Lok sabha Elections : भारत का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक पर्व जल्दी ही आने वाला है। जी हां भारत में लोकसभा के आम चुनाव को भारत का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक पर्व माना जाता है। अप्रैल महीने में भारत में लोकसभा चुनाव 2024 होने वाले हैं। क्या आपको पता है कि भारत दुनिया का सबसे अधिक वोटर ( मतदाता) वाला देश हैं। यही कारण है कि भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है। हम आपको विस्तार से बताते हैं कि भारत में कुल कितने वोटर यानी (मतदाता) है।
साथ ही यह भी बताते हैं कि भारत में महिला मतदाता कितनी है?
भारत में सबसे ज्यादा मतदाता
आपको बता दें कि पूरी दुनिया में भारत सबसे ज्यादा मतदाता संख्या वाला देश है। भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक इस समय भारत में 97 करोड़ मतदाता हो गए हैं। इनमें 49 करोड़ 72 लाख पुरुष मतदाता (voter) तथा 47 करोड़ 15 लाख महिला मतदाता है। इस प्रकार आप देखेंगे कि महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं के आसपास पहुंच गई है। इतनी बड़ी संख्या में महिला मतदाता केवल भारत में ही है। दुनिया का कोई देश मतदाता संख्या के मामले में भारत के आसपास भी नहीं ठहरता है।
भारत निर्वाचन आयोग की घोषणा
आपको बता दें कि भारत में चुनाव कराने का काम भारत निर्वाचन आयोग के पास हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने बताया है कि भारत में सबसे ज्यादा वोटर इस साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में नई सरकार चुनने के लिए करीब 97 करोड़ लोग मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश में मतदाताओं की यह सबसे बड़ी संख्या है। लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में पंजीकृत मतदाता छह प्रतिशत बढ़े हैं।
निर्वाचन आयोग के मुताबिक, 18 से 29 वर्ष के 2.63 करोड़ मतदाता नई सूची में जोड़े गए हैं। इनमें 1.41 करोड़ महिला मतदाता हैं। पुरुषों की संख्या 1.22 करोड़ है। आयोग के मुताबिक, देश में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 96.88 करोड़ हो गई है, जो 2019 में 89.6 करोड़ थी। 88.35 लाख मतदाता दिव्यांग हैं। सर्वाधिक वोटरों के साथ 2024 का चुनाव नया रिकॉर्ड बनाएगा।
निर्णायक भूमिकाएं निभाएंगी महिला वोटर
नए वोटरों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढऩे से मतदाता लैंगिक अनुपात सुधरा है। 2024 में यह अनुपात 948 प्रति हजार पुरुष हो गया है। 2023 में यह 940 था।
सबसे ज्यादा वोटर उत्तर प्रदेश में Lok sabha Elections
आपको यह भी बता दें कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 15.30 करोड़ मतदाता हैं। लक्षद्वीप में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 57 हजार से अधिक हैं। देशभर में घर-घर किए गए सत्यापन के बाद करीब 1.65 करोड़ नाम हटाए गए हैं। इनमें 67.82 लाख ऐसे नाम मिले, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। 75.11 लाख स्थायी तौर पर दूसरी जगह जाकर बस चुके हैं या फिर मिले ही नहीं।