Friday, 29 November 2024

UP News : मायावती को याद कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान, CM योगी से भी वही उम्मीद

UP News :  आप इस समाचार के शीर्षक (हैडिंग) का पढक़र चौंक सकते हैं। यह शीर्षक बिल्कुल सत्य और जमीनी…

UP News : मायावती को याद कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान, CM योगी से भी वही उम्मीद

UP News :  आप इस समाचार के शीर्षक (हैडिंग) का पढक़र चौंक सकते हैं। यह शीर्षक बिल्कुल सत्य और जमीनी हकीकत पर आधारित है। आज उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती  (Mayawati) को बड़ी शिददत के साथ याद कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अधिकतर गन्ना किसानों को पूर्व CM मायावती (Mayawati) वाली ही उम्मीद उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से भी है। उन्हें उम्मीद है कि CM योगी उनको बिल्कुल भी निराश नहीं करेंगे।

गन्ने के रेट से जुड़ा है मामला

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के किसानों की पूरी आर्थिक व्यवस्था गन्ने पर निर्भर करती है। खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान गन्ना उत्पादन से ही अपनी रोजी रोटी चलाते हैं। उत्तर प्रदेश पूरे भारत में महाराष्ट्र के बाद सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक प्रदेश है। गन्ना उत्तर प्रदेश के अधिकतर किसानों की मुख्य फसल है। पिछले 7 वर्षों से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) मुख्यमंत्री हैं। इन सात सालों में गन्ने का भाव केवल 35 रूपये प्रति कुंतल बढ़ा है। इस समय उत्तर प्रदेश के तमाम गन्ना किसान (Sugarcane Farmer) तथा किसान संगठन गन्ने का भाव बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। प्रदेश में चीनी मिल अक्टूबर से चल रहे हैं किन्तु जनवरी आने तक भी गन्ने का भाव तय नहीं हुआ है। पूरे उत्तर प्रदेश के किसान रात-दिन गन्ने का भाव तय होने की प्रतीक्षा में हैं।

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मायावती ने बढ़ाया था सबसे ज्यादा भाव

आपको बता दें कि वर्ष-2007 से वर्ष-2012 के बीच जब सुश्री मायावती (Mayawati)  उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं तो उन्होंने गन्ने का भाव 130 रूपए प्रति कुंतल तक बढ़ाया था। उसके बाद अखिलेश यादव ने वर्ष-2012 से लेकर 2017 के बीच गन्ने का भाव 65 रूपए कुंतल तक बढ़ाया था।

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं।

अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने केवल 35 रूपए कुंतल गन्ने के भाव को बढ़ाया था। अब किसानों को उम्मीद है कि इस बार गन्ने के भाव को 100 रूपए कुंतल तक बढ़ाकर योगी आदित्यनाथ मायावती (Mayawati)  के रिकार्ड को तोड़ सकते हैं। ऐसा हुआ तो गन्ने के किसानों को खूब लाभ होगा। गन्ने का रेट बढऩे का सीधा लाभ भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव-2024 में मिलेगा। अभी तक अपने कार्यकाल में गन्ने का भाव बढ़ाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती सबसे आगे हैं। इसी कारण गन्ना किसान बड़ी शिददत के साथ सुश्री मायावती को याद कर रहे हैं।

मात्र 350 रूपए कुंतल है गन्ने का भाव

आपको यह भी बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस समय गन्ने का भाव 350 रूपए कुंतल है। यह भाव अर्ली वैरायटी के लिए है। गन्ने की जनरल वैरायटी का भाव 340 रूपए कुंतल है। गन्ना किसानों का कहना है कि गन्ना उत्पादन में एक कुंतल गन्ने पर कम से कम 400 रूपए का खर्च आता है। गन्ने के उत्पादन में होने वाली जीतोड़ मेहनत में लगने वाली श्रमशक्ति अलग है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान इस समय कम से कम 70 रूपए प्रति कुंतल भाव बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar)  जिले के गढ़ी नौआबाद गांव में रहने वाले किसान भारतबीर सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उन्हें बहुत सारी उम्मीदे हैं। पिछले सात वर्ष में उन्होंने गन्ने का भाव 35 रूपए कुंतल बढ़ाया है। अब वें गन्ने का भाव 100 रूपए कुंतल बढ़ाकर मायावती द्वारा बढ़ाए गए 130 रूपए कुंतल के भाव का रिकार्ड तोड़ सकते हैं।
शामली जिले के आदमपुर गांव के रहने वाले किसान चौधरी रामबीर सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार को गन्ने का भाव तुरंत बढ़ा देना चाहिए। उनका कहना है कि गन्न उत्पादन में 400 रूपए प्रति कुंतल से अधिक का खर्च आता है। उसमें लेबर भी जोड़ दे तो यह खर्च 425 रूपए कुंतल हो जाता है। इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार को गन्ने का भाव कम से कम 450 रूपए प्रति कुंतल करना चाहिए। इसी प्रकार की राय अनेक किसानों ने जाहिर की है।

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