सोनिया खन्ना
Dussehra Special : नोएडा। हम खुश हो जाएं कि बुराई भस्म हो गई? मौजूदा दौर में हमारे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सरोकार ऐसे हो गए हैं कि हमें रावणों को झेलना ही होगा। साल दर साल। इस हालात के लिए राजनीतिक और व्यक्तिगत सरोकार भी जिम्मेदार हैं। हमें सबसे अच्छे वही जनप्रतिनिधि और कारोबारी लगते हैं, जो कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दें। इससे आयोजकों की शान बढ़ती है और राजनीतिज्ञों को वोटों का लाभ होने की उम्मीद बलवती होती है। कभी हमने सोचा कि हर साल हम बुराई को भस्म करते हैं, बावजूद इसके साल-दर-साल ‘रावण’ का कद क्यों बढ़ जाता है।
Dussehra Special
हर साल हम शारदीय नवरात्रि में रामलीला का मंचन देखते हैं। उसके बाद दशहरे का पर्व धूमधाम से मनाते हैं। दशहरा यानि 10 सिर वाले रावण के अंत का पर्व। इसका अर्थ है बुराई पर अच्छाई की जीत। हम हर साल गगनचुंबी रावण के पुतले का दहन कर यह मान लेते हैं कि अब बुराई और अन्याय का अंत हो गया। लेकिन, क्या हमने कभी अपने बीच पनपने वाले ‘रावण’ के अंत के बारे में सोचा है। शायद नहीं, क्योंकि हमने अपने भीतर छुपा रावण दिखता ही नहीं। शायद यही कारण है कि बुराई यानि दशानन के पुतले की ऊंचाई हर साल बढ़ती जा रही है।
Srikant Tyagi Case : श्रीकांत त्यागी को नहीं मिली बेल, अब 17 अक्टूबर को होगी सुनवाई
हम बात करने जा रहे हैं नोएडा शहर में विजयादशमी पर्व पर दहन किए जाने वाले रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों की ऊंचाई के बारे में।
सेक्टर-12 के आदर्श प्राथमिक विद्यालय में बजरंग रामलीला संचालिका समिति की ओर से रामलीला का मंचन किया जाता है। दशहरे के दिन यहां रावण के पुतले का दहन होता है। समिति के अध्यक्ष शिवलाल सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष रावण के पुतले की ऊंचाई 40 फीट थी। जबकि इस वर्ष पुतले की ऊंचाई 70 फीट है।
सेक्टर-62 के सी-ब्लॉक में श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति की ओर से आयोजित लीला में पिछले वर्ष रावण के पुतले की ऊंचाई 70 फीट, कुंभकरण की 65 और मेघनाद के पुतले की ऊंचाई 60 फीट थी। समिति के महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने बताया कि इस वर्ष रावण का कद बड़ा हो गया है। उसकी ऊंचाई 90 फीट, कुंभकरण 85 और मेघनाद के पुतले की ऊंचाई 80 फीट है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष इन पुतलों को महंगाई, भ्रष्टाचार और महिला उत्पीड़न के प्रतीक के तौर पर भी दहन किया जाएगा।
सेक्टर-46 के रामलीला ग्राउन्ड में आयोजित रामलीला के बाबत श्रीराम लखन धार्मिक लीला कमेटी के अध्यक्ष विपिन अग्रवाल ने बताया कि इस साल रावण के 65 फीट, कुंभकरण 60 और मेघनाद के 55 फीट ऊंचे पुतले का दहन किया जाएगा।
दिलचस्प है कि इस साल सेक्टर-21ए स्थित रामलीला मैदान में श्री सनातन धर्म रामलीला समिति की ओर से आयोजित रामलीला में रावण का कद नहीं बढ़ा है। बीते वर्ष की तरह इस साल भी रावण के पुतले की ऊंचाई 70 फीट, कुंभकरण की 65 और और मेघनाद के पुतले की ऊंचाई 60 फीट है। समिति के महासचिव संजय बाली ने बताया कि नोएडा स्टेडियम स्थित रामलीला ग्राउन्ड में आयोजित रामलीला मंचन में अत्यधिक भीड़ होती है। परंपरा के मुताबिक पुतले के दहन के बाद भीड़ पुतले के अवशेषों को लूटने के लिए दौड़ लगाती है। इससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर इस वर्ष पुतले की ऊंचाई नहीं बढ़ाने का फैसला किया गया है।
Dussehra Special
हिन्दू धर्म के मानने वालों को परमात्मा पर विश्वास है कि सनातन धर्म की स्थापना से ही हम बुराई को जड़ से खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। बुराई का जन्म भी पुरातन काल में ही हुआ है। आसान भाषा में कहें तो हर युग में बुराई ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। त्रेता हो या द्वापर। तब, उस बुराई को खत्म करने के लिए ईश्वर को खुद धरती पर आना पड़ा था। अब तो कलियुग है। इसमें भी बुराई की जड़ें बेहद गहरी हैं। कहा जाता है कि बुराई का कद चाहे जितना भी बड़ा हो, अच्छाई उस पर विजय पा ही लेती है। लेकिन, कलियुग में इंतजार है उस ईश्वर की, जो धरती पर अवतरित होकर बुराई का सर्वनाश करे।