UP News : भारत की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट के सबसे बड़े जज ने एक बड़ा फरमान सुनाया है। भारत के मुख्य न्यायधीश (सबसे बड़े जज) न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने भारत की सभी अदालतों से कहा है कि किसी भी अदालत को जमानत के मामले में बिना किसी कारण के देर नहीं करनी चाहिए। उन्होंने निचली अदालतों के जजों से साफ कहा कि वें बिना डरे बेझिझक होकर जमानत देने पर अपना फैसला सुनाएं।
क्या बोले भारत के सबसे बड़े जज ?
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश (सीजेआई) भारत के सबसे बड़े जज माने जाते हैं। भारत के सुप्रीम कोर्ट के जेजेआई रविवार को एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति डीवाई चन्द्रचूड़ ने कहा कि जिन नागरिकों को निचली अदालतों में ही जमानत मिल जानी चाहिए दुर्भाग्य से उन्हें वहां जमानत नहीं मिल पाती है। मजबूरन जमानत के मामले हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट के पास आते हैं। दरअसल ज्यादातर मामलों को सुप्रीम कोर्ट तक आने की जरूरत ही नहीं होती ट्रॉयल कोर्ट से ही जमानत मिल जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के सबसे बड़े जज ने साफ कहा कि निचली अदालतों के जजों को बेझिझक होकर बिना किसी डर के जमानत के मामलों में फैसला सुनाना चाहिए।
जमानत के मुददे पर खुलकर बोले सुप्रीम कोर्ट के मुखिया
भारत में सुप्रीम कोर्ट का मुखिया कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को ही कहा जाता है। रविवार को सुप्रीम कोर्ट के मुखिया डीवाई चन्द्रचूड ने बर्केले सेंटर के तुलनात्मक समानता और भेदभाव विरोधी 11वें वार्षिक सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि असल में अपराध के गंभीर मामलों में ट्रायल कोर्ट में जमानत मिलने में सबसे ज्यादा देरी होती है। क्योंकि कई बार शक होने पर भी न्यायाधीश यह सोचकर जमानत न देना ज्यादा बेहतर समझते हैं कि कहीं उनके फैसले को किसी संदेह की नजर से न देखा जाए। सीजेआई ने कहा कि हर मामला अलग होता है और ट्रायल कोर्ट न्यायाधीशों को अपनी समझ का इस्तेमाल कर उसकी बारीकियों को परखना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि यह भूसे में सुई ढूंढ़ने जितना ही जटिल काम है। UP News
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