Wednesday, 27 November 2024

नोएडा की सारी खबर, 04 अक्‍टूबर के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा…

नोएडा की सारी खबर, 04 अक्‍टूबर के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा के प्रतिदिन के सभी समाचार अखबारों के हवाले से हम समाचार प्रकाशित करते हैं। नोएडा शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में 04 अक्‍टूबर को क्या खास समाचार प्रकाशित हुए हैं यहां एक साथ पढऩे को मिलेंगे।

Noida News:

समाचार अमर उजाला से

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “व्यावसायिक संपत्ति का जारी कर दिया फर्जी कंप्लीशन सर्टिफिकेट” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि आवासीय भूखंड योजना में आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए यमुना प्राधिकरण (यीडा) के अधिकारियों ने बड़ा खेल कर दिया। यमुना सिटी के अलग-अलग सेक्टर में आवंटित किए गए कियोस्क (व्यावसायिक श्रेणी) का पूर्णता प्रमाण पत्र (कंपलीशन) मई से लेकर जुलाई महीने की अलग-अलग तारीख में जारी कर दिया गया।

मौके पर बिना कोई काम हुए ही जारी पूर्णता प्रमाण पत्र के जरिये यह सभी 10 आवेदकों ने यमुना सिटी के आवासीय भूखंड में आरक्षण के लिए आवेदन कर दिया। सबसे अहम बात यह है कि नियमों के विरुद्ध विशेष कार्याधिकारी राजेश कुमार ने फाइल को मुख्य कार्यपालक अधिकारी तक नहीं भिजवाया। प्रबंधक से लेकर ओएसडी ने इन 10 कियोस्क का पूर्णता जारी किया था। मामला का खुलासा होने के बाद इन सभी 10 कियोस्क आवंटियों का पूर्णता प्रमाण पत्र अवैध करार कर दिया गया है।

इसके साथ ही इन्हें आवासीय भूखंड में आरक्षण के लिए अयोग्य भी कर दिया गया है। सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने इस पूरे मामले में प्रबंधक व्यावसायिक सिद्धार्थ चौधरी,  उपमहाप्रबंधक अशोक कुमार और ओएसडी राजेश कुमार सहित फाइल पर हस्ताक्षर करने रिपोर्ट वाले अधिकारियों की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं। अपर मुख्य की कार्यपालक अधिकारी श्रुति से एक सप्ताह में मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति जाएगी।

नोएडा के सभी समाचार,  03 अक्‍टूबर के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

Noida News:

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अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “खराब खानपान से ग्रेनो में पथरी हर्निया और मोटापे के मामले अधिक” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि आराम तलब जीवन शैली और खराब खानपान के चलते ग्रेटर नोएडा और आसपास के इलाकों में पथरी, हर्निया और मोटापे के मामले अधिक सामने आ रहे हैं। एक निजी चिकित्सा संस्थान में आने वाले मरीजों पर डॉक्टरों के किए गए अध्ययन और जांच में यह बात सामने आई।

ग्रेटर नोएडा में आम तौर पर पित्ताशय पथरी और हर्निया की समस्याएं देखी जा रकी हैं, जो पूरे उत्तरी भारत में एक आम समस्या है। लेकिन हाल ही में यहां किशोरों और युवाओं में मोटापे के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। जनरल सर्जन डॉ. जगदीश चंदर कहते हैं कि इसका कारण समृद्धि आने के साथ खान-पान की आदतों में बदलाव है। लोग अब पौष्टिक भोजन के साथ-साथ  अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों का भी सेवन कर रहे हैं। इसके अलावा, चिकन और अन्य खाद्य पदार्थों में स्टेरॉयड के इस्तेमाल के कारण लड़कों और लड़कियों में बालों का अत्यधिक विकास हो रहा है। मोटापा और अधिक बालों का विकास मिलकर पाइलोनिडल साइनस नामक एक गंभीर समस्या का कारण बन सकते हैं। इस बीमारी का इलाज मुश्किल होता है और सर्जरी के बाद भी दोबारा हो सकता है। डॉ. अपूर्व पांडे कहते हैं कि वर्क-फ्रॉम-होम संस्कृति के कारण लोगों की जीवनशैली अधिक निष्क्रिय हो गई है, जो वयस्कों में मेटाबोलिक डिसफंक्शन एसोसिएटेड लिवर डिजीज की बढ़ती घटनाओं का प्रमुख कारण है।

