Motivational Life story By Puneet Sharma : आज हम आपको जीरो से हीरो बनने की एक अदभुत यात्रा पर ले चलते है। यह यात्रा ढेर सारे उन भारतीय युवाओं के जीवन को बदल सकती है जो जीवन में कुछ बड़ा करने का सपना देख रहे हैं या कभी देखा था। आज आपको यह यात्रा पूरी पढ़नी चाहिए, क्योंकि यह एक ऐसा किस्सा है जो कभी कभी सामने आता है।
Motivational Life story
यूपी के गरीब परिवार में हुआ था जन्म
यूपी के रहने वाले यशस्वी का जीवन का सफर बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा है। एक गरीब परिवार में जन्मे यशस्वी मात्र 11 साल की छोटी आयु में आंखों में क्रिकेट खेलने का सपना लेकर मुंबई आ गए थे। सपनों की नगरी मुंबई में आना तो आसान है, लेकिन यहां टिकना बहुत मुश्किल है।
जीवन की मुश्किलों से जब सामना होता है, तो अच्छे-अच्छों के हौसले टूट जाते हैं, मगर यशस्वी किसी और ही मिट्टी के बने हैं, इसलिए वो टूटे नहीं और मुसीबतों का सामना किया और आखिरकार जायसवाल ने टीम इंडिया के लिए खेलने के अपने सपने को पूरा किया।
संघर्षों का दूसरा नाम हैं यशस्वी जायसवाल
यूपी में जन्में यशस्वी के पिता एक दुकान पर काम किया करते थे, परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी। लेकिन यशस्वी के मन में शुरू से ही क्रिकेटर बनने की इच्छा थी। इसीलिए उन्होने बचपन में ही 11 साल की उम्र में मुंबई (Mumbai) जाने का निर्णय लिया। यहां आकर उनके संघर्ष का दौर शुरू हुआ। यशस्वी यहां आकर एक तबेले में रहने लगे, जहां वो काम भी करते थे।
सुबह 5 बजे उठ कर यशस्वी तबेले में काम किया करते थे। इसके बाद वो आजाद मैदान (Azad Maidan) जाकर क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे। फिर एक दिन उन्हें तबेले (Stables) से भी निकाल दिया गया, बेघर यशस्वी आजाद मैदान आ गए। फिर वो मुस्लिम युनाटेड क्लब के टेंट में रहने लगे, जहां कोई सुविधा नहीं थी, न बिजली और ना ही टॉयलेट। उस टेंट में यशस्वी ने जैसे तैसे करके 3 साल गुजारे।
अपने सपने के लिए यशस्वी ने पानी पूरी तक बेची
इस दौरान जीवन यापन के लिए उन्होंने पानी पूरी (Pani Puri) और चाट बेचने तक का काम किया। लेकिन उन्होंने अपनी प्रैक्टिस जारी रखी और अपना क्रिकेटर बनने का सपना नहीं टूटने दिया। इसी दौरान आजाद मैदान में यशस्वी की मुलाकात हुई कोच ज्वाला सिंह से। जिनका खुद क्रिकेटर बनने का सपना पूरा नहीं हो सका था। उन्हें यशस्वी में क्रिकेट का भविष्य नजर आया। इसलिए उन्होंने यशस्वी की मदद करने का निश्चय किया।
उन्होंने यशस्वी को जूते और किट दिलवाए। उनके लिए रहने की जगह ढूंढने में भी मदद की। फिर यशस्वी ने दादर यूनियन क्लब ज्वाइन किया। जहां दिग्गज क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने क्लब के खिलाड़ी के तौर पर यशस्वी को इंग्लैंड भेजा। उसके बाद यशस्वी ने मुड़कर नहीं देखा, फिर वो पहले अंडर 16, और फिर अंडर 19 में टीम इंडिया के लिए खेले। वहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन करके सभी का ध्यान आकर्षित किया और अब टीम इंडिया तक का सफर तय किया।
यशस्वी जायसवाल ने पहले ही मैच में लगाया शतक
टीम इंडिया (Team India) में पहली बार एंट्री करने वाले यशस्वी जायसवाल को वेस्टइंडीज (West Indies) में बृहस्पतिवार को डेब्यू का अवसर मिला और उन्होंने इसे दोनों हाथों से भुना लिया। यशस्वी ने अपने पहले ही टेस्ट में शतक (Century) जड़ते हुए दिखा दिया, कि टीम मैनेजमेंट ने उन पर इतना भरोसा क्यों जताया है।
जायसवाल ने कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के साथ पहले विकेट के लिए 229 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की। यशस्वी ने इस साल आईपीएल 2023 (IPL 2023) में भी धूम मचाकर सभी को अपना मुरीद बना लिया था। हम आपको यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) के जीवन से जुड़ी उनकी प्रेरणादायक कहानी के बारे में बताते हैं। कैसे संघर्षों से जूझकर अपने दम पर सफल हुआ जाता है, इसका जीता जागता उदाहरण हैं यशस्वी।
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