Friday, 15 November 2024

जानलेवा साबित हो रहा है Nipah Virus, जानें कैसे फैलता है ये, क्या है इसका लक्षण और कैसे करे बचाव ?

Nipah Virus : चमगादड़ से फैलने वाला निपाह वायरस केरल के कोझिकोड में दस्तक दे चुका है। यहां अब तक…

जानलेवा साबित हो रहा है Nipah Virus, जानें कैसे फैलता है ये, क्या है इसका लक्षण और कैसे करे बचाव ?

Nipah Virus : चमगादड़ से फैलने वाला निपाह वायरस केरल के कोझिकोड में दस्तक दे चुका है। यहां अब तक निपाह वायरस से फैले संक्रमण के चार मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से दो लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इस वायरस से पहले वाले संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए केरल के कुछ जिलों में लॉकडाउन जैसे हालात हो गए हैं। सरकार की तरफ से अलर्ट जारी कर दिया गया है।

निपाह वायरस ने केरल में डर का हालात पैदा कर दिया है। इस जानलेवा वायरस के संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए केरल के कन्नूर, वायनाड और मल्लपुरम के 7 ग्राम पंचायत को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। इन इलाकों में पब्लिक प्लेस, अस्पताल इत्यादि जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए केरल के कोझीकोड में लॉकडाउन जैसा हालत हो गया है। डेंजर जोन वाले इलाकों में सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम के 5:00 बजे तक सिर्फ अति आवश्यक सामान की दुकानें और मेडिकल स्टोर खोलने की इजाजत है।

निपाह वायरस (Nipah Virus) को लेकर एक्सपर्ट की राय:

निपाह वायरस को लेकर एक्सपर्ट की क्या राय है ? एक्सपोर्ट के मुताबिक यह कैसा वायरस है और कैसे फैलता है ?आगे जानिए –

क्या है Nipah Virus, कैसे फैलता है ये ?

एक्सपोर्ट के मुताबिक निपाह वायरस एक तरह का जूनोटिक इंफेक्शन है। यह मुख्यतः जानवरों जैसे चमगादड़, सूअर इत्यादि से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो सबसे पहले साल 1998 में निपाह वायरस संज्ञान में आया था। ये सबसे पहले मलेशिया के सुंगई निपाह गांव में पाया गया था, इस गांव के नाम पर ही वायरस का नाम निपाह रखा गया।

यह वायरस चमगादड़ और सूअर जैसे जानवरों से अन्य जानवरों और इंसानों में फैलता है। और एक इंसान से दूसरे इंसान में लार खून अथवा बॉडी फ्लूड के माध्यम से फैलता है।

Nipah Virus के संक्रमण के लक्षण –

निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति में शुरुआती दौर में बुखार, सिर दर्द और सांस लेने में समस्या जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है आगे खांसी, गला खराब होना, उल्टी, दस्त, मसल्स पेन, और अत्यधिक कमजोरी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

आगे जैसे-जैसे समस्या गंभीर होती जाती है अत्यधिक कन्फ्यूजन, बोलने में परेशानी, बेहोशी आना, दौरे पड़ना और सांस लेने में अत्यधिक समस्या होने लगती है।

एक्सपोर्ट की माने तो वायरस के शुरुआती लक्षण दिखाई देते ही, व्यक्ति को सतर्क हो जाना चाहिए अन्यथा संक्रमण के बढ़ जाने पर स्थिति पर काबू पाना अत्यंत मुश्किल हो जाता है।

कैसे करें संक्रमित व्यक्ति की देखभाल :

यदि किसी व्यक्ति की टेस्टिंग में निपाह वायरस (Nipah Virus) संक्रमण पॉजिटिव आए, तो सर्वप्रथम संक्रमित व्यक्ति को क्वॉरेंटाइन कर दें, ताकि संक्रमण उस व्यक्ति से किसी और में न फैले। संक्रमित व्यक्ति की देखभाल करते समय पी किट का इस्तेमाल अवश्य करें। डॉक्टर के सलाह के बिना कोई भी दवा ना खिलाए।

निपाह वायरस से बचने के लिए रखे इन बातों का ध्यान –

निपाह वायरस मुख्यतौर पर चमगादड़ों, सूअर इत्यादि से इंसानों में फैलता है, इससे बचने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें –
1. जानवरों द्वारा काटे गए फलों, सब्जियों इत्यादि को खाने से बचें।

2. सूअर घोड़े चमगादड़ इत्यादि जानवरों से दूरी बनाकर रखें।

3. कुछ भी खाने पीने से पहले हाथों को भली भांति धुल लें, समय-समय पर हाथों को मेडिकेटेड साबुन अथवा सैनिटाइजर से साफ करते रहें।

4. घर की साफ सफाई के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट केमिकल का इस्तेमाल करें।

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