डॉ. राजेश कुमार गुप्ता कहते हैं कि कोविड-19 महामारी के बाद से, रेस्पिरेटरी एलर्जी, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं और हृदय संबंधी जटिलताओं में काफी बढ़ोतरी देखी है। एलर्जी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और दिल की बीमारियां अब 20 साल की उम्र के युवाओं में भी देखने को मिल रही हैं।

Hindi Today  News:

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Noida News: अमर उजाला ने 04 अक्‍टूबर 2044 के अंक में प्रमुख समाचार “तेज रफ्तार ट्रॉले ने सड़क किनारे जा रहे चचेरे भाइयों को कुचला”  शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि नोएडा में तेज रफ्तार ट्रॉले ने सड़क किनारे पैदल जा रहे दो चचेरे भाइयों को कुचल दिया। फेज टू स्थित नगला चौराहे के पास बुधवार देर शाम हुए इस हादसे में मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। दोनों की शिनाख्त आगरबस्ती के मदीना बड़ी मस्जिद निवासी अरमान (19) और भतीजा, अनस (15) के रूप में हुई है। कोतवाली फेज टू पुलिस ने ट्रॉले को जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रत्यक्षदर्शियों ने चालक के नशे में होने की आशंका जताई है। पुलिस को दि शिकायत में आगराबस्ती निवासी शौकीन ने कहा कि बेटा अरमान और भतीजा अनस गांव के पास ही किसी काम से गए थे।

बुधवार शाम दोनों ऑटो से उतरकर नगला चौराहे से पैदल घर आ रहे थे। नगला चौराहे के पास पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रॉले ने दोनों को कुचल दिया। ट्राला की पहिया के नीचे आने से दोनों की मौके पर मौत हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसे के वक्त ट्रॉले की रफ्तार तेज थी और चालक लापरवाही बरत रहा था।

हादसे के बाद आसपास के लोग जमा हो गए और पुलिस को सूचना दी। तब तक चालक ट्रॉला छोड़कर फरार हो गया। ट्रॉला आसपास के कंस्ट्रक्शन साइट से अटैच है। पुलिस ने मौके से ट्रॉले को जब्त कर फरार चालक की तलाश कर रही है। पुलिस की प्राथमिक जांच में पता चला है कि ट्रॉले से कंस्ट्रक्शन साइट पर मिट्टी, रेत लोडिंग अनलोडिंग का काम होता है। बुधवार शाम को काम खत्म होने के बाद चालक वापस लौट रहा था। इसी दौरान नगला चौराहे पर यह हादसा हुआ।

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समाचार दैनिक जागरण से

Noida News: दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 04 अक्‍टूबर 2044 का प्रमुख समाचार “न हुक्मरान जागे न हम, साल भर घुट रहा है शहरवासियों का दम” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि जिले में एक-दो माह नहीं बल्कि पूरे साल वायु प्रदूषण लोगों का दम घोंटता है, फिर भी खेतों में फसलों का अवशेष जलाए जा रहे हैं। जगह-जगह खोदी सड़कों व निर्माणाधीन साइट से धूल उड़ रही है। स्पष्ट है कि न तो अधिकारियों की नींद टूट रही है व न ही जनप्रतिनिधि व स्थानीय लोग चेत रहे हैं। इसी का दुष्परिणाम है कि इस साल प्रदूषण के हाट स्पाट कम होने के बजाय और बढ़ गए हैं। लोगों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। खेत में ही जला दिया फसलों का अवशेषः नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण ने अपने क्षेत्रों में किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया है, फिर  भी तमाम जमीनों पर खेती होती है। खेतों में फसलों का अवशेष जलाना प्रतिबंधित है, फिर भी कई लोग मान नहीं रहे। रविवार को ही सेक्टर-81 मेट्रो स्टेशन के पास खेतों में फसलों के अवशेष जलाए गए। इसकी तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुई। लोगों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नोएडा   प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों को कठघरे में खड़ा कर प्रतिक्रियाएं दी हैं। वीके गुप्ता वाट्सएप समूह पर इस तस्वीर संग लिखते हैं कि वायु प्रदूषण के लिए पंजाब जिम्मेदार है या नोएडा। उस समूह पर अमित गुप्ता अपनी प्रतिक्रिया देते हैं कि स्थानीय लोग, सरकार व प्रशासनिक अधिकारी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं।

