Yellow Gate: बात चाहे गाजियाबाद की हो, नोएडा की हो या ग्रेटर नोएडा की। यदि आपको 200 मीटर जाना है तो फिर आपको दो से तीन किमी का चक्कर लगाना पड़ता है। इसमें आपका समय और पैसा लगता है। ऐसा आदेश है कि आप सार्वजनिक अर्थात आम रास्ते को बंद नहीं कर सकते। क्योंकि, हर लिंक रोड जो जनता के आवागमन के लिए बनाया गया है उसको बंद करना अपराध है। लेकिन, कहीं भी आप देख लीजिए हर कालोनी के रास्ते पर उसी कालोनी के रहने वालों ने येलो गेट लगाकर आम रास्ता बंद कर रखा है।
Yellow Gate
लगता है, यह आम रास्ता इन कालोनीवासियों की अपनी जागीर बन चुकी है। कुछ वर्ष पहले गाजियाबाद में नगर निगम, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण व जिला प्रशासन ने इन गेटों को उखाड़ने का आदेश दिया था। इस पर शुरू में अमल भी किया गया। कुछ जगहों पर गेट हटाए भी गए लेकिन, कुछ दिनों बाद इन विभागों को सांप सूंघ गया। अर्थात वे शांत बैठ गए। कारण, कई कालोनियों में कुछ रसूखदार तो कुछ अधिकारी किस्म के लोग रहते हैं। उन्होंने दलील दी थी कि पुलिस उनके कालोनी की सुरक्षा नहीं कर सकती। इसलिए उन्होंने अपनी सुरक्षा खुद करने के लिए अपनी कालोनियों के लिंक रोड पर येलो गेट लगाकर रास्ते को बंद कर दिया है।
इसका विरोध आम लोगों ने भी किया था। कुछ जगहों पर आम लोगों व कालोनीवालों में मारपीट तक कि नौबत आई थी। आम लोगों ने प्रशासन से सहयोग मांगा तो बाद में यही विभाग के लोगों व अधिकारियों ने कालोनीवालों का फेवर करते हुए अपने हाथ खड़े कर लिये। बात करें गाजियाबाद की तो गोविंदपुर, राजनगर, कवि नगर, पटेल नगर, लोहिया नगर, आदि क्षेत्रों में तो नोएडा व ग्रेटर नोएडा के अधिकतर सेक्टरों में येलो गेट लगाकर आम रास्ते को ब्लाक कर रखा गया है।
आम लोगों ने इन येलो गेटों को हटाने की मांग करते हुए कालोनीवासियों के खिलाफ कार्रवाई करने भी मांग की है। ताकि इनको सबक मिले और आम लोगों को राहत।