UP News : देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC में सफलता हासिल करने वाले लोगों की कहानियां देश के युवाओं के लिए बड़ी प्रेरणा बन रही है। उत्तर प्रदेश के ऐसे ही एक बेटे पर आज पूरा देश नाज कर रहा है। इस बेटे ने गरीबी में कड़ा संघर्ष कर UPSC-2023 की परीक्षा उत्तीर्ण कर 239 ऑल इंडिया रैंक (AIR) हासिल की है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मजदूर के बेटे पवन कुमार के संघर्ष की कहानी आज सबकी जुबान पर है।
परीक्षा कठिन पर पास करना असंभव नहीं
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के गांव रघुनाथपुर निवासी पवन कुमार ने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा-2023 के घोषित परिणाम में 239वीं रैंक प्राप्त कर उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है। पवन की इस सफलता पर परिजनों में खुशी की लहर है। साथ ही उसे बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। अपनी इस उपलब्धि पर पवन कुमार कहते हैं कि ये मेरा तीसरा प्रयास था, मेरी यात्रा में मेरे परिवार की बहुत बड़ी भूमिका है। खासकर मेरे माता-पिता व मेरी बहनों की। परीक्षा कठिन है और सिलेबस बहुत बड़ा है, लेकिन इसे पास करना असंभव नहीं है। पवन कुमार का मानना है कि कोचिंग लेना जरूरी नहीं, सेल्फ स्टडी से इस कठिन परीक्षा को पास किया जा सकता है। पवन ने बताया कि उनके परिवार की हालत ऐसी नहीं थी कि इतनी महंगी कोचिंग क्लास ले सकें। इसलिए वह ज्यादातर सेल्फ स्टडी करते थे और इंटरनेट की मदद लेते थे। उनका कहना है कि ईमानदारी के साथ आगे बढ़े और दृढ़ता के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। पवन कुमार ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और बहनों को दिया है।
पिता बोले सपना पूरा हुआ
UPSC-2023 में सफलता हासिल करने वाले पवन कुमार के पिता किसान है और माता सुमन देवी गृहणी है। उनकी चार बहने हैं। सबसे बड़ी बहन गोल्डी बीए की परीक्षा के बाद एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती हैं। दूसरी बहन सृष्टि वर्तमान में बीए की परीक्षा दे रही है। सबसे छोटी बहन सोनिया कक्षा 12 की पढ़ाई कर रही है। पिता मुकेश कुमार ने अपने पुत्र की कामयाबी पर खुशी जताते हुए कहा कि मेरा सपना पूरा हो गया। पवन ने 2017 में नवोदय स्कूल से इंटर की परीक्षा पास की थी। इसके बाद इलाहाबाद से बीए की परीक्षा पास की थी।
फूस की छत है जो बारिश में टपकती थी
UPSC-2023 परीक्षा पास करने वाले पवन कुमार की माता सुमन देवी बेटे की इस सफलता पर बेहद खुश है। उन्होंने कहा कि हमें अच्छा लग रहा है कि हमें यह दिन देखने को मिला। हमारे पास फूस की छत है जो बारिश में टपकती थी इससे हमे बहुत परेशानी हुई। हमारे पास पैसे नहीं है, हम गैस सिलेडर खरीदने में सक्षम नहीं है इसलिए अभी भी स्टोव का प्रयोग करते हैं । मैंने एक मजदूर के रूप में कड़ी मेहनत की है। सुमन देवी ने बताया कि उनका बेटा पवन कुमार मोबाइल का उपयोग करके घर में चुप-चाप पढ़ाई करता था।
खास जानकारी : उत्तर प्रदेश की एक बेटी ने रच दिया नया इतिहास
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