Uttrakhand : ऋषभ पंत की जान बचाने वाले ड्राइवर कंडेक्टर होंगे सम्मानित




Ankita Murder Case : देहरादून। कांग्रेस नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग को लेकर यहां धरना दिया।
रावत ने एक रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता की हत्या के मामले में जारी विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच को लेकर असंतोष जताया और आरोप लगाया कि रिजॉर्ट में आए उस अति महत्वपूर्ण व्यक्ति (वीआईपी) को संरक्षण दिया जा रहा है, जिसे ‘अतिरिक्त सेवाएं’ देने का दबाव अंकिता पर बनाया गया था।
उन्होंने कहा कि हमारा धरना अंकिता और उत्तराखंड की उन सभी बेटियों को न्याय दिलाने के लिए है, जिनका बलात्कार किया गया और हत्या की गई। वीआईपी का नाम अभी तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया है?
धरना यहां गांधी पार्क में सोमवार को शुरू हुआ और मंगलवार दोपहर 12 बजे समाप्त हुआ। अंकिता भंडारी ऋषिकेश के पास पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर इलाके में वनंतरा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी। रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों की मिलीभगत से इस साल सितंबर में उसकी कथित तौर पर हत्या कर दी थी क्योंकि उसने एक वीआईपी को ‘अतिरिक्त सेवा’ प्रदान करने से इनकार कर दिया था।
बहरहाल, सत्तारूढ़ भाजपा ने रावत के धरने को मीडिया का ध्यान खींचने के लिए राजनीतिक पैंतरा करार दिया।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उन्हें 2017 से राज्य में सभी जगह चुनावों में हार मिली है और सुर्खियों में रहने के लिए यह उनका एक और पैंतरा है। भाजपा की प्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा कि उनका धरना राजनीतिक नाटक है। यह हरीश रावत की अपनी पहचान को बचाने की लड़ाई है।
उन्होंने कहा कि एसआईटी की जांच में कोई खामी नहीं है और उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी मामले की सीबीआई जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है, इसलिए एसआईटी की जांच पर संदेह नहीं किया जा सकता।
Ankita Murder Case : देहरादून। कांग्रेस नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग को लेकर यहां धरना दिया।
रावत ने एक रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता की हत्या के मामले में जारी विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच को लेकर असंतोष जताया और आरोप लगाया कि रिजॉर्ट में आए उस अति महत्वपूर्ण व्यक्ति (वीआईपी) को संरक्षण दिया जा रहा है, जिसे ‘अतिरिक्त सेवाएं’ देने का दबाव अंकिता पर बनाया गया था।
उन्होंने कहा कि हमारा धरना अंकिता और उत्तराखंड की उन सभी बेटियों को न्याय दिलाने के लिए है, जिनका बलात्कार किया गया और हत्या की गई। वीआईपी का नाम अभी तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया है?
धरना यहां गांधी पार्क में सोमवार को शुरू हुआ और मंगलवार दोपहर 12 बजे समाप्त हुआ। अंकिता भंडारी ऋषिकेश के पास पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर इलाके में वनंतरा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी। रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों की मिलीभगत से इस साल सितंबर में उसकी कथित तौर पर हत्या कर दी थी क्योंकि उसने एक वीआईपी को ‘अतिरिक्त सेवा’ प्रदान करने से इनकार कर दिया था।
बहरहाल, सत्तारूढ़ भाजपा ने रावत के धरने को मीडिया का ध्यान खींचने के लिए राजनीतिक पैंतरा करार दिया।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उन्हें 2017 से राज्य में सभी जगह चुनावों में हार मिली है और सुर्खियों में रहने के लिए यह उनका एक और पैंतरा है। भाजपा की प्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा कि उनका धरना राजनीतिक नाटक है। यह हरीश रावत की अपनी पहचान को बचाने की लड़ाई है।
उन्होंने कहा कि एसआईटी की जांच में कोई खामी नहीं है और उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी मामले की सीबीआई जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है, इसलिए एसआईटी की जांच पर संदेह नहीं किया जा सकता।

Uttrakhand : देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सिखों के 10वें गुरु, गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी थी। उन्होंने कहा कि ऐसे महान बलिदानों ने ही भारत की आजादी की ‘नींव’ रखी।
सिखों के 10वें गुरु के साहिबजादों के शहादत दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। उधमसिंह नगर जिले के नानकमत्ता स्थित गुरु नानक अकादमी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धामी ने कहा कि इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों (बेटों)- बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह- को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को ऐसे महान बलिदानों की कहानी सुनाएं जिन्होंने भारत की आजादी की नींव रखी।
धामी ने इस मौके पर शहीद उधम सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और विद्यार्थियों को सम्मानित करने के साथ-साथ गुरु नानक अकादमी परिसर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रयोगशाला का उद्घाटन किया।
शहीद उधमसिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बहादुर शहीद उधम सिंह ने लंदन में जनरल डायर की हत्या कर जालियांवाला बाग में निर्दोष भारतीयों के नरसंहार का बदला लिया।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, इससे पहले धामी ने गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब जाकर मत्था टेका और राज्य की खुशी, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना की।
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) गुरमीत सिंह ने भी यहां राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में गुरु गोबिंद सिंह और उनके चारों साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
Uttrakhand : देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सिखों के 10वें गुरु, गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी थी। उन्होंने कहा कि ऐसे महान बलिदानों ने ही भारत की आजादी की ‘नींव’ रखी।
सिखों के 10वें गुरु के साहिबजादों के शहादत दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। उधमसिंह नगर जिले के नानकमत्ता स्थित गुरु नानक अकादमी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धामी ने कहा कि इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों (बेटों)- बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह- को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को ऐसे महान बलिदानों की कहानी सुनाएं जिन्होंने भारत की आजादी की नींव रखी।
धामी ने इस मौके पर शहीद उधम सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और विद्यार्थियों को सम्मानित करने के साथ-साथ गुरु नानक अकादमी परिसर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रयोगशाला का उद्घाटन किया।
शहीद उधमसिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बहादुर शहीद उधम सिंह ने लंदन में जनरल डायर की हत्या कर जालियांवाला बाग में निर्दोष भारतीयों के नरसंहार का बदला लिया।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, इससे पहले धामी ने गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब जाकर मत्था टेका और राज्य की खुशी, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना की।
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) गुरमीत सिंह ने भी यहां राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में गुरु गोबिंद सिंह और उनके चारों साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित की।