Wednesday, 27 November 2024

Success Story: फ्रूटी की सफलता की कहानी ,कैसे मिली अलग पहचान और बनी करोड़ो का ब्रांड

Success Story Of Frooti: जब हम कही घूमने या फिर मार्केटिंग करने जातें है तो  हमें प्यास लगती है हम…

Success Story: फ्रूटी की सफलता की कहानी ,कैसे मिली अलग पहचान और बनी करोड़ो का ब्रांड

Success Story Of Frooti: जब हम कही घूमने या फिर मार्केटिंग करने जातें है तो  हमें प्यास लगती है हम मार्केट से जूस कोल्ड़ ड्रिंक या फ्रूटी जरुर पीते हैं ।हर बच्चें की पहली पसंद फ्रूटी होती है ।फ्रूटी को उनके चाहने वालों से एक अलग ही पहचान मिली है ।ये एक ऐसा उत्पाद हैं जिसने बच्चों के साथ बड़ो के बीच आम की लालसा को संतुष्ट किया है ।फ्रूटी को मार्केट लीडर बनाने का श्रेय पारले एग्रो की चीफ मार्केटिंग ऑफिसर और ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर नादिया चौहान को जाता है।

फ्रूटी करती है हर दिलों पर राज:

Success story of frooti

आज फ्रूटी दुनिया के लाखों बच्चों और बड़ो के दिलों पर राज करती हैं ।समृद्ध और रसदार फ्रूटी का एक घूँट ही फलों के असली राजा आम को पीने का अहसास कराती हैं ।इसका स्वादिष्ट आम का स्वाद आपको कुछ ही समय में तरोताजा कर देता है।

पारले ग्रुप की शुरुआत:

पारले ग्रुप की शुरुआत 1929 में मोहनलाल चौहान ने मुंबई के विले पारले में की थी। शुरुआत मे इस कंपनी ने सिर्फ बेकरी आइटम बनाए ।ब्रेड, बन, रस्क टोस्ट जैसे आइटम से शुरुआत करने वाली इस कंपनी ने 10 साल बाद बिस्कुट बनाना शुरु किया।आजादी से पहले उन्हें इस उत्पाद  केवल ब्रिटिश आर्मी को सप्लाई करने का लाइसेंस मिला था। देश की आजादी के बाद कंपनी ने पारले-जी बिस्कुट बेचना शुरू किया।1977 मे जब देश के उत्कृष्ट ब्रांड कोका कोला ने मार्केट मे कदम रखा तो पारले ग्रुप ने गोल्ड स्पॉट, थम्स अप और लिम्का को बाजार में उतारा।

टेट्रा पैक की शुरुआत:

Success story of frooti

पारले एग्रो देश में टेट्रा पैक लाने वाली पहली कंपनी थी।टेट्रा पैक से भरतीय लोग अज्ञात थे।अन्य पेय पदार्थ काँच की बोतलों मे बेचा जाता था जो की उपभोग के बाद दुकान मे वापिस करना होता था।लेकिन आप फ्रूटी के इस पैक को अपने साथ कही भी ले जा सकतें थे।पारले एग्रो की संयुक्त एमडी और सीएमओ नादिया चौहान का कहना है की एक अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के दौरान उन्होनें टेट्रा पैक देखा था।

Success Story Of Frooti: नादिया चौहान ने 17 साल की उम्र मे बिजनेस सम्हाला:

फ्रूटी उत्पाद को 1984 मे लॉन्च किया गया था। फ्रूटी की सफलता के लियें पारले एग्रो के अध्यक्ष प्रकाश चौहान जिम्मेदार हैं ।2003 तक पारले एग्रो 300 करोड़ रुपये की कंपनी बन चुकी थी।साल 2003 में कंपनी के चेयरमैन प्रकाश जयंतीलाल चौहान की बेटी नादिया चौहान ने कंपनी की मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभाली।इस समय उनकी उम्र मात्र 17 साल थी।इनका जन्म कैलिफोर्निया में हुआ था और वह मुंबई में पली-बढ़ीं हैं। उन्होंने कॉमर्स की पढ़ाई की।जब वह महज 11 साल की थी तब वे अपने पिता के साथ ऑफिस जाया करती थी।इनकी दिलचस्पी बिजनेस मे तभी से बढ़ती गई ।

फ्रूटी  की पैकिंग मे हुए बदलाव:

Success story of frooti

जब नादिया चौहान ने बिजनेस सम्हाला तब उन्होने फ्रूटी मे कई बदलाव किये।मसलन फ्रूटी की पैकिंग पहले हरे रंग की होती थी। जो बाद मे बदल कर पीले रंग के टेट्रा पैक मे आने लगी।जो पके हुए आम का रंग होता है ।साल 2004 मे उन्होने फ्रूटी  का च्जोता समोसा पैक भी लॉन्च किया जो हर गाँव ,गली, नुक्कड़ मे काफी प्रचलित रहा ।इसका मूल्य मात्र 2.5 रुपये था जो आम आदमी की पहुच मे था।इससे कंपनी की सेल में काफी इजाफा हुआ। भारत में आम को फलों के राजा के रूप में देखा जाता है और फ्रूटी से लोग हर मौसम में आम का स्वाद ले सकते हैं।विविधीकरण की आवश्यकता को पहचानते हुए और एक ही उत्पाद पर निर्भरता कम करने के लिए, नादिया ने एप्पी फ़िज़ और एलएमएन जैसी नई पेशकशों की शुरुआत की। टेट्रा पैक में पहला फ्रूट ड्रिंक होने से लेकर पीईटी बोतल में पहला ड्रिंक होने तक, फ्रूटी ने हर तरह से नवप्रवर्तन किया है।यही बात वास्तव में फ्रूटी को सबसे भरोसेमंद ब्रांडों में से एक और भारत का सबसे पसंदीदा आम पेय बनाती है।इनकी टैग लाइन “मैंगो फ्रूटी – फ्रेश एंड जूसी” ने मार्केट मे लीडर के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद की है।

आज पारले एग्रो 8,000 करोड़ रुपये की कंपनी है। पारले एग्री ने फ्रूटी के अलावा एप्पल ड्रिंक Appy Fizz और पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर Bailley के जरिए भी मार्केट में अपना अलग मुकाम बनाया है।

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