Haryana Election Report : चुनाव में जीतते जीतते हार जाना सभी को परेशान कर देता है। ऐसा ही जब हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार पर कांग्रेस भी सकते में आ गई। इस चुनाव में मिली हार का ठीकरा कांग्रेस ने ईसी पर फोड़ा है। हार के कारणों को लेकर रिपोर्ट तैयार की गई, जिसको सार्वजनिक किया गया। इस दौरान करण दलाल ने बताया कि हाईकमान के कहने पर फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया गया था। कांग्रेस फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के चेयरमैन करण दलाल और विधायक अशोक अरोड़ा ने आज सोमवार को प्रेस वार्ता करके यह जानकारी दी।
चुनावी नतीजे से सभी हतप्रभ
एक तरफ सभी सर्वे और रिपोर्ट्स में हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनती हुई दिखाई गई थी, लेकिन नतीजे हैरान करने वाले सामने आए। इसपर कांग्रेस ने विधिवत तहकीकात करके अपनी रिपोर्ट में तथ्यों के साथ बताया कि चुनाव के नाम पर मजाक किया गया। हालात तो ये है कि चुनाव के इतने दिन बाद भी ईवीएम का डाटा अब तक इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर नहीं है। सिर्फ चुनाव प्रतिशत ही बताया गया। चुनाव आयोग ईसी पूरी तरह बीजेपी की दासी बनी हुई है। हालत ये थी कि ईवीएम मशीनों में बीप की आवाज तक नहीं थी। जिससे भी ईवीएम में गड़बड़ी की संभावना नजर आती है।
कुछ ही सीटों पर की गई हेराफेरी
करण दलाल ने कहा कि बड़ी चालाकी से सभी सीटों पर हेराफेरी नहीं की गई कुछ सीटों पर ही ऐसा किया गया। ताकि गड़बड़ी भी हो जाए और एकतरफा भी ना दिखे। जहां-जहां हेराफेरी की गई वहां के प्रिजाइडिंग आॅफिसर आरएसएस से जुड़े बैकग्राउंड से थे। हरियाणा में हुई भाजपा की जीत मशीनों का खेल करके झूठे आंकड़ों के सहारे खेला गया। ना ही ईवीएम बैटरी को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया, फॉर्म 17-सी के भी सही वोटों की जानकारी नहीं दी गई। वोट प्रतिशत भी बार बार बदला गया। इस पर्सेंटेज के हिसाब से हर विधानसभा क्षेत्र में 15000 के करीब वोट बढ़ने का अनुमान है। यह गड़बड़ी कुछ सीटों पर ही किया गया ताकि यह एकतरफा गड़बड़ी नजर न आ सके।
ईवीएम बनाने वाली कंपनी में भाजपाई पदाधिकारी
गड़बड़ी करने के लिए पहले से तैयारी थी, ईवीएम बनाने वाली कंपनी में बीजेपी के नेता पदाधिकारी बनाए गए थे। ताकि सारी गड़बड़ी ऐसी हो जो अपने आदमी ही स्वयं इसे करें ताकि कोई जान ना सके। कांग्रेस फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के चेयरमैन करण दलाल ने आगे कहा कि 10-12 विधानसभा क्षेत्रों में कुछ ईवीएम मशीनों के वोट खराबी की वजह से गिने भी नहीं गए। मतदान वाले दिन 6 बजे के बाद जो लोग अंदर हैं, उनकी वीडियोग्राफी होनी चाहिए थी और अंदर आए उन लोगों को पर्ची दी जानी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया, क्योंकि वहां खेल चल रहा था। जिसको अंतिम समय में अंंजाम दिया गया।
ये जनता की चुनी हुई नहीं बल्कि ईवीएम के खेल से बनी सरकार है
ये जनता की चुनी हुई नहीं बल्कि ईवीएम के खेल से बनी सरकार है। मोटे तौर पर अर्बन इलाकों में ईवीएम मशीनों और अफसरशाही का खेल किया गया। कुछ चुनिंदा जगहों पर ही ईवीएम का खेल किया गया। इस चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ जब इलेक्शन प्रोसेस शुरू होने के बाद चुनाव की तारीखें बदली गईं। अगर ये आंकड़ा झूठा हो तो ये रिपोर्ट बनाने के लिए मुकदमा होना चाहिए नहीं तो हेराफेरी करने वाले अधिकारियों और नेताओं पर मुकदमा होना चाहिए। वोट प्रतिशत के हिसाब से देखा जाए तो बीजेपी को कुल पड़े वोटों में 72235 का मिसमैच है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के प्रतिशत के हिसाब से 28236 वोट ज्यादा आ रहे हैं। इस तरह बड़ी बारीकी से यह खेल किया गया, अगर सही जांच हो तो दूध का दूध, पानी का पानी नजर आ जाएगा।
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