Tuesday, 26 November 2024

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, सूचना नहीं तो वेतन भी नहीं

UP News : उत्तर प्रदेश सरकार अपने बड़े फैसले पर कायम है। उत्तर प्रदेश सरकार का यह बड़ा फैसला सरकारी अधिकारियों…

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, सूचना नहीं तो वेतन भी नहीं

UP News : उत्तर प्रदेश सरकार अपने बड़े फैसले पर कायम है। उत्तर प्रदेश सरकार का यह बड़ा फैसला सरकारी अधिकारियों तथा कर्मचारियों के लिए है। उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला यह है कि प्रदेश के कर्मचारी जब तक अपने “माल” (चल-अचल संपत्ति) की सूचना सरकार को नहीं दे देंगे तब तक उत्तर प्रदेश सरकार सरकारी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को उनका वेतन नहीं देगी।

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े फैसले के विषय में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में बड़ा फैसला लिया था। इस बड़े फैसले में तय किया गया था कि उत्तर प्रदेश सरकार के सभी सरकारी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को 30 सितंबर 2024 तक अपनी चल तथा अचल प्रोपर्टी की पूरी जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार के पोर्टल पर अपलोड करनी जरूरी है। 30 सितंबर तक जो सरकारी कर्मचारी अपनी संपत्ति (प्रोपर्टी) की जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार के पोर्टल पर अपलोड नहीं करेगा उस कर्मचारी को सितंबर महीने का वेतन नहीं दिया जाएगा। खबर है कि 20 सितंबर तक 90 प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों ने अपनी प्रोपर्टी की जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार को दे दी है।

अपने फैसले पर कायम है उत्तर प्रदेश सरकार

उत्तर प्रदेश सरकार अपने बड़े फैसले पर कामय है। उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज सिंह ने एक ताजा आदेश जारी किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के आदेश में कहा गया है कि, चल-अचल संपत्ति का ब्योरा न देने वाले राज्य कर्मचारियों के साथ ही अब उनके आहर-वितरण अधिकारी (डीडीओ) का भी वेतन रोका जाएगा।

आपको बता दें मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति की घोषणा की अंतिम तिथि 30 सितंबर है। अभी तक 84 हजार राज्य कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं किया है। शासनादेश के अनुसार, संपत्ति का ब्योरा देने वाले राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों को ही सितंबर का वेतन मिलेगा। बता दें कि 12 सितंबर तक 8,44,374 में से 7,19,807 कर्मचारियों- अधिकारियों ने ही अपनी संपत्ति का क ब्योरा दिया है। वहीं, उच्चपदस्थ सूत्रों अ के मुताबिक 22 सितंबर तक करीब 90 फीसदी कर्मी पोर्टल पर संपत्ति का ब्योरा दे चुके हैं। शासनादेश में कहा गया है कि इसकी नियमित समीक्षा डीडीओ के स्तर से भी किया जाना जरूरी है। इसलिए संपत्ति का ब्योरा न दिए जाने पर उन्हें भी जवाबदेह बनाया गया है। चल- अचल संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर दर्ज करने वाले कार्मिकों और उन कार्मिकों के आहरण वितरण अधिकारी का ही सितंबर माह का वेतन जारी किया जाएगा।

छूट की सूचना भी देनी पड़ेगी

शासनादेश में कहा गया है कि सभी विभागों और कार्यालयों के प्रमुख का यह दायित्व है कि सभी कर्मियों की संपत्ति का ब्योरा निर्धारित अवधि में पोर्टल पर दर्ज कर दिया जाए। अगर पोर्टल पर यह प्रदर्शित नहीं हो रहा है तो संबंधित नोडल अधिकारी एनआईसी से संपर्क कर समाधान निकालें। जिन कार्मिकों को संपत्ति का विवरण पोर्टल पर दर्ज करने से छूट दी गई है तो इसकी सूचना भी पोर्टल पर उपलब्ध करानी होगी। UP News

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