना देरी किए उनकी पेंशन तत्काल रोक दी। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में कल्याणकारी योजनाओं की राशि गलत तरीके से लेने वालों से एक-एक पैसा वसूला जाएगा इसी के तहत रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

सत्यापन में खुली पोल

उत्तर प्रदेश के कानपुर में विधवा पेंशन योजना के सत्यापन अभियान ने विभाग के लिए कई चौंकाने वाले तथ्य खोल दिए हैं। जिले में पात्र महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सहायता दी जाती है और विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक 73,436 महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हैं। लेकिन इसी जांच के दौरान पता चला कि 33 महिलाओं ने पुनर्विवाह कर लिया था, फिर भी वे लगातार पेंशन लेती रहीं। ब्लॉकवार आंकड़ों में बिल्हौर, बिधनू और पतारा से 6-6 मामले सामने आए, जबकि कल्याणपुर और घाटमपुर में 5-5, शिवराजपुर में 4 और सरसौल में 1 मामला दर्ज हुआ। विभाग का कहना है कि दस्तावेज़ी जांच और स्थानीय रिपोर्टिंग के आधार पर अनियमितता पकड़ी गई, जिसके बाद संबंधित लाभार्थियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

“एक-एक पाई वसूली जाएगी” – प्रशासन का सख्त संदेश

जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह के अनुसार, जिन महिलाओं के खिलाफ पुनर्विवाह के बाद भी विधवा पेंशन लेने की पुष्टि हुई, उनके नाम तत्काल लाभार्थी सूची से हटाकर पेंशन बंद कर दी गई है। विभाग ने दो टूक कहा है कि नियमों का उल्लंघन कर उठाई गई राशि अब रिकवरी के जरिए वापस ली जाएगी। इसे उत्तर प्रदेश सरकार की ‘पारदर्शिता और पात्रता’ नीति के तहत सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा हैकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ वास्तविक हकदारों तक पहुंचे और फर्जीवाड़े पर जीरो टॉलरेंस रहे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इस प्रकरण के बाद सत्यापन को नियमित बनाने, फील्ड स्तर पर निगरानी बढ़ाने और रिकॉर्ड अपडेट की प्रक्रिया को और कसने की तैयारी है, ताकि आगे किसी भी स्तर पर फर्जी लाभार्थियों के लिए जगह न बचे।

आवास विकास में भी रिकवरी की तैयारी

उधर, उत्तर प्रदेश में आवास विकास से जुड़े एक अलग प्रकरण में भी भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने की तैयारी तेज हो गई है। आवास विकास परिषद ने 50 से अधिक सेवानिवृत्त अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई को हरी झंडी दे दी है। चूंकि कई आरोपी अब रिटायर हो चुके हैं, इसलिए कहीं सीधे रिकवरी की जाएगी तो कहीं नियमों के तहत पेंशन से 50 प्रतिशत तक कटौती का रास्ता अपनाया जाएगा। विभागीय जानकारी के मुताबिक, एक मामले में करीब 5.87 करोड़ रुपये की गंभीर अनियमितता सामने आई थी, जिसमें प्रॉपर्टी डीलर जगत नारायण शुक्ला को बिना रकम जमा कराए ही भुगतान/रिफंड का लाभ दे दिया गया। अब इस फाइल पर भी वसूली के आदेश जारी कर दिए गए हैं और जिम्मेदारों की भूमिका की परत-दर-परत जांच आगे बढ़ाई जा रही है। UP News

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उत्तर प्रदेश की अयोध्या में रिकॉर्ड भीड़, VIP स्लॉट फुल

इस अभूतपूर्व आवागमन का असर मंदिर व्यवस्था पर भी साफ दिख रहा है। राम मंदिर में 1 जनवरी तक वीआईपी दर्शन के सभी पास पूरी तरह फुल हो चुके हैं, और अब भीड़ प्रबंधन उत्तर प्रदेश प्रशासन व ट्रस्ट के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब
अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 10:50 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश की आस्था-राजधानी अयोध्या इन दिनों श्रद्धा के विराट सागर में बदल चुकी है। कड़ाके की ठंड के बीच भी रामनगरी में भक्तों का सैलाब लगातार उमड़ रहा है देश के कोने-कोने से लेकर विदेशों तक से श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन को पहुंच रहे हैं। रामपथ, घाटों और प्रमुख मंदिर मार्गों पर इतनी भीड़ है कि शहर का दृश्य किसी महाकुंभ से कम नहीं लगता। इस अभूतपूर्व आवागमन का असर मंदिर व्यवस्था पर भी साफ दिख रहा है राम मंदिर में 1 जनवरी तक वीआईपी दर्शन के सभी पास पूरी तरह फुल हो चुके हैं, और अब भीड़ प्रबंधन उत्तर प्रदेश प्रशासन व ट्रस्ट के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

रोज बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या : ट्रस्ट का दावा

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, पिछले एक महीने से श्रीराम मंदिर में श्रद्धालुओं की आमद लगातार रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रही है। नए साल की दस्तक और आने वाले धार्मिक कार्यक्रमों के चलते यह रफ्तार फिलहाल थमने वाली नहीं दिखती। ट्रस्ट का आकलन है कि अगले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में भीड़ और ज्यादा घनी होगी, ऐसे में दर्शन-व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन को लेकर तैयारियों को और मजबूत किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी तैयारी

डॉ. अनिल मिश्रा के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण और ट्रैफिक मैनेजमेंट में किए गए सुधारों का सीधा लाभ अब श्रद्धालुओं को दिख रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी, तय रूट प्लान और प्रशासन की मुस्तैदी के कारण भारी भीड़ के बावजूद दर्शन-व्यवस्था काफी हद तक सुचारु बनी हुई है। ट्रस्ट ने साफ किया कि पास जारी करने की संख्या पहले से तय है रोजाना 6 स्लॉट में पास बनाए जाते हैं और हर स्लॉट में 400 पास निर्धारित हैं। इसी वजह से बढ़ती भीड़ के बीच 1 जनवरी तक सभी स्लॉट पहले ही फुल हो चुके हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रस्ट ने मंदिर परिसर और आसपास व्यवस्थाओं को और मजबूत किया है। आरती पास से लेकर विशिष्ट पास तक सभी तरह के पास पूरी तरह निशुल्क रखे गए हैं। यात्रियों के लिए यात्री सुविधा केंद्र, बैठने की समुचित व्यवस्था, और बुजुर्गों, दिव्यांगों व जरूरतमंद श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

प्लिंथ पर उकेरे गए रामकथा प्रसंग

डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य अब पूर्ण हो चुका है और मंदिर-परिसर के परकोटे का निर्माण भी पूरा कर लिया गया है। खास बात यह है कि मंदिर के प्लिंथ (आधार भाग) पर प्रभु श्रीराम के जीवन से जुड़े प्रमुख प्रसंगों को बेहद कलात्मक और जीवंत शिल्प में उकेरा गया है जिसे देखते ही श्रद्धालु ठहर जाते हैं और भाव-विभोर हो उठते हैं। उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में उमड़ती यह अपार श्रद्धा यही संकेत दे रही है कि श्रीराम मंदिर अब केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि देश के साथ-साथ दुनिया भर के भक्तों के लिए एक स्थापित आध्यात्मिक केंद्र बन चुका है, जहां आस्था के साथ संस्कृति और कला भी एक साथ बोलती नजर आती है। UP News


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