उड़ती धूल पर ध्यान नहींः सांवर लाइन पेयजल लाइन, मोवाइल सेवा प्रदात कंपनियों की लाइन व विद्युत लाइ बिछाने को जगह-जगह सड़‌कें बोड गई हैं। सेक्टर-74-117 सर्विस रोक कई दिनों से खोदकर छोड़ दिया गया है। वहां मिट्टी का ढेर लगा है। बुधवार को इसको तस्वीर एक्स पर पोस्ट हुई है। जिलाधिकारी, सीईओ नोएडा प्राधिकरण व केंद्रीय प्रदूषणा नियंत्रण को तंज कसते हुए थैंक्सा लिखा गया है। वहीं, निर्माणाधीना साइटों पर मानकों का पालन नहीं होने से धूल-रेत आदि उड़ रही है।

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Noida News: दैनिक जागरण के 04 अक्‍टूबर 2044 के अंक में अगला प्रमुख समाचार “नौ लाख की बोली लगाकर बुक कराया 0001 वीआईपी नंबर” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि शौक बड़ी चीज है। यह गौतमबुद्धनगर में वाहनों के वीआइपी नंबरों की नीलामी में देखा गया। 0001 नंबर नीलामी की निर्धारित कीमत से करीब 9.5 गुणा महंगा 9.06 लाख में बिका। ग्रेटर नोएडा निवासी अर्जुन सिंह ने यह बोली लगाकर आडी कार के लिए नंबर पंजीकृत कराया। दो और वीआइपी नंबर की बोली लगीं, जो काफी महंगे बिके। एसआरटीओ प्रशासन डा. सियाराम वर्मा ने बताया कि वीआइपी नंबर 0001 की नीलामी कीमत एक लाख रुपये निर्धारित की गई थी। यह नंबर निर्धारित कीमत से कई गुना महंगी कीमत पर बिका है। इसके अलावा वीआइपी नंबर 0005 नीलामी के दौरान 3.76 में नोएडा की एक कंपनी के मालिक और 0002 नंबर एक लाख रुपये में नोएडा निवासी विमल कांत ने खरीदा। एआरटीओ ने बताया कि नीलामी की प्रक्रिया आनलाइन हुई। इसी प्रक्रिया के तहत ये सारे नंबर बोली लगाकर नीलाम हुए हैं।

Noida News:

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Noida Today News: दैनिक जागरण के 04 अक्‍टूबर के अंक में “नोएडा सेक्टर-123 में शुरू हुआ फाइबर तकनीक पर आधारित 80 एमएलडी का टीटीपी प्लांट” शीर्षक से भी समाचार प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि प्राधिकरण सीईओ डा. लोकेश एम ने महाप्रबंधक (जल) की उपस्थिति में बृहस्पतिवार शाम को सेक्टर-123 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में टर्शरी ट्रीटमेंट प्लांट (टीटीपी) का शुभारंभ किया। इसकी क्षमता 80 मिलियन लीटर डेली (एमएलडी) है। सीईओ डा लोकेश एम ने बताया कि टीटीपी के निर्माण के बाद शोधित जल के गंदापन की प्रकृति को काफी कम किया जा सकेगा। इसके फलस्वरूप इसका टोटल सस्पेंड सालिड्स और फेकल कालिफार्म की मात्रा को मानक के अनुरूप नियंत्रण किया जाना संभव हो सकेगा। यह टीटीपी फाइबर तकनीक पर आधारित है।

इसके फलस्वरूप शोधित सीवेज जल की गुणवत्ता में मानक जैसे सीओडी, बीओडी और फेकल की मात्रा और अधिक नियंत्रित कर सकेगा। साथ ही इको सिस्टम के अनुरूप सभी प्रकार से एनजीटी के दिशा निर्देशों के क्रम में उपचारित किया जा सकेगा। वर्तमान में इस प्लांट से 10-12 एमएलडी शोधित जल का उपयोग सेक्टर-69, 70, 71, 121, 122 एवं 123 के पार्कों एवं ग्रीन बेल्ट में किया जा रहा है। आगामी एक साल में लगभग 18-20 एमएलडी जल का प्रयोग सेक्टर 74, 76, 77, 78, 79, 115, 116, 117 में किया जाएगा।

यहां इस पानी की सप्लाई के लिए लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। इसी परिसर से भविष्य में एनटीपीसी दादरी को भी शोधित जल सप्लाई किया जाएगा। ये जल टावर में कूलिंग के लिए होगा। इससे पहले प्राधिकरण ने सेक्टर-54 एसटीपी में टीटीपी प्लांट का शुभारंभ किया था। वहां से शोधित जल का प्रयोग सेक्टर-54 वेटलैंड में किया जा रहा है

Noida News:

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