Uttarakhand News : रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद से, देश के कई राज्यों में भगवान राम से जुड़े कई किस्से लोगों की तरफ से सुनाएं जा रहे हैं। इन किस्से कहानियों को एक नया रूप देते हुए देवनगरी उत्तराखंड ने नई पहल की शुरूआत की है। हाल ही में उत्तराखंड के शिक्षा विभाग ने अपने पाठ्यक्रम में भगवान राम के उत्तराखंड से जुड़े किस्से-कहानियों को शामिल करने की तैयारी शुरू कर दी है।
नए सिलेबस में जोड़ा जाएगा चैप्टर
आपको बता दें उत्तराखंड शिक्षा विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने हाल ही में बताया कि शिक्षा विभाग ने भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा के बाद ‘उत्तराखंड की विरासत’ नाम से एक नई पहल की शुरूआत की है। ‘उत्तराखंड की विरासत’ नाम से बनाए गए नए सब्जेक्ट को उत्तराखंड के सीबीएसई और उत्तराखंड बोर्ड के स्कूलों की कक्षा 1 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में लाया जाएगा। बताया जा रहा है कि भगवान राम के देवभूमि आगमन और उनके यहां (उत्तराखंड) बिताए गए समय पर कुछ चैप्टर होंगे। इसके अलावा भगवान राम के देवप्रयाग में रघुनाथ मंदिर के बारे में डिटेल में जानकारी दी जाएगी।
उत्तराखंड में कई जगहों पर है भगवान राम के मंदिर
उत्तराखंड शिक्षा विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि राज्य में 18 से अधिक ऐसी जगह हैं, जो सीधे तौर पर भगवान राम से ताल्लुक रखती है। उत्तराखंड के ऋषिकेश, देवप्रयाग, उत्तरकाशी, और पिथौरागढ़ में भगवान राम के पौराणिक मंदिर स्थित हैं। जिनके बारे में इन किताबों में बताया जाएगा।
2025 में शुरू होगी नई नीति
उत्तराखंड सरकार का प्रयास है की वह इस पहल को साल 2025 में लागू करके एक नई शुरुआत करें। यह पहल भगवान राम के सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को स्कूलों में प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है। इससे छात्रों को भगवान राम की कथाओं और पौराणिक महत्व का अध्ययन करने का भी अवसर मिलेगा। Uttarakhand News
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