Wednesday, 25 December 2024

उत्पन्ना एकादशी पर हो रहा है दो शुभ योग का निर्माण,जानिए व्रत का शुभ समय

हर साल मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाता है

उत्पन्ना एकादशी पर हो रहा है दो शुभ योग का निर्माण,जानिए व्रत का शुभ समय

Utpanna Ekadashi 20223 Date : सनातन धर्म मे कई प्रकार के व्रत और उपवास किये जातें हैं । सभी व्रत में सबसे ज्‍यादा महत्‍व एकादशी व्रत का होता है। हर साल मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाता है । इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी पूजा की जाती है ।

एकादशी का व्रत को करने से मन मे स्थिरता आती हैं ,धन,आरोग्य,और संतान की प्राप्ति होती हैं । इस व्रत को करने से पिछ्ले जन्म के पापों का नाश होता है । इस व्रत को करने से माता लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है । तो आइये जानते हैं व्रत का शुभ मुहूर्त,पूजा विधि।

पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का शुभ समय:

उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की तिथी  8 दिसंबर को प्रातः काल 05 बजकर 06 मिनट पर शुरु होगी।
दूसरे दिन 9 दिसंबर को प्रातः 06 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी।

व्रत पारण समय:

व्रती 9 दिसंबर दिन शनिवार को दोपहर के 01 बजकर 15 से लेकर दोपहर 03 बजकर 20 मिनट  पर अपने व्रत का पारण कर सकतें हैं ।

पूजा विधि:

1)एकादशी के दिन साधक को प्रातः काल उठ कर श्री हरी का ध्यान करतें हुए शुद्ध जल से स्नान कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए ।

2)इस दिन श्री हरी विष्णु जी की पूजा के लियें धूप,दीप,पुष्प आदि से पूजन करना चाहिए ।

3)पहले गंगाजल से विष्णु जी के चित्र को स्नान करायें फिर पुष्प और तुलसी दल अर्पित करे।
4)विष्णु जी के साथ लक्ष्मी जी का भी पूजन करे और इन्हें फल और मीठे का भोग लगाएं ।

5)एकादशी को तुलसी ना तोड़ें,आप इसे एक दिन पहले से तोड़ कर रखें ।

6)पूजा की समाप्ति पर क्षमा प्रार्थना अवश्य करें ।पूजा के दौरान हुई गलती की क्षमा मंगनी चाहिए ।

7)उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत करने से भक्तों को हर प्रकार की पाप से मुक्ति मिलती और मोक्ष के रास्ते खुलते हैं ।

व्रत रखने के नियम:

1)व्रत के एक दिन पहलें सात्विक भोजन का ही सेवन करना चाहिए।

2)दशमी की रात को दातून या ब्रश से मुह साफ करके सोना चाहिए ।
3)दश्मी को सूर्यास्त से पहले भोजन कर लेना चाहिए । क्योंकि यह व्रत दशमी से आरंभ होता है और द्वादशी के दिन पारण के बाद समाप्त होता है।

4)व्रत वाले दिन हमे क्रोध और लड़ाई से बचना चाहिए । ऐसा करने से व्रत खंडित हो जाता है।

दो शुभ योग का निर्माण:Utpanna Ekadashi 20223 Date 

इस बार एकादशी के विशेष दिन पर दो अत्यन्त शुभ योग का निर्माण हो रहा है । यह शुभ अवसर पर सौभाग्य योग पूरे दिन रहेगा, साथ ही इस दिन हस्त नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। इस अद्भुत संयोग को पूजा-पाठ के लिए अत्यंत फलदाई माना जाता है। आप इस दिन पूजा करके इस शुभ अवसर का पूरा लाभ उठायें

कब मनाई जाएगी उत्पन्ना एकादशी? इस साल 2 दिन व्रत के लिए जान लें शुभ मुहूर्त 

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