PM Modi: भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बने हुए 10 साल से भी अधिक समय हो गया है। PM मोदी के कार्यालय PMO का दावा है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से आज तक PM मोदी ने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली है।PMo का यह भी दावा है कि PM मोदी ध्यान-साधना करते समय भी छुट्टी पर नहीं बल्कि डयूटी पर तैनात रहते हैं।
PMO ने बताया कि हर समय डूयटी पर रहते हैं PM
हाल ही में बीबीसी के न्यूज पोर्टल ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सूचना अधिकार के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जानना चाहा था कि कन्याकुमारी में पीएम मोदी ने जो 45 घंटे बिताए उन्हें सरकारी रिकॉर्ड में कैसे दर्ज किया गया है।
आवेदन के जवाब में पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोई छुट्टी नहीं ली है। जवाब में यह भी बताया गया कि ‘प्रधानमंत्री हर वक्त ड्यूटी पर रहते हैं’। पीएमओ ने बताया है कि मई 2014 में जबसे पीएम मोदी ने कार्यभार संभाला है तबसे उन्होंने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली है।
भारत के प्रधानमंत्री कैसे लेते हैं छुट्टी PM Modi
प्रधानमंत्री के छुटटी लेने की प्रक्रिया के विषय में भारत के पूर्व कैबिनेट सचिव चंद्रशेखर ने बताया कि भारत में ऐसा कोई सिस्टम नहीं है जिसके तहत पीएम छुट्टियों की अर्जी डालते हों या फिर छुट्टी माँगते हों, पहले के दौर में जब भी प्रधानमंत्रियों को अपने लिए समय निकालना होता था तब वे राष्ट्रपति को इस बात की जानकारी दे दिया करते थे, और कैबिनेट सचिव को भी अवगत कराते थे। यह साफ़ नहीं है कि पीएम मोदी ने किसी मंत्री को कन्याकुमारी जाने से पहले जि़म्मेदारी सौंपी थी या फिर राष्ट्रपति को कोई जानकारी दी थी।
औपचारिक तौर पर कन्याकुमारी में ध्यान करने के मामले में कोई भी सरकारी प्रेस रिलीज़ नहीं है। लेकिन पीएम मोदी के ध्यान के कई वीडियो उनके अपने यूट्यूब चैनल और न्यूज एजेंसी एएनआई पर मौजूद हैं जिन्हें कई टीवी चैनलों ने भी प्रसारित किया था। 30 मई को डीडी न्यूज ने अपनी कवरेज में बताया कि पीएम मोदी 30 मई शाम से लेकर एक जून की शाम तक कन्याकुमारी में ध्यान कर रहे हैं। 31 मई की कवरेज में एएनआई ने भी इस बात का जिक्र किया कि पीएम मोदी रात-दिन साधना में व्यस्त रहेंगे और यह साधना ध्यान मण्डपम के भीतर करेंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू ने इस विषय में कहा कि यह कहना हास्यास्पद है कि पीएम मोदी ने कन्याकुमारी में जो ध्यान किया वह उनकी औपचारिक ड्यूटी का हिस्सा है। क्या लोग जब ध्यान करते हैं तो वह इसे अपने ऑफिशियल काम या ड्यूटी के तौर पर करते हैं? “क्या कोई संगठन अपने कर्मचारी के ध्यान करने को ड्यूटी मानेगा? एक और बात, जब पीएम उपलब्ध नहीं रहते तो उनकी जि़म्मेदारी है कि किसी दूसरे मंत्री को जिम्मेदारी दें जो सरकार के कामों को चलाता रहे।”
सुधीन्द्र कुलकर्णी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सलाहकार रहे हैं। इस विषय में उनसे पूछा गया तो उन्हें इस बात में कुछ गलत नजर नहीं आता कि पीएम मोदी की साधना को ऑफिशियल ड्यूटी बताया गया है। उनका मानना है कि पीएम हमेशा ड्यूटी पर रहते हैं। प्रधानमंत्री रहते ली गई वाजपेयी की छुट्टियों को याद करके कुलकर्णी बताते हैं, “जब 2000 में उन्होंने केरल में छुट्टी ली थी तब शायद ही ऐसा कोई समय हो जब वह काम में व्यस्त नहीं थे। कुछ न कुछ उनके सामने आ ही जाता है।” वें बताते हैं कि “मुझे याद है उस दौरान वहाँ के सीएम उनसे मिलने आ पहुँचे और प्रशासन के कुछ लोग भी आए थे।
पीएम छुट्टी पर थे लेकिन छुट्टी मना रहे थे, ऐसा मानना ग़लत होगा।” “एक और बात जब आप और मैं छुट्टी लेते हैं तब जहां हम काम करते हैं वे संस्थाएँ हमारा काम किसी और को सौंपती हैं लेकिन यह बात पीएम के स्तर पर लागू नहीं हो सकती।” पूर्व कैबिनेट सचिव चंद्रशेखर ने बताया कि चाहें पीएम छुट्टी पर हों या ना हों, उनके लिए हमेशा कर क़िस्म की सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। वे कहते हैं, “जब भी ज़रूरत होती है तो उन्हें खींच लिया जाता है, पीएम का स्टाफ, एसपीजी और न्यूक्लियर ब्लैक बॉक्स हमेशा उनके साथ ही चलता है ताकि जो ज़रूरी कदम है उसे वह उठा पाएँ। मुझे कोई शक नहीं कि यह सारे इंतज़ाम पीएम मोदी जब कन्याकुमारी गये थे तब भी हुए होंगे। ” जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का ऑपरेशन होना था तब उन्होंने अपने वरिष्ठतम मंत्री प्रणब मुखर्जी को कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता करने की जि़म्मेदारी सौंपी थी। PM Modi
दाढ़ी का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, CJI चंद्रचूड़ करेंगे सुनवाई
ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।
देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।