Monday, 25 November 2024

सरकारी खजाने में 200 करोड़ की सेंधमारी वाले गिरोह का एक गुर्गा दबोचा, ‘मास्टर माइंड’ गायब Noida News

Noida News : नोएडा प्राधिकरण के सरकारी खजाने में 200 करोड़ रुपये की सेंधमारी के प्रकरण में नोएडा पुलिस को…

सरकारी खजाने में 200 करोड़ की सेंधमारी वाले गिरोह का एक गुर्गा दबोचा, ‘मास्टर माइंड’ गायब Noida News

Noida News : नोएडा प्राधिकरण के सरकारी खजाने में 200 करोड़ रुपये की सेंधमारी के प्रकरण में नोएडा पुलिस को एक और सफलता मिली है। बैंक से 200 करोड़ रुपये उड़ाने की साजिश करने वाले गिरोह के एक और सदस्य को पुलिस ने दबोच लिया है। यह जालसाज पहले डाक विभाग में नौकरी करता था। डाक विभाग में भी इसने एक बड़ा घोटाला कर रखा हैं।

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धरा गया पांचवां जालसाज

आपको बता दें कि नोएडा कमिश्नरी पुलिस नोएडा प्राधिकरण के बैंक ऑफ इंडिया के खाते से 3.90 करोड़ रुपये निकालने के मामले में पांचवें जालसाज को भी शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार जालसाज मास्टरमाइंड मनु पोला का करीबी है। सेक्टर-59 मेट्रो स्टेशन के पास से आरोपी गिरफ्तार दिल्ली निवासी राजेश कुमार पांडेय को जालसाजी की रकम में से पांच फीसदी मिलना था।

नोएडा जोन के डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि आरोपी राजेश कुमार पांडेय के पास से प्राधिकरण के दो फर्जी पत्र बरामद हुए हैं। पूछताछ में राजेश ने बताया कि नोटबंदी के दौरान उसकी मुलाकात इस मामले में फरार चल रहे त्यागी और मिश्रा से हुई थी। इन्हीं दोनों ने राजेश से प्राधिकरण के खाते से पैसे निकालने के लिए डील की थी। बाद में राजेश मनु पोला के करीब हो गया था। इस मामले में राजेश ने अपनी पहचान वाले सुधीर चौधरी से बात की। सुधीर की पहचान के बैंक में कुछ लोग मिल गए। इसके बाद से प्लानिंग हुई और खाते से पैसे निकाले गए। इसके बाद सेक्टर-34 में एक घर में इस मामले को लेकर सभी जालसाजों की लगातार बैठक होती रही।

राजेश का बैंक ऑफ इंडिया में आना जाना था। जब अब्दुल खादर बैंक में फर्जी खाता खुलवाने गया था, तब राजेश साथ में मौजूद था। पुलिस पूछताछ में पता चला कि राजेश डाक विभाग में नौकरी करता था। डाक विभाग में घोटाले में नाम आने पर उसे बर्खास्त कर दिया गया था।

मास्टर माइंड अभी भी गायब

इस सनसनीखेज मामले में असली ‘मास्टर माइंड’ अभी भी गायब है। नोएडा कमिश्नरी पुलिस अभी तक यह सुराग नहीं लगा पा रही है कि सरकारी खजाने को लूटने की यह पूरी साजिश रची किसने थी। यह तो स्पष्ट है कि बैंक अथवा नोएडा प्राधिकरण के अंदर का ही कोई व्यक्ति इस पूरे मामले का मुख्य साजिशकता्र रहा होगा। ‘अंदर’ की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा कांड नहीं हो सकता।

क्या है पूरा मामला ?

आपको एक बार फिर इस पूरे प्रकरण को बता देते हैं। दरअसल, नोएडा प्राधिकरण ने 23 जून 2023 को बैंक आफ इंडिया की सेक्टर 62 शाखा में FD कराने के मकसद से 200 करोड़ रुपये जमा कराए थे। FD कराने के लिए प्राधिकरण ने सभी कागज भी बैंक को भेज दिए थे। इस धन को FD में न लगाकर बैंक एक खाते में जमा किए हुए था। इसी बीच एक व्यक्ति नोएडा प्राधिकरण का एकाउंट अफसर बनकर बैंक में पहुंचा और उसने 200 करोड़ रुपये में से 3.90 करोड़ रुपये तीन अलग अलग खातों में ट्रांसफर करा दिए। बैंक ने बड़ी आसानी से यह धन अलग अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया।

3.90 करोड़ तीन खातों में जमा कराने वाला नोएडा प्राधिकरण एकाउंट अफसर एक बार फिर बैंक में पहुंचा और उसने 9 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू की। इस पर बैंक अधिकारियों को शक हुआ। बैंक के अधिकारियों ने नोएडा प्राधिकरण से जानकारी की तो बैंक से लेकर प्राधिकरण तक में हड़कंप मच गया। पता चला कि अब्दुल खादर नाम का जो व्यक्ति बैंक को नोएडा प्राधिकरण का एकाउंट अफसर बता रहा है उस नाम का कोई अधिकारी पूरे नोएडा प्राधिकरण में है ही नहीं।

इस बीच वह फर्जी एकाउंट अधिकारी धीरे से खिसक लिया। इस प्रकार नोएडा प्राधिकरण के 200 करोड़ पूरे के पूरे तो डूबने से बच गए किंतु चार करोड़ की ठगी हो गई। नोएडा प्राधिकरण के लेखा अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने इस पूरी ठगी, जालसाजी व सेंधमारी का मामला नोएडा के सेक्टर 58 थाने में दर्ज कराया था। Noida News

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