Chaitra Navratri 2024 : चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथी से हिंदू नववर्ष नवसंवत्सर विक्रम संवत की शुरुआत होती है । इसी दिन से चैत्र नवरात्र की भी शुरुआत भी होती हैं । इस बार चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को रात्रि 11:50 मिनट से शुरु हो रही हैं । यह तिथी 9 अप्रैल को रात्रि 8:30 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म मे किसी भी शुभ कार्य के लिये उदय तिथी ही मान्य होती हैं । इस बार माता रानी का आगमन अश्व पर हो रहा हैं । आइये जानते हैं कि माता रानी का ये आगमन कैसा होगा।
नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल 2024 से हो रहा है:
नव संवत्सर और वासंतिक नवरात्र के शुभारंभ पर इस बार माता रानी अश्व पर सवार होकर आयेंगी और हाथी पर सवार हो कर जायेंगी। उदय तिथि के अनुसार नवरात्रि का और नव संवत्सर का शुभारंभ 9 अप्रैल 2024 से होगा। कुछ राज्यों में नवरात्रि को गुड़ी पड़वा के नाम से भी जाना जाता है। 18 अप्रैल को दशमी के साथ चैत्र नवरात्र का समापन हो जायेगा।
अश्व पर माता रानी का आगमन देता है आपदिक घटनाओं के संकेत:
ज्योतिषियों की माने तो अश्व पर सवार हो कर माता रानी होना शुभ नही माना जाता हैं । इस बार नवरात्रि का आरंभ मंगलवार को हो रहा हैं और जब नवरात्रि का आरंभ मंगलवार को होता हैं तो माता रानी का आगमन अश्व पर होता हैं उनका वाहन अश्व होता हैं ।घोड़े को युद्ध का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि जब माता का आगमन घोड़े पर होता है, तो समाज में अस्थिरता, तनाव अचानक बड़ी दुर्घटना, भूकंप चक्रवात, सत्ता परिवर्तन, युद्ध आदि की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका रहती है। देश दुनिया मे इसके अशुभ और गंभीर परिणाम देखने को मिल सकतें हैं । कई प्रकार की आपदिक घटनाएँ भी घट सकती हैं ।
माता का प्रस्थान हाथी पर होगा बहुत ही शुभ:Chaitra Navratri 2024
लेकिन माता रानी का प्रस्थान शुभ माना जा रहा हैं ।नवरात्रि तिथि का समापन 18 अप्रैल को दशमी के साथ नवरात्रि का समापन हो रहा है । इस दिन माता रानी हाथी पर प्रस्थान करेंगी जो की एक शुभ संकेत हैं । जिससे माता रानी भक्तों को सुख-समृद्धि देकर विदा होंगी। यह अच्छी बारिश, खुशहाली और तरक्की का संकेत है। इस विक्रमी नवसंवत्सर के साथ ही पिंगला शोभकृत नामक शक संवत 1946 भी आरंभ होगा।
कैसे करे पूजा की मां प्रसन्न हो:Chaitra Navratri 2024
माता रानी की पूजा मे क्षमा प्रार्थना अवश्य की जानी चाहिए । नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए उनके नौ रूपों की पूजा-अर्चना पूरे सच्चे मन से करनी चाहिए । नौ दिनो मे देवी का पाठ करने से माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं । इन नौ दिनो मे अखंड ज्योत जलाने का भी विधान है । जो भक्त्गण नौ दिनो का उपवास रखते हैं और मां की पूजा करते हैं माता रानी उनके जीवन की सारी बाधाओं और कष्टों का अंत कर देती हैं । मां की पूरे नौ दिन विधिवत पूजा करने के बाद माता से क्षमा मांगें ताकि माता प्रसन्न हो और फल दें।
Chaitra Navratri 2024 घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:24 से 10:28 बजे तक रहेगा। इस दिन सुबह 7:32 बजे से पूरे दिन अमृत सिद्धि व सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:30 से 12:54 बजे तक रहेगा। इस समय पूजा का विशेष विधान होता हैं ।