Thursday, 16 January 2025

प्रशासन की जांच पर भरोसा नहीं, केस दर्ज होने का इंतजार

Greater Noida News : जिला प्रशासन की जांच पर भी पुलिस कमिश्नरेट को भरोसा नहीं है। यही कारण है कि…

प्रशासन की जांच पर भरोसा नहीं, केस दर्ज होने का इंतजार

Greater Noida News : जिला प्रशासन की जांच पर भी पुलिस कमिश्नरेट को भरोसा नहीं है। यही कारण है कि अगस्त, 2024 को दी गई एक तहरीर पर सूरजपुर कोतवाली में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। मामला नोएडा के सेक्टर 135 स्थित नंगली नंगला गांव की 13000 वर्ग मीटर जमीन का है जहां फर्जी आदेश से 5 लोगों के नाम जमीन दर्ज कर दी गई। सहायक अभिलेख अधिकारी की कोर्ट के तत्कालीन पेशकार व पूर्व लेखपाल पर फजीर्वाड़े में शामिल होने का आरोप है। प्रशासन 5 माह बाद भी मामले में एफआईआर होने का इंतजार कर रहा है।

5 माह बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया

नोएडा के नंगली नंगला गांव निवासी गोवर्धन पुत्र रामशरन की मौत 7 सितंबर 2003 को हो गई थी। उनके नाम गांव के सात खसरा नंबर में करीब 13000 वर्ग मीटर जमीन थी। मौत के बाद गोवर्धन की संपत्ति की विरासत को लेकर विवाद चल रहा है। आरोप है कि 20 जून, 2023 को गोवर्धन के वसीयतनामा के आधार पर 13000 वर्ग मीटर जमीन को 5 लोगों के नाम दर्ज कर दिया गया। शिकायतकर्ता व गांव के लेखपाल अमित कुमार ने शिकायत में बताया कि तत्कालीन पेशकार दीपक शर्मा ने दस्तावेजों में दर्ज करने के लिए एक आदेश दिया। 23 जून, 2023 को आदेश राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर दिया गया। आरोप है कि आदेश दर्ज होने के बाद पेशकार पत्रावली को अपने साथ ले गया। विभागीय जांच में खुलासा होने के बाद लेखपाल अमित कुमार ने सरजपुर कोतवाली में तहरीर दी लेकिन 5 माह बाद भी पुलिस ने उस पर मामला दर्ज नहीं किया है।

करीब 260 करोड़ है जमीन की कीमत

नंगली नंगला गांव नोएडा में है। वहां जमीन के रेट दो लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच चुके हंै। ऐसे में गांव ‘की 13000 वर्ग मीटर जमीन की कीमत करीब 260 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस जमीन को 5 लोगों के नाम फर्जी तरीके से दर्ज किया गया है। इसमें विभागीय अधिकारियों को मिलीभगत सामने आ रही है।

हरियाणा सीमा के सर्वे में हुआ खुलासा

अफसरों ने बताया कि हरियाणा से सीमा विवाद को लेकर नंगली नंगला गांव का सर्वे चल रहा है। सर्वे के दौरान गांव की खतौनी को सार्वजनिक किया गया। तब ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज की। आपत्ति पर जांच की गई तो आदेश की पत्रावली नहीं मिली। पत्रावली की तलाश की गई तो पता चला कि उस नंबर की पत्रावली किसी और केस की है। जो आज भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। जांच में आदेश फर्जी निकला। शक्ति मोहन अवस्थी, डीसीपी सेंट्रल ने कहा कि धोखाधड़ी और फजीर्वाड़े की शिकायत पर जांच के बाद एफआईआर दर्ज की जाती है। सर्वे विभाग के मामले की जानकारी नहीं है। अगर शिकायत आई है तो उस पर मामला दर्ज कराया जाएगा। Greater Noida News

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