Baghpat News: उत्तर प्रदेश के बागपत से चौकाने वाला मामला सामने आया है। जहां बागपत जिले के रहने वाले एक युवक को 12 साल पहले एक पुलिसकर्मी की हत्या के आरोप में जेल भेजा गया था। जमानत पर बाहर आने के बाद युवक ने खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए कानून की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद युवक ने खुद ही अपने ऊपर लगे केस की पैरवी करके 12 साल बाद हत्या के मामले से दोष मुक्त हुआ।
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अमित का कहना है कि बारह साल बाद जब वो दोष मुक्त हुआ तो मानों उसका दोबारा जन्म हुआ हो। एलएलएम कर चुका ये युवा अब नेट की तैयारी कर रहा है। इस युवा का कहना है कि वो प्रोफेसर बनकर अपना मुकद्दर संवारेगा।
पुलिसकर्मी की हत्या का लगा था आरोप
बागपत जिले के किरठल गांव के रहने वाले अमित पर साल 2011 में एक पुलिसकर्मी की हत्या का आरोप लगा था। इस मामले में अमित लगभग दो साल तक जेल में रहा। लेकिन इस मामले में जमानत मिलने के बाद उसने वकालत की पढ़ाई की। जिसके बाद अमित ने अपने केस की पैरवी भी खुद ही की, और बारह साल बाद अदालत ने उनको दोष मुक्त कर दिया है।
लॉ की पढ़ाई के बाद खुद ही की पैरवी
आपको बता दे कि जब अमित ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा था, तभी एक पुलिसकर्मी की हत्या के मामले में फंसने के कारण उसका करियर चौपट हो गया था। जिसके लिए वो जेल चला गया। लेकिन अमित को पता था कि वो बेगुनाह है, बस इसी बात को साबित करने के लिए उसने खुद ही वकील बनकर पैरवी करने की ठानी।
12 साल बाद हुआ दोषमुक्त
अमित चौधरी ने बताया कि लगभग 2 साल जेल में रहा। जेल में ऐसे लोगों को देखा जो परेशान थे और अपने केस की पैरवी नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में दो साल बाद जेल से जमानत पर छूटने पर वकालत की पढ़ाई पूरी की और खुद अपने केस की पैरवी की। कोर्ट में बहस और गवाहों सहित सबको जांचने-परखने के बाद कोर्ट ने 12 साल बाद मुझे पुलिसकर्मी की हत्या के आरोप में दोषमुक्त करार दिया है।
Baghpat News बेकसूर अमित पर लगी थी गैंगस्टर की धारा
बताया जा रहा है कि अमित पर इस मामले में गैंगस्टर की कानूनी धारा लगी थी। हत्या की साजिश रचने वाले कुख्यात कैल गिरोह का हिस्सा होने का आरोप लगाते हुए अमित को दो साल से ज्यादा वक्त तक सलाखों के पीछे रहना पड़ा। जेल में रहते हुए अमित ने सौगंध ली कि वो खुद अपनी पैरवी करेगा। जेल से निकलते ही पहले अमित ने ग्रेजुएशन पूरी की, फिर लॉ और एलएलएम के बाद अमित ने अपने केस की पैरवी खुद करते हुए आखिरकार माथे पर लगा दाग मिटा दिया।
सेना में नौकरी करने का था सपना
अमित का कहना है कि वह सेना में शामिल होना चाहता था। जिसके लिए वह तैयारी भी कर रहा था। लेकिन जिंदगी उसको जेल तक ले गई। अमित अब आपराधिक न्याय में पीएचडी करना चाहता है और प्रोफेसर बनना चाहता है। अमित ने बताया कि एक वक्त उसके पास एक भी पैसा नहीं था। अपने केस की पैरवी करना तो दूर खाने तक के लिए पैसे नहीं थे। उस समय उसके दोस्तों ने हर तरीके से उसकी मदद की।
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